चुनाव के दौरान बाहर रहने की लालू की उम्मीद टूटी, SC ने खारिज की जमानत अर्जी
आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है. इसका साफ मतलब है कि उनको जेल में रहना होगा. फिलहाल वह रांची के रिम्स अस्पताल में इलाज करा रहे हैं.

नई दिल्ली: चुनाव के मौसम में जेल से बाहर आने के आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव के मंसूबे आज ध्वस्त हो गए. खराब स्वास्थ्य को आधार बना कर ज़मानत मांग रहे लालू की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी. चारा घोटाले में सज़ा काट रहे लालू की जमानत का CBI ने कड़ा विरोध किया था. उसकी दलील थी कि लालू को स्वास्थ्य की कोई गंभीर समस्या नहीं है. असल में उनका मकसद लोकसभा चुनाव के दौरान बाहर रहना है.
लालू को अब तक चारा घोटाले के कुल 4 मामलों में सजा मिली है. इसमें से 2 मामले चाईबासा के सरकारी खजाने से पैसे निकालने के हैं. जबकि 2 देवघर और दुमका कोषागार से अवैध निकासी के हैं. CBI का कहना था कि अब तक साढ़े 27 साल की सज़ा पा चुके लालू ने 20 महीने की सज़ा काटी है. इसमें से भी ज़्यादातर समय वो बीमारी का बहाना बना कर हस्पताल के प्राइवेट वार्ड में बने रहे हैं. अब अगर लालू को जमानत दी गई तो इससे न्याय प्रक्रिया में लोगों की आस्था को ठेस पहुंचेगी.
CBI ने ये भी कहा कि खराब तबियत का बहाना बना कर हस्पताल के प्राइवेट वार्ड में रहने वाले लालू वहां से राजनीतिक गतिविधियां चलाते रहते हैं. वहां बड़े-बड़े नेता और प्रभावशाली लोगों से मिलते हैं। जिन बीमारियों का ज़िक्र वो याचिका में कर रहे हैं, वो गंभीर नहीं हैं. उनका श्रेष्ठ उपलब्ध इलाज करवाया जा रहा है. इसके बावजूद वो चुनाव के दौरान बाहर रहने के लिए बहानेबाजी कर रहे हैं.
लालू यादव की तरफ से चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच में पेश हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा, "CBI बेवजह इस अर्ज़ी का विरोध कर रही है. सज़ा को बढ़ा-चढ़ाकर बताया जा रहा है. सज़ा के खिलाफ दाखिल अपील पर हाई कोर्ट में तेज सुनवाई नहीं हो रही है. लालू ज़मानत पाने के हकदार हैं."
इस पर चीफ जस्टिस ने कहा, "सज़ा के खिलाफ अपील पर सुनवाई न होना अलग बात है. इसका निर्देश तो दिया जा सकता है. लेकिन आपको अब तक 25 साल से ज़्यादा की सज़ा हो चुकी है. हम नहीं समझते की आपको ज़मानत पर रिहा करने की ज़रूरत है." सिब्बल ने तरकश का आखिरी तीर इस्तेमाल करते हुए कहा, "लालू कहीं भागने वाले नहीं हैं. उनके बाहर आने से कोई खतरा नहीं है।" कोर्ट ने ये दलील भी ठुकरा दी.
इससे पहले 10 जनवरी को झारखंड हाई कोर्ट ने लालू की जमानत याचिका को ठुकरा दिया था. लालू ने वहां भी खराब स्वास्थ्य का हवाला दिया था. उनकी तरफ से कहा गया था कि वो ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर के साथ कई और बीमारियों से जूझ रहे हैं. उनकी उम्र भी 70 से ऊपर हो चुकी है। लिहाजा उन्हें जमानत दे दी जाए. लेकिन हाई कोर्ट ने मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर लालू को जमानत देने से मना कर दिया था.
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Source: IOCL























