India-Taliban Relationship: भारत-तालिबान की फ्रेंडशीप से चीन और अमेरिका में मचा हड़कंप! पाकिस्तान भी हुआ सतर्क
India-Taliban: भारत और तालिबान की बढ़ती दोस्ती से पाकिस्तान घबराया हुआ है, जबकि अमेरिका और चीन भी इस पर सतर्क हो गए हैं.

India-Taliban Relationship: भारत और अफगानिस्तान की तालिबानी सरकार के बीच उभरती दोस्ती से पाकिस्तान में हलचल मची हुई है, वहीं अमेरिका और चीन भी इस घटनाक्रम पर अपनी नजर बनाए हुए हैं. हाल ही में पाकिस्तान की ओर से अफगानिस्तान के खोश्त प्रांत में किए गए हवाई हमले की भारत ने खुलकर आलोचना की थी, जिसमें 50 लोग मारे गए थे. भारत के इस कदम से पाकिस्तान भड़क उठा है, जबकि अमेरिका और चीन ने भी अपने रुख को सख्त कर लिया है.
पाकिस्तान के इस हमले के बाद भारतीय विदेश सचिव ने दुबई में तालिबानी विदेश मंत्री मावलावी अमीर खान मुत्ताकी से मुलाकात की. यह पहली बार था जब भारत ने खुले तौर पर तालिबान का समर्थन किया. विशेषज्ञों का मानना है कि भारत और तालिबान के बीच बढ़ती नजदीकियों को तोड़ने के लिए अमेरिका, चीन, और पाकिस्तान की गुप्त एजेंसियां सक्रिय हो सकती हैं.
भारत और तालिबान की दोस्ती पर गुप्त एजेंसियों की नजर
साल 2021 में तालिबान ने सत्ता संभालने से पहले भारत को भरोसा दिलाया था कि अफगानिस्तान फिर से पाकिस्तानी आतंकवादियों का अड्डा नहीं बनेगा. पिछले तीन सालों में तालिबान ने इस वादे को काफी हद तक निभाया है, जिससे पाकिस्तान की चिंता बढ़ गई है. ISI के तत्कालीन चीफ फैज हामिद ने काबुल पहुंचकर तालिबान की सरकार का स्वागत किया था, लेकिन आज स्थिति विपरीत है. तालिबान के साथ रिश्ते बिगड़ने के बाद पाकिस्तान को अपनी पश्चिमी सीमा पर सुरक्षा बढ़ानी पड़ी है.
तालिबान और भारत के बीच सहयोग
तालिबान अब भारत से स्वास्थ्य क्षेत्र में मदद मांग रहा है, और भारत ने इसके लिए अपनी सहमति दे दी है. दिल्ली के अधिकारियों का मानना है कि भारत का तालिबान का समर्थन एक साहसिक कदम है, जो गुप्त एजेंसियों के संभावित खतरों को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है.
अमेरिका और चीन की चिंता
द संडे गार्डियन की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका, जो अफगानिस्तान से अपनी सेना की वापसी के बाद से तालिबान के सत्ता में आने से परेशान है. उनको डर है कि तालिबान का अलकायदा से संबंध इस क्षेत्र को अस्थिर कर सकता है. भारत और तालिबान की दोस्ती से अफगानिस्तान की सरकार मजबूत होगी, जिससे अमेरिका की तालिबान पर पकड़ कमजोर हो सकती है. वहीं, चीन ने इस क्षेत्र में अपने BRI प्रोजेक्ट के तहत भारी निवेश कर रखा है और तालिबान का भारत के साथ बढ़ता संबंध उसके भू-राजनीतिक हितों को खतरे में डाल सकता है.
भारत और तालिबान की बढ़ती दोस्ती
भारत और तालिबान के बीच बढ़ती दोस्ती ने क्षेत्रीय राजनीति में एक नया मोड़ ला दिया है. पाकिस्तान, अमेरिका और चीन जैसे देशों की चिंताओं के बावजूद, भारत ने तालिबान के साथ संबंध सुधारने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं. यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले समय में यह संबंध कैसे विकसित होते हैं और इनका क्षेत्रीय स्थिरता पर क्या प्रभाव पड़ता है.
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Source: IOCL























