IPL 2022 Final: राजस्थान रॉयल्स का खिताब जीतना तय! इन 5 प्वाइंट्स में समझें क्यों बन सकती है चैंपियन
RR vs GT: IPL 2022 का फाइनल मुकाबला राजस्थान रॉयल्स और गुजरात टाइटंस के बीच खेला जाएगा.
Rajasthan Royals: IPL 2022 की शुरुआत से ही जो दो टीमें दमदार प्रदर्शन कर रही थीं, वे ही टीमें अब फाइनल (IPL Final) में टकराने वाली हैं. ऐसे में प्वाइंट्स टेबल में टॉप-2 रहने वाली इन टीमों के बीच घमासान बेहद रोचक होने वाला है. क्वालीफायर-1 में भी यह घमासान देखने को मिला था, जिसमें गुजरात टाइटंस (Gujarat Titans) ने बाजी मार ली थी लेकिन इस बार राजस्थान रॉयल्स (Rajasthan Royals) की टीम मजबूती के साथ पलटवार करती दिख सकती है. ऐसा क्यों है, 5 प्वॉइंट्स में समझें..
1. रन मशीन जोस बटलर को रोकना हो रहा मुश्किल: इस सीजन 4 शतक और 4 अर्धशतक जड़ चुके जोस बटलर को रोकना दूसरी टीमों के लिए असंभव सा हो गया है. लीग स्टेज के दूसरे हाफ में यह खिलाड़ी जरूर 3-4 मैचों में नहीं चल पाया था लेकिन बाकी पूरे सीजन में इन्होंने तहलका मचा कर रखा. पिछले दो मैचों की ही बात करें तो क्वालीफायर-1 में 89 रन की पारी और क्वालीफायर-2 में 106 रन की पारी में उन्होंने विपक्षी गेंदबाजों को विकेट लेने का मौका नहीं दिया. वह क्रीज पर ऐसे जम जाते हैं कि उन्हें पवेलियन भेजना नामुमकिन सा हो जाता है. ऐसे में साथी खिलाड़ी भी खुलकर बल्लेबाजी करने लगते हैं. संभव है कि फाइनल मुकाबले में भी बटलर जिम्मेदारी भरी पारी खेलकर अपनी टीम को ट्रॉफी जीताकर ही दम लें.
2. राजस्थान का गेम प्लान है सॉलिड: राजस्थान की बल्लेबाजी में अच्छी गहराई है. सातवें क्रम तक एक से बढ़कर एक बल्लेबाज हैं. अच्छी बात यह है कि ये सभी लय में भी हैं. और हर मुकाबले में इन 7 में से 3 या 4 तो चल ही जाते हैं. बल्लेबाजी में इस गहराई का फायदा कप्तान संजू सैमसन बखूबी उठाते हैं. उनका गेम प्लान साफ होता है. यह ऐसा होता है कि एक छोर से बल्लेबाज कुछ गेंदें खेलने के बाद ही बड़े शॉट लगाना शुरू कर देते हैं. उधर दूसरे छोर का खिलाड़ी क्रीज पर खूटा डाल खड़ा रहता है. यशस्वी, बटलर, पडिक्कल, सैमसन, हेटमायर, पराग और अश्विन परिस्थिति के हिसाब से आराम से भी खेल लेते हैं और जब मौका दिखता है तो ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करने का भी माद्दा रखते हैं.
3. कमाल का है तेज गेंदबाजी आक्रमण: इस सीजन में कई मुकाबलों में ऐसा हुआ है कि ट्रेंट बोल्ट अपने पहले ही ओवर में विपक्षी सलामी जोड़ी को तोड़ देते हैं. ऐसे में विरोधी टीम पावरप्ले में ज्यादा रन नहीं जुटा पाती. फिर प्रसिद्ध कृष्णा जैसे गेंदबाज हैं जो इस सीजन डॉट बॉल फेंकने में सबसे आगे रहे हैं. प्रसिद्ध अब तक 187 डॉट फेंक चुके हैं. राजस्थान के तीसरे तेज गेंदबाज ओबेद मैकॉट डेथ ओवर्स स्पेशलिस्ट हो गए हैं. वह अपने वेरिएशंस से विपक्षी बल्लेबाजों को डेथ ओवर्स में भी रन के लिए तरसा देते हैं.
4. चहल-अश्विन की जोड़ी ने पलटे हैं कई मैच: इस सीजन युजवेंद्र चहल सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज बने हुए हैं. उन्होंने आर अश्विन के साथ कई मैचों में हारती हुई बाजी को जीत में तब्दील किया है. हालांकि यह जोड़ी पिछले 2-3 मैचों में इतनी कारगर नहीं रही है लेकिन यह जोड़ी कभी भी किसी भी टीम के खिलाफ मैच को पलटने का माद्दा रखती है.
5. संजू सैमसन की कूल कप्तानी: विकेट के पीछे से संजू सैमसन अपनी टीम को बेहतर अंदाज में गाइड कर रहे हैं. वह अपने पास उपलब्ध प्रतिभाओं का पूरा दोहन करने में सफल रहे हैं. गेंदबाजी में वह किसी बॉलर का ओवर बचाने की कोशिश नहीं करते, बल्कि जब उन्हें लगता है कि इस गेंदबाज की जरूरत है तो वह उसे गेंद थमा देते हैं. जैसे कि पिछले मैच में उन्होंने बोल्ट से उनके कोटे के ओवर पहले ही फिंकवा लिए. यह रणनीति सफल भी रही. बोल्ट ने अपने चौथे ओवर में खतरनाक दिख रहे मैक्सवेल को पवेलियन भेज राजस्थान की वापसी कराई थी. इसी तरह बल्लेबाजी में भी अपने खिलाड़ियों को ज्यादा देर पिच पर खड़े रहने की बजाय तेज तर्रार पारी खेलने का आदेश देते हैं. वह खुद भी आते ही बड़े-बड़े शॉट खेलने लगते हैं. उनकी यह रणनीति भी अब तक कारगर साबित हुई है.
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