Raipur: रायपुर नगर निगम में भ्रष्टाचार का चौंकाने वाला मामला, अस्थाई कोविड केयर में मूल दाम से अधिक किराया देकर लाया गया सामान
Corruption in Raipur Municipal Corporation: रायपुर में कोरोना महामारी में बचाव के दौरान स्वास्थ्य सुविधा के नाम पर भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है. बीजेपी आरटीआई सेल ने इसका खुलासा किया है.
Corruption in Raipur: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में कोरोना महामारी में बचाव के दौरान स्वास्थ्य सुविधा के नाम पर रायपुर नगर निगम में भ्रष्टाचार का चौंकाने वाला मामला सामने आया है. जरूरत के सामानों का उपयोग तो किया गया लेकिन समान के मूल दाम से कहीं अधिक रुपए किराए देकर व्यक्ति विशेष को फायदा पहुंचाया गया है. इस मामले में बीजेपी आरटीआई सेल ने दस्तावेज जारी कर नगर निगम को घेरा है.
बीजेपी आरटीआई सेल ने किया खुलास
दरअसल जिले के बलबीर सिंह जुनेजा इंडोर स्टेडियम में बनाई गई अस्थायी कोविड सेंटर में लाखों रुपए का भ्रष्टाचार का बीजेपी आरटीआई सेल ने खुलासा किया है. बीजेपी आरटीआई सेल के सह मीडिया प्रभारी आलोक शर्मा ने प्रमाण के साथ इस बात का खुलासा किया है कि नगर निगम रायपुर द्वारा स्मार्ट सिटी लिमिटेड के माध्यम से 79 लाख 90 हजार 162 रुपए केवल मात्र किराये के सामान पर ही खर्च किया गया है. यदि इतने रूपए के सामान खरीदे जाते तो उसकी खरीदी का दर किराये से भी कम आता.
मूल दाम से अधिक दाम किराया देकर चुकाया
आरटीआई के माध्यम से निकाले गए दस्तावेज के अनुसार सीसीटीवी और साउंड सिस्टम पर ही 59 लाख 37 हजार 662 रुपए किराये पर खर्च किया गया है. वहीं 25 इंटरकाॅम के लिए 11 लाख 25 हजार रुपए, किराये का वायर 750 मीटर का किराया 2 लाख 96 हजार रुपए दिया गया है. इतने दर पर तो इससे अधिक वायर की खरीदी की जा सकती थी. 23 बड़े बिजली बल्ब के लिए 1 लाख 72 हजार 500 रुपए का भुगतान किराये के एवज में दिया गया है. 157 सीएफएल बल्ब भी किराये में लिए गए थे. जिसके लिए 3 लाख 14 हजार रुपए दिए गए. इतने पैसे में तो कई गुना सीएफएल बल्ब भी खरीदे जा सकते थे. वहीं 1 एसी के लिए 75 हजार रुपए और 5 कुलर के किराये का 70 हजार रुपए भुगतान किया गया.
नेता प्रतिपक्ष ने की उच्च स्तरीय जांच की मांग
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने इस मामले पर कांग्रेस पर तंज कसा है. उन्होंने कहा की देश की 3 बड़ी समस्या है कोरोना, करप्शन और कांग्रेस. रायपुर में अस्थाई कोविड सेंटर में लगभग 80 लाख रुपए के समान को किराए में लाकर लगाया गया. यदि उसका पूरा हिसाब लगाएंगे और सामानों को खरीदेंगे तो भी कम लागत आएगी. आपदा को अवसर में बदलना कांग्रेस अच्छी तरीके से जानती है. इस मामले में उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए और दोषी अधिकारियों पर कारवाई किया जाना चाहिए. इधर नगर निगम रायपुर के महापौर एजाज ढेबर इस मामले में बचते हुए बोले कि अभी कुछ बोलना जल्दबाजी हो जाएगा. मैं जानकारी लेकर अपको बताऊंगा कि आखिर क्या हुआ था.
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