मुसलमान हुए 'दूर'... नीतीश कुमार 'मजबूर'! JDU में एक भी मुस्लिम विधायक नहीं, आंकड़ों से समझिए
Waqf Amendment Bill: बिहार में जातिगत राजनीति होती है. इसके बिना सारा समीकरण फेल है. बिहार में पसमांदा मुसलमानों की संख्या 73 फीसद है. हालांकि जेडीयू से एक भी मुस्लिम विधायक नहीं है.

Waqf Amendment Bill: वक्फ संशोधन विधेयक राज्यसभा से भी पास हो गया है. बिल के पक्ष में 128 वोट पड़े जबकि विरोध में 95 वोट पड़े. बिल के समर्थन को लेकर विपक्षी पार्टियां कह रहीं हैं कि जेडीयू और टीडीपी जैसे दल वास्तव में इस संविधान विरोधी साजिश में शामिल हैं, जिन्होंने अल्पसंख्यक अधिकारों पर हमले में बीजेपी के साथ सहयोग किया है. खैर राजनीति है तो बयानबाजी और एक-दूसरे पर हमले करना आम बात है, लेकिन सवाल है कि जब बिहार में चुनाव है तो इस बीच नीतीश कुमार की पार्टी ने ऐसा कदम क्यों उठाया? क्या जेडीयू को मुसलमानों की जरूरत नहीं? क्या कहते हैं आंकड़े?
बिहार में कितने फीसद हैं मुसलमान?
बिहार में जातिगत राजनीति होती है. इसके बिना सारा समीकरण फेल है. जिस वक्फ संशोधन बिल का मुस्लिम समाज विरोध कर रहा है उसकी जनसंख्या बिहार में 18 फीसद है. इसमें पसमांदा मुसलमानों की संख्या 73 फीसद है. कहा तो यही जा रहा है कि इस वक्फ संशोधन से पसमांदा मुसलमानों को फायदा होगा.
इस तरह सीएम से दूर होते गए मुसलमान
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2005 से बिहार की सत्ता संभाली है. 2005 के चुनाव से लेकर 2020 तक के विधानसभा चुनाव की बात की जाए तो नीतीश कुमार की पार्टी में शुरुआती समय में मुस्लिम चेहरे तो विधायक बने लेकिन अंत में यह आंकड़ा जीरो हो गया. यानी 2020 में जेडीयू से कोई मुस्लिम विधायक नहीं बना. ये आंकड़े बहुत कुछ कहते हैं. खैर सवाल तो उठेंगे ही कि आखिर नीतीश कुमार ने क्यों वक्फ का समर्थन किया?
एक नजर में चुनावी वर्ष और जेडीयू के विधायकों की संख्या देखिए
विधानसभा चुनाव 2005- जेडीयू से 04 मुस्लिम विधायक
विधानसभा चुनाव 2010- जेडीयू से 07 मुस्लिम विधायक
विधानसभा चुनाव 2015- जेडीयू से 05 मुस्लिम विधायक
विधानसभा चुनाव 2020- जेडीयू से 00 मुस्लिम विधायक
ललन सिंह ने कहा था- मुसलमान नीतीश को नहीं देते वोट
अब एक बयान से पूरी बात को खुद समझिए. पिछले (2024) साल जेडीयू के वरिष्ठ नेता और वर्तमान में केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने एक कार्यक्रम में मंच से सीधे यह स्वीकार किया था कि मुसलमान अब नीतीश कुमार को वोट नहीं देते हैं. उन्होंने सार्वजनिक तौर पर यह बयान तो दिया लेकिन विवाद बढ़ता देख उन्होंने इस पर सफाई दी और कहा कि उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया गया है.
...और वक्फ बिल के समर्थन के बाद अब आने लगे इस्तीफे
जेडीयू ने वक्फ बिल का समर्थन किया और दो नेताओं ने बीते गुरुवार को इस्तीफा दे दिया. मोहम्मद कासिम अंसारी और मोहम्मद शाहनवाज मलिक ने पार्टी छोड़ दी है. दूसरी ओर जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव गुलाम रसूल बलियावी भी भड़के हैं. उन्होंने बहुत जल्द मीटिंग बुलाने की बात कही है. जेडीयू के एमएलसी गुलाम गौस भी नाराज हैं. देखना होगा कि ये बड़े नेता भी जेडीयू से दूर होते हैं या नहीं या फिर चुनावी साल है तो क्या निर्णय लेते हैं.
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Source: IOCL






















