अमेरिकी महिला को वैक्सीन न लगवाने से बेटे की मौत का पछतावा, बेटे के अंतिम शब्द थे 'महामारी कोई झांसा नहीं, हकीकत है'
अमेरिका में कोरोना वायरस से अपने बेटे को गंवाने वाली क्रिस्टी नाम की एक महिला को वैक्सीन नहीं लगवाने का पछतावा है. क्रिस्टी के मुताबिक उसका बेटा स्वस्थ था और वह महामारी को एक झांसा मानता था.
वाशिंगटनः अमेरिका के अलबामा में कोरोना से अपने 28 साल बेटे को खोने के बाद एक मां ने कहा कि उसे इस बात का पछतावा है कि उसके परिवार ने वैक्सीन नहीं लगवाई. क्रिस्टी नाम की इस महिला कहा कि उनके परिवार ने वैक्सीन जल्दी रोलआउट होने के कारण नहीं लगवाई. उसने कहा "दूसरी वैक्सीन को बनाने में वर्षों लग गए और कोरोना वायरस वैक्सीन बहुत जल्दी बन गई."
द वाशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार क्रिस्टी ने कह कि "मेरे बेटे को मरते हुए देखकर और स्वयं कोविड के प्रभावों को झेलने के बाद हमें एहसास हुआ कि हमें वैक्सीन की जरूरत है." उन्होंने आगे कहा कि "जब हमारे पास मौका था तब हमने वैक्सीन नहीं लगवाई थी और अब हमें इस बात का बहुत अफसोस है."
वायरस से मई में हुई थी क्रिस्टी के बेटे की मौत
क्रिस्टी के बेटे कर्ट को मार्च में वायरस से संक्रमित होने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था. निमोनिया होने के बाद उसे वेंटिलेटर पर रखा गया था. 2 मई को उसकी मौत हो गई. कर्ट की मां को भी संक्रमित होने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था और वह रिकवर हो गई थी. क्रिस्टी के मुताबिक वायरस की चपेट में आने से पहले उसका बेटा स्वस्थ था और वह शुरू में महामारी को "झांसा" मानता था. क्रिस्टी ने कहा कि उसके अंतिम शब्द थे "यह एक झांसा नहीं है, यह रीयल है."
अलबामा में सबसे कम है वैक्सीनेशन रेट
अमेरिका में कई लोगों ने संक्रमण के कारण अस्पताल में भर्ती होने या परिवार के किसी सदस्य को बीमारी से जूझते या मरते हुए देखने के बाद टीका नहीं लगवान पर अफसोस जताया है. वहीं, अधिकारी वैक्सीन की झिझक दूर करने और लोगों को शॉट लेने के लिए प्रोत्साहित करने की कोशिश कर रहे हैं.
मेयो क्लिनिक द्वारा जुटाए गए आंकड़ों के मुताबिक, अमेरिकी राज्य में अलबामा में सबसे कम टीकाकरण दर है. इसकी लगभग 34% आबादी फुली वैक्सीनेट है. सीडीसी के अनुसार रविवार तक अमेरिका की लगभग 50% आबादी को वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी हैं. वहीं, अमेरिका में कोविड-19 से अबतक 6.10 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.
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