बिहार: विशेष गहन पुनरीक्षण के लिए देने होंगे सिर्फ एक दस्तावेज, हेल्पलाइन नंबर भी जारी, पढ़ें काम की खबर
Voter List Revision: हाउस टू हाउस सर्वेक्षण 26 जुलाई तक होगा. मतदाता सूची का प्रारूप (ड्राफ्ट) प्रकाशन एक अगस्त को होगा. दावे और आपत्तियों की अवधि एक अगस्त से लेकर एक सितंबर तक निर्धारित की गई है.

Voter List Revision: बिहार में कुछ ही महीनों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इससे पहले मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान चलाया जा रहा है. इसे लेकर भारत निर्वाचन आयोग ने 11 दस्तावेजों की लिस्ट जारी की है, जिनमें से कोई एक दस्तावेज बूथ लेवल अधिकारी (बीएलओ) को प्रपत्र के साथ देना है. प्रेस सूचना ब्यूरो (पीआईबी) ने जानकारी दी है.
विशेष गहन पुनरीक्षण को लेकर बिहार पीआईबी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट कर मतदाताओं को जागरूक किया. उन्होंने कहा कि वोट करना है तो फॉर्म भरना है. बिहार विशेष गहन पुनरीक्षण 2025 में अब सिर्फ 11 दस्तावेजों में से कोई भी एक संलग्न करें. गणना प्रपत्र भरकर मतदाता सूची में शामिल हों. क्यूआर कोड स्कैन करें और फॉर्म ऑनलाइन भरें.
भ्रम छोड़िए… एक दस्तावेज अपने बीएलओ को दीजिए
बिहार पीआईबी ने 'एक्स' पर एक वीडियो भी साझा किया है, जिसमें कहा गया है कि लोगों को सोचने से तो रोक नहीं सकते हैं, लेकिन लोगों की सोच बदलने की कोशिश जरूर कर सकते हैं. तो सोच बदलिए, भ्रम छोड़िए। 11 दस्तावेजों में से कोई एक दस्तावेज अपने बीएलओ को दीजिए.
🗳️ वोट करना है, तो फॉर्म भरना है 📝
— PIB in Bihar (@PIB_Patna) July 6, 2025
✅ बिहार विशेष गहन पुनरीक्षण, 2025
👉अब सिर्फ़ 11 दस्तावेज़ों में से कोई भी 1 संलग्न करें।
👉 गणना प्रपत्र भरकर मतदाता सूची में शामिल हों।
📲 QR कोड स्कैन करें और फ़ॉर्म ऑनलाइन भरें#Bihar_SIR #ECI @ECISVEEP @CEOBihar @TripathiiPankaj pic.twitter.com/VnvgnaaT3j
बिहार पीआईबी ने मतदाताओं के लिए हेल्पलाइन नंबर 1950 भी जारी किया है, जिस पर कॉल करके वोटर दस्तावेजों से संबंधित अधिक जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं. साथ ही क्यूआर स्कैन करके ऑनलाइन आवेदन की सुविधा भी प्रदान की गई है.
26 जुलाई तक होगा हाउस टू हाउस सर्वेक्षण
विशेष गहन पुनरीक्षण के लिए महत्वपूर्ण तिथियां भी बताई गई हैं. हाउस टू हाउस सर्वेक्षण 25 जून से लेकर 26 जुलाई तक होगा. मतदाता सूची का प्रारूप (ड्राफ्ट) प्रकाशन एक अगस्त को होगा. दावे और आपत्तियों की अवधि एक अगस्त से लेकर एक सितंबर तक निर्धारित की गई है. अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन 30 सितंबर को होगा. वहीं, विपक्ष ने चुनाव आयोग के विशेष गहन पुनरीक्षण पर आपत्ति जताई है. राजनीतिक दलों ने सुप्रीम कोर्ट में इसके खिलाफ याचिका दाखिल की है.
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