बिहार: स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के गृह जिले में 6 घंटे तक पड़ा रहा शव, किसी ने नहीं ली सुध
जब किसी राज्य के स्वास्थ्य मंत्री के गृह जिले से एक शव को उठाने में छह घंटे लगते हों तो बाकी जिलों के हाल का अंदाजा लगाया जा सकता है.

सिवान: कोरोना ने इंसान को इंसान से ही इतना दूर कर दिया है कि अब मानवता दम तोड़ने लगी है. घटना ऐसी है कि सुनते ही चारो तरफ हड़कंप मच गया. ये मामला बिहार के ‘सुशासन बाबू’ के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे के गृह जिला सिवान का है. यहां एक बंद पड़े दुकान के सामने एक व्यक्ति ने औंधे मुंह गिरकर दम तोड़ दिया लेकिन कोई पूछने वाला नहीं था.
सबसे अहम बात है कि जहां यह घटना घटी है वहां से मात्र 10 कदम की दूरी पर पूर्व बीजेपी विधायक व्यासदेव प्रसाद का घर है. लेकिन जनता के लिए हमदर्द बनने वाले ऐसे जनप्रतिनिधि के घर के सामने इस तरह की घटना होने पर भी सुध नहीं लिया गया.
इधर घटना की जानकारी होने पर नगर थाने की पुलिस घटना स्थल पर पहुंची लेकिन कोरोना मरीज होने के डर से वह भी बिना उठाये वापस लौट गई. इसके कारण उसका शव एक ही जगह पर लगभग 6 घंटे तक पड़ा रहा. वहीं घटना की चारों ओर निंदा होने के बाद शाम को स्वास्थ्य विभाग की टीम से उठाकर एम्बुलेंस से लेकर सदर अस्पताल गई.
मृत व्यक्ति के पास से मिले आधार कार्ड के अनुसार उसका उसका नाम धर्मनाथ राय हैं जो सिवान के राजपुर गांव का रहने वाला है. अब सवाल है कि नीतीश कुमार की सरकार में स्वास्थ्य मंत्री के गृह जिला में एक शव को उठाने में 6 घंटे समय लगता है तो यह कौन सा ‘सुशासन’ है? जब सूबे के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के गृह जिले में एक शव को उठाने में 6 घंटे लगते हैं तो अन्य जिलों की क्या हालात होगी इसका अंदाजा लगाया जा सकता है.
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