एक्सप्लोरर

Afghanistan Crisis: अफगानिस्तान में जमीन के नीचे प्राकृतिक संसाधनों का खजाना लेकिन उसे निकालना है चुनौती, जानें ऐसा क्यों?

Afghanistan Crisis: अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी के साथ ही अर्थ्यस्था को लेकर साल खड़े होने लगे हैं. एक अनुमान लगाया जा रहा है कि देश में एक हजार अरब अमेरिकी डॉलर से भी ज्यादा की खनिज संपदा है.

Afghanistan Crisis: अमेरिका में अफगानिस्तान के नेतृत्व वाले युद्ध का आधिकारिक तौर पर समापन कुछ दीर्घकालिक अनसुलझे सवाल भी छोड़कर गया है, जैसे देश अब एक कार्यशील अर्थव्यवस्था का निर्माण कैसे कर सकता है? अब जबकि अमेरिकी सहायता खत्म हो गई है और अंतरराष्ट्रीय मदद भी काफी हद तक बंद हो गई है तो अफगानिस्तान के पास क्या विकल्प बचे हैं?

एक विकल्प प्राकृतिक संसाधनों के तौर पर बचा है. अफगानिस्तान में गैर-ईंधन खनिजों का खजाना है जिनका मूल्य एक हजार अरब अमेरिकी डॉलर से भी ज्यादा आंका गया है. हजारों शताब्दियों देश अपने रत्नों, माणिक, पन्ना, टूमलाइन और लैपिस लाजुली (एक प्रकार का चमकीला नीला पत्थर) के लिए प्रसिद्ध है. इन खनिजों को स्थानीय रूप से कानूनी और अवैध दोनों तरह से, ज्यादातर छोटी, कुटीर खानों में निकाला जाना जारी है. हालांकि, अधिक फायदा देश के लौह, तांबा, लिथियम, दुर्लभ पृथ्वी तत्वों, कोबाल्ट, बॉक्साइट, पारा, यूरेनियम और क्रोमियम जैसे खनिजों में निहित है.

खनिजों की कुल प्रचुरता निश्चित रूप से अकूत है लेकिन इन संसाधनों की वैज्ञानिक समझ अब भी इंवेस्टिगेटिंग स्टेज में हैं. यहां तक कि उन्हें निकालना कितना फायदेमंद हो सकता है, इस बात की बेहतर समझ के बावजूद इन संसाधनों की मौजूदगी मात्र से नई अर्थव्यवस्था को फौरी उछाल नहीं मिलेगा. उनके संसाधनों का अध्ययन करने वाले एक भूविज्ञानी के तौर पर, मेरा आकलन है कि खनन को राजस्व के मुख्य स्रोत पर तैयार करने के लिये बड़े पैमाने पर उनका उत्खनन करना होगा और इसके लिये कम से कम सात से 10 वर्ष का समय लगेगा. 

सोवियत संघ का अनुकरण करता यूएसजीएस

ब्रिटिश और जर्मन भूविज्ञानियों ने 19वीं शताब्दी और 20वीं शताब्दी की शुरुआत में अफगानिस्तान के खनिजों का शुरुआती आधुनिक सर्वेक्षण किया था. सोवियत संघ ने हालांकि 1960 और 1970 के दशक में पूरे देश में सबसे व्यवस्थित अन्वेषण कार्य किया और बड़े पैमाने पर विस्तृत जानकारी जुटाई जो आज के दौर के आधुनिक अध्ययनों की रीढ़ बना है.

अमेरिकी भूगर्भ सर्वेक्षण (यूएसजीएस) ने 2004 से 2011 तक उपलब्ध आंकड़ों की विस्तृत समीक्षा की और अपने हवाई सर्वेक्षण, सीमित क्षेत्रीय जांच तथा अफगानिस्तान भूगर्भ सर्वेक्षण के जरिये इसमें नई जानकारी भी जोड़ी. इससे खनिज स्थलों, उनकी उपलब्धता और प्रचुर भंडार के बारे में बेहतर पहचान हुई.

इस काम में हालांकि सोवियत दौर के प्रयासों की कोई अनदेखी नहीं कर सकता. उपलब्ध जानकारी के आधार पर यूएसजीएस ने देश के 24 इलाकों की पहचान की और वहां खनिजों के अपार भंडार का आकलन किया. चीनी और भारतीय कंपनियों ने भी इसमें रुचि दिखाई और उन्हें रियायत भी दी गई. अनुबंध की शर्तों और सुरक्षा चिंताओं के कारण हालांकि 2010 के दशक से यह गतिविधियां थम गईं.

खनिजों की प्रचुरता

अफगानिस्तान के पास वास्तव में खनिजों का कितना बड़ा भंडार है? यूएसजीएस के, विशेष रुचि वाली धातुओं- तांबा, लोहा, लीथियम और धरती की दुर्लभ धातुओं के अनुमान के सार के मुताबिक मैं इसका जवाब देने की कोशिश करूंगा.

यूएसजीएस के भूविज्ञानियों का कहना था कि उनके आंकड़े हालांकि अपेक्षाकृत कम अनुमान लेकर चल रहे हैं और वे शुरुआती भी हैं. इसके बावजूद यह कहा जा सकता है कि कुल मिलाकर खनिज अपार हैं. सभी ज्ञात अनुमान के मुताबिक, वहां तांबे का 5.77 करोड़ मीट्रिक टन भंडार हो सकता है जिसकी कीमत मौजूदा हिसाब से 516 अरब अमेरिकी डॉलर होगी. ये संसाधन अभी खोजे नहीं गए हैं- इसकी पहचान जरूर हुई है लेकिन पूरा अन्वेषण व आकलन नहीं. अगर आकलन सही है तो तांबे के मामले में अफगानिस्तान दुनिया के पांच शीर्ष देशों में होगा.

इसके बाद यहां कोबाल्ट की भी अच्छी मात्रा है. अयनक अयस्क का भंडार काबुल से करीब 30 किलोमीटर दक्षिणपूर्व में स्थित है. उच्च गुणवत्ता वाले अयनक का कुल भंडार तांबे का 1.13 करोड़ मीट्रिक टन माना जा रहा है जिसका मौजूदा बाजार भाव 102 अरब अमेरिकी डॉलर है.

अफगानिस्तान में विश्व स्तरीय लौह अयस्क संसाधन भी बामियान प्रांत के हाजी गाक इलाके में हैं. अनुमान के मुताबिक, हाजी गाक में 210 करोड़ मीट्रिक टन उच्च स्तरीय अयस्क होगा जिसमें 61-69 प्रतिशत लोहे का वजन होगा. मौजूदा दर के हिसाब से यह 336.8 अरब अमेरिकी डॉलर का होगा. इससे अफगानिस्तान दुनिया के 10 शीर्ष देशों में आ जाएगा जिनके पास खनन के लिये इतना लौह अयस्क भंडार है. 

नूरीस्तान प्रांत में लीथियम का खासा भंडार है. हेलमंद प्रांत में धरती से दुर्लभ पत्थर और रत्न, पत्थर आदि भी मिलते हैं. इनका अनुमानित भंडार 14 लाख मीट्रिक टन है. इनमें से दो प्रेजोडायमियम और नियोडिमियम ऊंची कीमत वाले हैं जो करीब 45 हजार अमेरिकी डॉलर प्रति मीट्रिक टन के हिसाब से बिकते हैं. इनसे शानदार चुंबक का निर्माण होता है जो हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक कारों की मोटर में इस्तेमाल होते हैं.

जमीनी कारक और भूराजनीतिक स्थिति

खनन ज्ञान यह कहता है कि जमीन के अंदर जो है वह जमीन पर मौजूद चीजों और परिस्थितियों से कम महत्वपूर्ण है. बाजारी हकीकत, सुरक्षा, अनुबंध शर्तें, अवसंरचना और पर्यावरणीय चिंताएं महज संसाधनों की मौजूदगी से ज्यादा अहम होती हैं.

इन कारकों में से सबसे महत्वपूर्ण है धातुओं के लिये फिलहाल मजबूत वैश्विक मांग. अफगानिस्तान इन धातुओं का खनन शुरू कर सकता है या नहीं, यह नई तालिबान सरकार पर निर्भर करेगा. पूर्ववर्ती खनन मंत्रालय के तहत अयनक तांबा भंडार के एक हिस्से के लिये 2.9 अरब डॉलर का अनुबंध चीन की दो सरकारी कंपनियों को दिया गया था.

यह अनुबंध 30 साल के लिये था और इस पर 2007 में दस्तखत हुए थे 

अफगानिस्तान के लिए उसके संसाधन दीर्घकालिक विदेशी निवेश, कौशल निर्माण व अवसंरचना विस्तार का जरिया हो सकते हैं जो सतत अर्थव्यवस्था के लिये जरूरी है. लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या कंपनियां जुड़ेंगी. अफगानिस्तान भूराजनीतिक संघर्षों के केंद्र में भी है जिसमें भारत व पाकिस्तान के अलावा, चीन, ईरान और अमेरिका भी शामिल हैं. देश पर अब तालिबान का नियंत्रण है . यह हालात देश के संसाधनों को बड़े निवेश के लिये आकर्षक तो नहीं बनाते.

इसे भी पढ़ेंः

Afghanistan Crisis: पाक के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी बोले- अफगानिस्तान में हो सकता है गृह युद्ध, दी ये दलील

Afghanistan Crisis: काबुल एयरपोर्ट बंद होने के बाद अफगानिस्तान सीमा पर देश छोड़ने वालों की लगी भारी भीड़

और पढ़ें
Sponsored Links by Taboola

टॉप हेडलाइंस

वो भारतीय महिला, जिसने पाकिस्तान में की शादी और बन गई जॉर्डन की क्राउन प्रिंसेस
वो भारतीय महिला, जिसने पाकिस्तान में की शादी और बन गई जॉर्डन की क्राउन प्रिंसेस
IPL ऑक्शन में बेटे के सिलेक्शन पर पप्पू यादव की पहली प्रतिक्रिया, 'अब सार्थक के नाम से…'
IPL ऑक्शन में बेटे के सिलेक्शन पर पप्पू यादव की पहली प्रतिक्रिया, 'अब सार्थक के नाम से…'
'ऑपरेशन सिंदूर के पहले दिन ही भारत की हार...', पूर्व CM के बयान पर भड़की BJP, कहा- सेना का अपमान करना कांग्रेस की पहचान
'ऑपरेशन सिंदूर के पहले दिन ही भारत की हार...', पूर्व CM के बयान पर भड़की BJP, कहा- सेना का अपमान करना कांग्रेस की पहचान
IPL 2026 ऑक्शन खत्म, कैमरून ग्रीन बिके सबसे महंगे; प्रशांत वीर और कार्तिक शर्मा ने भी बनाया रिकॉर्ड
IPL 2026 ऑक्शन खत्म, कैमरून ग्रीन सबसे महंगे; प्रशांत वीर और कार्तिक शर्मा ने भी बनाया रिकॉर्ड

वीडियोज

Hero Xoom 125 vs TVS Ntorq 125 | Auto Live #hero #tvs
Real-World Range Test of Tata Harrier EV | Shocking Results! #tatamotors
Maruti Suzuki Victoris Review | Auto Live #marutisuzuki #victoris
Sansani: दिलजली सनम का आखिरी रोमांस | ABP News
IPL 2026 ऑक्शन में Cameron Green बने सबसे महंगे विदेशी खिलाड़ी

फोटो गैलरी

Petrol Price Today
₹ 94.72 / litre
New Delhi
Diesel Price Today
₹ 87.62 / litre
New Delhi

Source: IOCL

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
वो भारतीय महिला, जिसने पाकिस्तान में की शादी और बन गई जॉर्डन की क्राउन प्रिंसेस
वो भारतीय महिला, जिसने पाकिस्तान में की शादी और बन गई जॉर्डन की क्राउन प्रिंसेस
IPL ऑक्शन में बेटे के सिलेक्शन पर पप्पू यादव की पहली प्रतिक्रिया, 'अब सार्थक के नाम से…'
IPL ऑक्शन में बेटे के सिलेक्शन पर पप्पू यादव की पहली प्रतिक्रिया, 'अब सार्थक के नाम से…'
'ऑपरेशन सिंदूर के पहले दिन ही भारत की हार...', पूर्व CM के बयान पर भड़की BJP, कहा- सेना का अपमान करना कांग्रेस की पहचान
'ऑपरेशन सिंदूर के पहले दिन ही भारत की हार...', पूर्व CM के बयान पर भड़की BJP, कहा- सेना का अपमान करना कांग्रेस की पहचान
IPL 2026 ऑक्शन खत्म, कैमरून ग्रीन बिके सबसे महंगे; प्रशांत वीर और कार्तिक शर्मा ने भी बनाया रिकॉर्ड
IPL 2026 ऑक्शन खत्म, कैमरून ग्रीन सबसे महंगे; प्रशांत वीर और कार्तिक शर्मा ने भी बनाया रिकॉर्ड
मानुषी छिल्लर के चमकते चेहरे का राज क्या है? एक्ट्रेस ने खुद बता दी स्किनकेयर रूटीन
मानुषी छिल्लर की तरह ग्लोइंग स्किन चाहिए तो अपना ये टिप्स, चमकने लगेगा चेहरा
World Expensive Tea: यह है दुनिया की सबसे महंगी चाय, इसके पौधों को मिला है चीनी राष्ट्रीय धरोहर का दर्जा
यह है दुनिया की सबसे महंगी चाय, इसके पौधों को मिला है चीनी राष्ट्रीय धरोहर का दर्जा
Kidney Repair: सड़ी हुई किडनी को डॉक्टरों ने बना दिया हेल्दी, क्या इंसानों पर भी कारगर होगी यह तकनीक?
सड़ी हुई किडनी को डॉक्टरों ने बना दिया हेल्दी, क्या इंसानों पर भी कारगर होगी यह तकनीक?
Delhi Pollution News: गाड़ी का पॉल्यूशन खत्म तो नहीं मिलेगा डीजल-पेट्रोल, दिल्ली वालों के लिए बड़ी खबर
गाड़ी का पॉल्यूशन खत्म तो नहीं मिलेगा डीजल-पेट्रोल, दिल्ली वालों के लिए बड़ी खबर
Embed widget