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विधानसभा चुनाव: शिवराज सिंह चौहान यदि इस बार जीते तो दिल्ली तक बजेगा 'सियासी डमरू'
अगर शिवराज सिंह चौहान इस बार भी जीत दर्ज करते हैं तो यह उनकी भी बतौर मुख्यमंत्री यह चौथी जीत होगी. अगर इस बार भी शिवराज सिंह के नेतृत्व में बीजेपी जीत जाती है तो उनका न केवल राज्य बल्कि भारतीय जनता पार्टी में भी उनका कद बढ़ेगा.

भोपाल: पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के लिए चुनावी बिगुल बज चुका है. जहां एक ओर बीजेपी फिर सियासी तालाब में जीत का कमल खिलाने की कोशिशों में दिख रही है तो वहीं कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी पार्टिया भी हर हाल में जीत चाहती है. मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के कंधों पर एक बार फिर बीजेपी की सत्ता की बाग-डोर होगी. राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एमपी में बीजेपी के मुख्य राजनीतिक चेहरे हैं. वह पार्टी के वरिष्ठ नेता होने के साथ ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के समर्पित कार्यकर्ता भी हैं. शिवराज सिंह चौहान ने 29 नवंबर, 2005 को बाबूलाल गौर के स्थान पर राज्य के मुख्यमंत्री बने थे. तब से वह राज्य के मुख्यमंत्री हैं. इस बार जीते चुनाव तो बढ़ेगा कद शिवराज सिंह चौहान ने राज्य में तीन बार विधानसभा चुनाव जीता है. बीजेपी के कद्दावर नेताओं में शुमार शिवराज की कई बार तुलना पीएम नरेंद्र मोदी से होती रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात में 3 अक्टूबर 2001 से 2014 तक 4 बार राज्य के मुख्यमंत्री रहे हैं. ऐसे में अगर शिवराज सिंह इस बार भी जीत दर्ज करते हैं तो यह उनकी भी बतौर मुख्यमंत्री यह चौथी जीत होगी. अगर इस बार भी शिवराज सिंह के नेतृत्व में बीजेपी जीत जाती है तो न केवल राज्य बल्कि भारतीय जनता पार्टी में भी उनका कद बढ़ेगा. इस बात को भी नहीं भुलाया जदा सकता कि चौहान को पूर्व पार्टी अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी ने प्रधानमंत्री मोदी के प्रतिद्वंद्वी के रूप में उभारा था. नरेद्र मोदी शायद ही इस बात को भुला सकें. जब मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब चौहान खुद को मुस्लिमों के हितैशी के रूप में दिखाते थे. वह खुद को मोदी के विरोध में प्रोजेक्ट करते रहे. 2014 में नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री के तौर पर पेश करने के खिलाफ नेताओं की पहली पसंद भी शिवराज सिंह चौहान ही थे. राज्य में शुरू की कई योजनाएं शिवराज सिंह चौहान ने राज्य में कई कल्यानकारी योजनाओं की शुरुआत की है. उन्होंने 179 से ज्यादा योजनाए शुरू की है. इन योजनाओं के जरिए वह चुनाव में वोटर्स को वोट करने के लिए कह रहे हैं. मुख्यमंत्री कन्यादान योजना, मुख्यमंत्री लाडली योजना, ग्रामीण सड़क योजना आदि कई बड़ी योजनाओं की उन्होंने घोषणा की है. पिछली बार बीजेपी ने जीते थे इतने सीट शिवराज सिंह के नेतृत्व में लड़ रही बीजेपी ने पिछली बार (2013 विधानसभा चुनाव) राज्य के चुनावों में 165 सीटों में जीत हासिल कर पूर्ण बहुमत साबित किया था. इस विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 58 सीटों पर जीत मिली थी जबकि 4 सीटों के साथ बहुजन समाज पार्टी राज्य में तीसरे स्थान पर थी. 2013 के चुनाव में 3 सीटें अन्य का खाते में गई थी. पांचों राज्यों में चुनाव की तारीक चुनाव आयोग ने मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में होने वाले चुनावों के लिए तारीखों का एलान कर दिया है. चारों राज्यों में 15 दिसंबर से पहले चुनावी प्रक्रिया खत्म हो जाएगी. चुनाव के एलान के साथ ही इन राज्यों में आचार संहिता लागू कर दिया गया है. छत्तीसगढ़ में दो चरणों में 12 और 20 नवंबर को वोट डाले जाएंगे. मध्य प्रदेश और मिजोरम में 28 नवंबर को वोटिंग होगी. वहीं राजस्थान और तेलंगाना में सात दिसंबर को वोटिंग होगी. पांचों राज्यों के चुनाव परिणाम की घोषणा 11 दिसंबर को की जाएगी.
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Source: IOCL






















