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Somnath Temple History: 6 क्रूर हमलों के बाद भी भव्यता के साथ कायम है शिव का ये पावन धाम, जानिए कहानी सोमनाथ मंदिर की

जानिए सोमनाथ मंदिर का इतिहास

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Somnath Temple History: भारत में हिंदुओं के अनेकों धार्मिक स्थल और पवित्र धाम हैं. इनमें सोमनाथ मंदिर (Somnath Temple) का ना सिर्फ विशेष स्थान है बल्कि बेहद समृद्ध और शक्तिशाली इतिहास भी है. भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक इस मंदिर को चंद्रदेव सोमराज ने बनवाया था और इसका ऋग्वेद में भी उल्लेख मिलता है. अब मोदी सरकार इस मंदिर के सौंदर्यीकरण और नई सुविधाओं से परिपूर्ण करने का काम कर रही है. आज भगवान शिव के इस पावन धाम की पूरी कहानी आपको बताते हैं.
Somnath Temple History: भारत में हिंदुओं के अनेकों धार्मिक स्थल और पवित्र धाम हैं. इनमें सोमनाथ मंदिर (Somnath Temple) का ना सिर्फ विशेष स्थान है बल्कि बेहद समृद्ध और शक्तिशाली इतिहास भी है. भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक इस मंदिर को चंद्रदेव सोमराज ने बनवाया था और इसका ऋग्वेद में भी उल्लेख मिलता है. अब मोदी सरकार इस मंदिर के सौंदर्यीकरण और नई सुविधाओं से परिपूर्ण करने का काम कर रही है. आज भगवान शिव के इस पावन धाम की पूरी कहानी आपको बताते हैं.
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गुजरात के वेरावल बंदरगाह पर मौजूद सोमनाथ मंदिर का इतिहास कई उतार-चढ़ाव से बनकर तैयार हुआ है. अरबी यात्री अल बरूनी के यात्रा वृतान्त में सोमनाथ मंदिर की भव्यता का जिक्र सुना तो इससे प्रभावित होकर विदेशी आक्रमणकारी महमूद गजनवी ने दसवीं सदी में मंदिर पर हमला कर दिया. गजनवी ने ना सिर्फ मंदिर की तमाम संपत्ति लूट ली बल्कि इसे तहस-नहस भी कर दिया.
गुजरात के वेरावल बंदरगाह पर मौजूद सोमनाथ मंदिर का इतिहास कई उतार-चढ़ाव से बनकर तैयार हुआ है. अरबी यात्री अल बरूनी के यात्रा वृतान्त में सोमनाथ मंदिर की भव्यता का जिक्र सुना तो इससे प्रभावित होकर विदेशी आक्रमणकारी महमूद गजनवी ने दसवीं सदी में मंदिर पर हमला कर दिया. गजनवी ने ना सिर्फ मंदिर की तमाम संपत्ति लूट ली बल्कि इसे तहस-नहस भी कर दिया.
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बताया जाता है कि 5 हजार लोगों के साथ गजनवी ने मंदिर पर हमला किया था. और बड़ी संख्या में लोगों का कत्लेआम किया गया था. मंदिर की रक्षा में बड़ी संख्या में लोगों ने अपने प्राणों की आहुति दी थी. हमले के बाद मंदिर को भारी नुकसान पहुंचा था लेकिन इसका यश कम नहीं हुआ.
बताया जाता है कि 5 हजार लोगों के साथ गजनवी ने मंदिर पर हमला किया था. और बड़ी संख्या में लोगों का कत्लेआम किया गया था. मंदिर की रक्षा में बड़ी संख्या में लोगों ने अपने प्राणों की आहुति दी थी. हमले के बाद मंदिर को भारी नुकसान पहुंचा था लेकिन इसका यश कम नहीं हुआ.
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इतिहासकारों के मुताबिक गुजरात के राजा भीम और मालवा के राजा भोज ने इसके बाद फिर से मंदिर का निर्माण कराया था. इसके बाज 1297 में दिल्ली सल्तनत ने गुजरात पर हमला किया तो एक बार फिर इस मंदिर को तहस नहस कर दिया गया. दिल्ली के सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी ने गुजरात पर हमले का आदेश दिया तो उसके सेनापति नुसरत खान सोमनाथ मंदिर पर भी हमला किया और जमकर लूटपाट औऱ तोड़फोड़ की.
इतिहासकारों के मुताबिक गुजरात के राजा भीम और मालवा के राजा भोज ने इसके बाद फिर से मंदिर का निर्माण कराया था. इसके बाज 1297 में दिल्ली सल्तनत ने गुजरात पर हमला किया तो एक बार फिर इस मंदिर को तहस नहस कर दिया गया. दिल्ली के सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी ने गुजरात पर हमले का आदेश दिया तो उसके सेनापति नुसरत खान सोमनाथ मंदिर पर भी हमला किया और जमकर लूटपाट औऱ तोड़फोड़ की.
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नुसरत खां के हमले के बाद भी मंदिर का यश कम नहीं हुआ और हिंदू राजाओं ने फिर से इसका निर्माण कराया. लेकिन साल 1395 में तीसरी बार इस पवित्र धाम पर हमला किया गया. गुजरात के सुल्तान मुजफ्‍फर शाह ने सोमनाथ मंदिर में तोड़फोड़ कराई और सारी संपत्ति लूट ली गई. मंदिर को फिर संवारा गया लेकिन साल 1412 में मुजफ्फर शाह के बेटे अहमद शाह ने मंदिर पर हमला बोला और फिर से लूटपाट की गई.
नुसरत खां के हमले के बाद भी मंदिर का यश कम नहीं हुआ और हिंदू राजाओं ने फिर से इसका निर्माण कराया. लेकिन साल 1395 में तीसरी बार इस पवित्र धाम पर हमला किया गया. गुजरात के सुल्तान मुजफ्‍फर शाह ने सोमनाथ मंदिर में तोड़फोड़ कराई और सारी संपत्ति लूट ली गई. मंदिर को फिर संवारा गया लेकिन साल 1412 में मुजफ्फर शाह के बेटे अहमद शाह ने मंदिर पर हमला बोला और फिर से लूटपाट की गई.
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सोमनाथ मंदिर पर हमलों का सिलसिला यहीं खत्म नहीं हुआ बल्कि मुगल शासक औरंगजेब ने भी मंदिर को दो बार तुड़वाया. लेकिन इसके बावजूद इस पावन धाम के लिए श्रद्धालुओं की आस्था कम ना हुई और यहां लगातार पूजा अर्चना होती रही.
सोमनाथ मंदिर पर हमलों का सिलसिला यहीं खत्म नहीं हुआ बल्कि मुगल शासक औरंगजेब ने भी मंदिर को दो बार तुड़वाया. लेकिन इसके बावजूद इस पावन धाम के लिए श्रद्धालुओं की आस्था कम ना हुई और यहां लगातार पूजा अर्चना होती रही.
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अब जो मंदिर सोमनाथ में मौजूद है उसका पुनर्निर्माण साल 1950 में भारत के तत्कालीन गृहमंत्री सरदार बल्लभ भाई पटेल के निर्देश पर हुआ था. 6 बार मंदिर पर कहर बरसाया गया लेकिन श्रद्धालुओं की यहां आस्था कम नहीं हुई और ये मंदिर अपने विराट स्वरूप में जस का तस विद्यमान है. अब भारत सरकार इस मंदिर के सौंदर्यीकरण और विकसित करने का काम कर रही है. यहां समुद्र तट पर एक किलोमीटर लंबे समुद्र दर्शन पैदल-पथ तैयार किया जा रहा है. इसके अलावा भी करोड़ों रुपये की कई परियोजनाएं तय की गई हैं.
अब जो मंदिर सोमनाथ में मौजूद है उसका पुनर्निर्माण साल 1950 में भारत के तत्कालीन गृहमंत्री सरदार बल्लभ भाई पटेल के निर्देश पर हुआ था. 6 बार मंदिर पर कहर बरसाया गया लेकिन श्रद्धालुओं की यहां आस्था कम नहीं हुई और ये मंदिर अपने विराट स्वरूप में जस का तस विद्यमान है. अब भारत सरकार इस मंदिर के सौंदर्यीकरण और विकसित करने का काम कर रही है. यहां समुद्र तट पर एक किलोमीटर लंबे समुद्र दर्शन पैदल-पथ तैयार किया जा रहा है. इसके अलावा भी करोड़ों रुपये की कई परियोजनाएं तय की गई हैं.

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