मुर्शिदाबाद हिंसा पर नीतीश और लालू की पार्टी की आई प्रतिक्रिया, जानें क्या कहा?
Murshidabad violence: JDU नेता केसी त्यागी ने कहा कि बंगाल में केंद्रीय बलों के बगैर शांति हो पाएगी ऐसा अब मुश्किल लगता है. निहत्थे लोगों को मारना पीटना असंवैधानिक हैं.

Murshidabad Violence News: वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफर पश्चिमी बंगाल के मुर्शिदाबाद में हिंसक विरोध प्रदर्शन हुआ. वाहनों को आग लगाई गई, दुकानों और घरों में तोड़फोड़ कर लूट की गई. अब तक 3 लोगों की जान जा चुकी है. वहीं करीब 15 पुलिसकर्मी घायल हैं 150 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. इसी बीच मुर्शिदाबाद हिंसा को लेकर देश में राजनीति भी तेज हो गई है. इसी कड़ी में मुर्शिदाबाद हिंसा पर JD(U) नेता केसी त्यागी की प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने कहा कि मुर्शिदाबाद की घटना ने सारे देश को अचंभित और दुखी किया है.
उन्होंने कहा कि जिस तरह का नंगा नाच वहां की सड़कों पर हुआ, निहत्थे लोगों को पीटा गया, गोली चलाई गई लोग मारे गए इससे पूरा देश स्तब्ध है. केंद्रीय बलों के बगैर वहां शांति हो पाएगी ऐसा अब मुश्किल लगता है.
‘निहत्थे लोगों को मारना पीटना असंवैधानिक’
मीडिया से बातचीत के दौरान JDU नेता से पूछा गया कि बीजेपी के नेताओं का कहना है कि पश्चिमी बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कह रही हैं कि वक्फ संशोधन विधेयक बंगाल में लागू नहीं किया जाएगा और शांति की सबसे अपील की है. इस पर उन्होंने कहा कि बंगाल में वक्फ एक्ट को लागू नहीं किया जाएगा ये राज्य का अधिकार है, लेकिन उसकी आड़ में निहत्थे लोगों को मारना पीटना असंवैधानिक हैं.
‘हिंसक प्रदर्शन नहीं होना चाहिए’
वहीं राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सांसद मनोज कुमार झा की भी मुर्शिदाबाद हिंसा पर प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने कहा कि जो कुछ हो रहा है वह दुर्भाग्यपूर्ण है, रौंगटे खड़े हो जाते है यह नहीं होना चाहिए. मैं अपने दल की ओर से प्रत्येक व्यक्ति से आग्रह करूंगा कि शांतिपूर्ण प्रतिरोध हो. गांधी जी हमें जो बताकर गए हैं, उस रास्ते पर चलें. मामला न्यायालय में है. मेरा दल भी याचिकाकर्ता है, लेकिन हिंसक प्रदर्शन नहीं होना चाहिए,
‘प्रधानमंत्री की चुप्पी तोड़ने का समय आ गया’
उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी का प्रशासन हिंसा को कंट्रोल करेगा. मीडिया से बातचीत के दौरान उनसे पूछा गया कि बीजेपी कह रही है कि मुर्शिदाबाद में हिंदू सुरक्षित नहीं है इसपर उन्होंने कहा कि मेरा तो मानना है कि कितनी जगह ये काट खेल हो गया, घिस चुका है. प्रधानमंत्री की चुप्पी तोड़ने का समय आ गया है. देश का सामाजिक सौहार्द सारी राज्य सरकारों और केंद्र की जिम्मेदारी है. उस सौहार्द की कीमत पर अपनी वोट की फसल मत देखिए यही हाथ जोड़कर विनती है.
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