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Casteism: कनाडा में जातिगत भेदभाव के खिलाफ मुहिम! टोरंटो में स्कूल बोर्ड ने पास किया यह प्रस्ताव
Casteism in Canada: टोरंटो डिस्ट्रिक्ट स्कूल बोर्ड कनाडा का पहला बोर्ड बन गया है, जिसने जातिगत भेदभाव खत्म करने के लिए ऐसा कदम उठाया है.
![Casteism: कनाडा में जातिगत भेदभाव के खिलाफ मुहिम! टोरंटो में स्कूल बोर्ड ने पास किया यह प्रस्ताव Campaign against caste discrimination in Canada Toronto School board passed a proposal Casteism: कनाडा में जातिगत भेदभाव के खिलाफ मुहिम! टोरंटो में स्कूल बोर्ड ने पास किया यह प्रस्ताव](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/03/11/a22c73eda32e88c99988ac0ed6e624c91678530005466607_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Toronto District School Board: अमेरिका के बाद अब कनाडा में जातिगत भेदभाव के खिलाफ आवाज बुलंद होने लगी है. कनाडा के टोरंटो डिस्ट्रिक्ट स्कूल बोर्ड (TDSB) ने जातिगत भेदभाव के खिलाफ बड़ा कदम उठाया है. बोर्ड ने ये माना है कि शहर के स्कूलों में जातिगत भेदभाव होते हैं, इसलिए बोर्ड ने जातिगत भेदभाव और उत्पीड़न को खत्म करने के लिए एक प्रस्ताव पास किया है. टोरंटो डिस्ट्रिक्ट स्कूल बोर्ड ने बुधवार (8 मार्च) को प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया.
बोर्ड ने इस समस्या को हल करने के लिए प्रांतीय मानवाधिकार निकाय की मदद लेने का फैसला लिया है. टोरंटो डिस्ट्रिक्ट स्कूल बोर्ड ने मानवाधिकार निकाय से इसके लिए रूपरेखा भी बनाने को कहा है. बोर्ड ने ट्रस्टी यालिनी राजकुलासिंगम की ओर से पेश एक प्रस्ताव भी पास किया. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 16 ट्रस्टियों ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया और पांच ने इसके खिलाफ मतदान किया.
कनाडा का सबसे बड़ा स्कूल है TDSB
बता दें कि टोरंटो डिस्ट्रिक्ट स्कूल बोर्ड (TDSB) कनाडा का सबसे बड़ा स्कूल बोर्ड है. बोर्ड से 583 स्कूल एफिलिएटिड हैं, जिनमें 2,35,000 छात्र शिक्षा प्राप्त करते हैं. बोर्ड की ओर से जारी प्रस्ताव में कहा गया, "दक्षिण एशिया और कैरेबियन समुदायों की ओर से जाति-आधारित उत्पीड़न का अनुभव किया जाता है और टोरंटो सहित अप्रवासियों में जाति-आधारित भेदभाव में बढ़ोतरी हुई है." बोर्ड ने कहा, "जाति की पहचान किसी इंसान के सरनेम, फैमिली बिजनेस, खान-पान और संबंधित क्षेत्र से की जा सकती है."
इंडो-कनाडाई समूह ने जताई नाराजगी
वहीं टोरंटो डिस्ट्रिक्ट स्कूल बोर्ड के प्रस्ताव से इंडो-कनाडाई समूह नाराज हो गया है. कैनेडियन ऑर्गनाइजेशन फॉर हिंदू हेरिटेज एजुकेशन (COHHE) के एक बयान में कहा, "जाति प्रस्ताव दक्षिण एशियाई लोगों को जांच के लिए अलग करता है और इस तरह ये दक्षिण एशियाई लोगों को रूढ़िबद्ध करता है, उनके खिलाफ पूर्वाग्रह पैदा करता है, जिसे नफरत और भेदभाव का रास्ता तैयार हो जाएगा."
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