Heat Stroke: तेज गर्मी में हीट स्ट्रोक से सावधान ! जानें- लक्षण और बचने के उपाय
Surguja: छत्तीसगढ़ के सरगुजा संभाग में इन दिनों जबरदस्त गर्मी पड़ रही है. हर दिन तापमान 35 डिग्री से पार जा रहा है. इस स्थिति में लोगों को लू लग रही है जिससे स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है.
Surguja News: छत्तीसगढ़ के सरगुजा संभाग में इन दिनों जबरदस्त गर्मी पड़ रही है. हर दिन तापमान 35 डिग्री से पार जा रहा है. लोग गर्मी से बचने के लिए एसी, कूलर का सहारा ले रहे है. वहीं ज्यादा गर्मी की वजह से लोगों के स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ रहा है. बता दें कि सूर्य की तेज गर्मी के दुष्प्रभाव से शरीर के तापमान नियंत्रण प्रणाली में विपरीत प्रभाव पड़ता है. जिसके कारण शरीर का तापमान अनियंत्रित होकर अत्यधिक बढ़ जाता है. जिससे शरीर में पानी और नमक की कमी हो जाती है. इस स्थिति को ही लू लगना (हीट स्ट्रोक) कहा जाता है.
हीट स्ट्रोक के यह होते हैं लक्षण
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ पी.एस. सिसोदिया ने बताया है कि लू के प्रमुख लक्षणों में तेज बुखार के साथ मुंह का सूखना तथा सिर में तेज दर्द होना, अधिक प्यास लगना, पेशाब कम होना व जलन होना, पसीना नहीं आना व भूख कम लगना, चक्कर आना तथा कभी-कभी बेहोश हो जाने जैसे लक्षण भी हो सकते हैं. इस तरह के लक्षण दिखाई देने पर तत्काल ही उपचार कराना चाहिए. तेज गर्मी के कारण लू लगने के अलावा मांसपेशियों में दर्द, थकावट तथा बेहोशी भी हो सकती है, जिसमें बुखार नहीं होता. लू से प्रभावित होने वालों का तत्काल उपचार कराना चाहिए. लू के प्रारंभिक उपचार के तहत मरीज को छायादार एवं हवादार स्थान पर रहना चाहिए. मरीज को ठंडे पानी या बर्फ से तब तक गीला करते रहना चाहिए जब तक तापमान कम न हो जाए. मरीज को सामान्य होते तक आराम करना चाहिए। अधिक पानी या अन्य उपलब्ध पेय पदार्थ जैसे कच्चे आम का पना, जल-जीरा, मट्ठा, शर्बत, नींबू पानी आदि पिलाते रहना चाहिए. ओ.आर.एस. का घोल या स्वयं बनाया गया जीवन रक्षक घोल (एक ग्लास पानी में एक चम्मच शक्कर व एक चुटकी नमक) देना अधिक उपयोगी होता है. गांवों में मितानिन डिपो होल्डर के पास प्राथमिक उपचार की दवाइयां उपलब्ध कराई गई है उसे प्राप्त कर आपात स्थिति से बचा जा सकता है. प्रारंभिक उपचार के बाद नजदीक के अस्पताल के पास ले जाकर भर्ती कर उपचार कराना चाहिए.
बचने के यह हैं उपाय
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा है कि लू से बचने के लिए बहुत अनिवार्य न हो तो धूप में बाहर नहीं जाना चाहिए. धूप में निकलते समय चेहरा, सिर और कान कपड़े या गमछे से अच्छी तरह से ढंक लेना चाहिए, ताकि गर्म हवाएं सीधे शरीर में प्रवेश न कर सके. बीच-बीच में पानी व अन्य पेय पदार्थ लेते रहना चाहिए. धूप में काम करने वालों को बीच-बीच में छायादार, स्थान में आराम करना चाहिए. लू के लक्षण जैसे चक्कर तथा सिरदर्द शुरु होते ही मरीज को ठंडे स्थान ले जाकर उपचार चालू कर देना चाहिए. ढीले-ढाले एवं हल्के रंग के कपड़े पहनना बेहतर होता है. पूरे शरीर को ढक कर रखना चाहिए. वाहन चालकों को धूप के चश्मे तथा हेलमेट का उपयोग करना चाहिए. शुद्ध पानी व पेय पदार्थ का ही सेवन करना चाहिए. गर्म से ठंडे तथा ठंडे स्थान से गर्म स्थानों पर तुरन्त नहीं जाना चाहिए तथा खुले बासी खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए. प्रारंभिक सलाह के लिए 104 आरोग्य सेवा केन्द्र से निःशुल्क परामर्श लिया जा सकता है. उल्टी, सिर दर्द, तेज बुखार की दशा में निकट के अस्पताल अथवा स्वास्थ्य केंद्र से जरूरी सलाह लेना चाहिए.
यह भी पढ़ें-