World Children's Day : चौंकाने वाले आंकड़े, Child Trafficking का कैसे होगा अंत | FYI
Episode Description
नवंबर की 19 और 20 तारीख को अगर आप दिल्ली के Rashtrapati Bhavan, Parliament building, State Legislative Assembly Building के सामने से गुज़रे, या आपके शहर में आपको कोई इमारत Blue Colour में चमकती नज़र आये तो बता देती हूँ आखिर ऐसा क्यों होगा !
20 नवंबर को है Children's Day। 14 नवंबर को इंडिया में मनाते हैं , लेकिन 20 नवंबर को पूरी दुनिया मनाती है World Children's Day !
अगर भाई के फैन हो तो याद ज़रूर होगा की कुछ दिन पहले उन्होंने मुंबई पुलिस की काफी तारीफ की थी ट्विटर के ज़रिये जब पुलिस ने चाइल्ड ट्रैफिकिंग में फंसे कुछ बच्चों को बचाया था और सलमान खान ने इसके खिलाफ आवाज़ उठायी थी। क्यों ? क्यूंकि हर रोज़ ही भारत के किसी कोने में चाइल्ड ट्रैफिकिंग होती है। NCRB की रिपोर्ट कहती हैं की हर दिन इंडिया में 8 बच्चे चाइल्ड ट्रैफिकिंग में फँस जाते हैं !
क्यों सदियों से चली आ रही चाइल्ड ट्रैफिकिंग ख़तम नहीं हो रही ? बात करेंगे आज के FYI में पर जहाँ हमारे साथ दो स्पेशल गेस्ट्स जुड़ने जा रहे हैं , Soledad Herrero , UNICEF India Chief of Child Protection और Nirmala Pandey , Child Protection Specialist at UNICEF
हेलो मैं मानसी हूँ आपके साथ।। तो चलो बात करते हैं बच्चों की, वैसे तो हम कभी कुछ लाइट या हल्का बोल दें या कर दें तो लोग यही कहने लग जाते हैं की क्या बच्चों वाली हरकत कर रहा है। छोटी बच्ची हो क्या ? लेकिन बच्चों वाली बातें भी ज़रूरी हैं क्यूंकि नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के डाटा के मुताबिक साल 2021 में आठ केंद्रशासित प्रदेशों में से दिल्ली में ह्यूमन ट्र्रैफिकिंग के सबसे ज्यादा मामले दर्ज किए। साथ ही 2020 की तुलना में इसमें 73.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई। बच्चों पर बात करना इसलिए ज़रूरी है क्यूंकि दिल्ली में मानव तस्करी के शिकार 437 पीड़ित 18 वर्ष से कम आयु वर्ग के थे, जिनमें 100 लड़कियां थीं। ये तो दर्ज हो गए, उन् बच्चों का पता नहीं जो दर्ज नहीं हुए।
जिस इंटरनेट के बिना आप 1सेकंड नहीं रहते, उस इंटरनेट के ज़रिये चाइल्ड ट्रैफिकिंग बहुत होती है। डार्क वेब पर बहुत सी वेबसाइट्स हैं जिनको एक साथ 'Alphabay' का नाम दिया गया है यही नाम डार्क वेब में मशहूर है. इसमें बहुत से ग्रुप हैं जैसे की 'Black Death Group' और 'Child Play'. ये ग्रुप छोटे बच्चों पर Price Tag लगा देते हैं और फिर इनको डार्क वेब के द्वारा सेल और परचेज किया जाता है. खैर इस पर एक्शन लिया गया है और Interpol ने Alphabay को बंद करवाया है. मगर दुख की बात यह है की इसके जैसी बहुत सी और वेबसाइट्स हैं जहां चाइल्ड ट्रैफिकिंग को अंजाम दिया जाता है.
यूरोपॉल की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में हर साल दो लाख से ज्यादा बच्चे चाइल्ड ट्रेफिकिंग का शिकार होते हैं और उनसे होने वाली कमाई हर बच्चे पर लगभग 1.5 करोड़ होती है. यही नहीं बच्चों का यौन शौषण भी किया जाता है और जिसकी लाइव स्ट्रीमिंग भी की जाती है.
Child Trafficking को ख़त्म करने में हम कहाँ पीछे छूट रहे हैं आज भी ? सुनिए ABP LIVE PODCASTS पर
























