जौहर युनिवर्सिटी को लेकर आज़म खान की मुश्किलें बढ़ीं, हाईकोर्ट ने दिए जांच के आदेश
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जौहर युनिवर्सिटी के नाम पर सरकारी ज़मीन कब्ज़ा करने और सरकारी पैसों का दुरूपयोग किए जाने के आरोपों को लेकर दाखिल की गई अर्जी पर आज़म खान से जवाब तलब किया है. अदालत ने इस मामले में जौहर युनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार के साथ ही केंद्र और यूपी सरकार को नोटिस जारी कर उनसे भी जवाब मांगा है.

इलाहाबाद: जौहर युनिवर्सिटी को लेकर यूपी के पूर्व कैबिनेट मंत्री और समाजवादी पार्टी के नेता आज़म खान की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जौहर युनिवर्सिटी के नाम पर सरकारी ज़मीन कब्ज़ा करने और सरकारी पैसों का दुरूपयोग किए जाने के आरोपों को लेकर दाखिल की गई अर्जी पर आज़म खान से जवाब तलब किया है. अदालत ने इस मामले में जौहर युनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार के साथ ही केंद्र और यूपी सरकार को नोटिस जारी कर उनसे भी जवाब मांगा है.
एसआईटी को जांच जारी रखने और उसकी प्रोग्रेस रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने के निर्देश चीफ जस्टिस डीबी भोंसले की अगुवाई वाली हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने आज़म खान पर लगे आरोपों की जांच कर रही यूपी सरकार की एसआईटी को जांच जारी रखने और उसकी प्रोग्रेस रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने को भी कहा है.
अर्जी रामपुर जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष अब्दुल सलाम ने दाखिल की थी अदालत ने यूपी सरकार से पूछा है कि जौहर युनिवर्सिटी कैम्पस में सरकारी खर्च पर कितनी योजनाएं चल रही हैं. अगर गेस्ट हाउस और झील सरकारी खर्च से तैयार हुई यही तो उस पर प्राइवेट लोगों का नियंत्रण क्यों है. आज़म खान और उनकी जौहर यूनिवर्सिटी के खिलाफ हाईकोर्ट में जनहित याचिका रामपुर जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष अब्दुल सलाम ने दाखिल की थी.
आज़म खान की तरफ से कहा गया, अर्जी सियासी बदले की भावना से दाखिल की गई है हालांकि अदालत में आज़म खान की तरफ से इस अर्जी का विरोध करते हुए इसे खारिज किए जाने की अपील की गई, लेकिन अदालत ने उनकी इस दलील को ठुकरा दिया. आज़म खान की तरफ से यह भी कहा गया कि अर्जी सियासी बदले की भावना से दाखिल की गई है.
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