हड़ताली डॉक्टर्स को ममता बनर्जी ने दिया अल्टीमेटम, 4 घंटे के भीतर काम पर लौटें नहीं तो करूंगी कार्रवाई
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सूबे में हड़ताल कर रहे डॉक्टर्स को चेतावनी देते हुए कहा कि सभी चार घंटे के भीतर काम पर लौट जाएं अन्यथा कार्रवाई होगी.

कोलकाता: पश्चिम बंगाल में सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर्स (चिकित्सकों) की हड़ताल आज तीसरे दिन भी जारी है. इस बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हड़ताली चिकित्सकों के खिलाफ सख्ती दिखाते हुए कहा है कि चार घंटों के भीतर काम पर लौटें, अगर इस आदेश का पालन नहीं किया गया तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है.
मुख्यमंत्री ने हड़ताल को बीजेपी और वामदलों की साजिश बताया. उन्होंने कहा, ''जूनियर डॉक्टर्स का आंदोलन बीजेपी और वामदलों की साजिश है. बीजेपी चिकित्सकों के आंदोलन को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश कर रही है. बीजेपी सीपीएम की सहायता से हिंदू-मुस्लिम राजनीति में लिप्त हो रही है, उनके बीच का प्रेम देख कर स्तब्ध हूं.''
ममता बनर्जी ने कहा, ''बाहर के लोग मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में सेवाएं बाधित कर रहे हैं. उन्होंने पुलिस से यह सुनिश्चित करने को कहा कि अस्पताल परिसर में केवल मरीज ही रुकें.''
ममता बनर्जी चिकित्सकों के हड़ताल के मद्देनजर आज कोलकाता के सरकारी एसएसकेएम (सेठ सुखलाल करनानी मेमोरियल) अस्पताल पहुंची. जहां उन्होंने हालात का जायजा लिया और मरीजों से बात की. इस दौरान हड़ताली जूनियर डॉक्टर ने 'हमें न्याय चाहिए' के नारे लगाए.

चिकित्सकों की हड़ताल की वजह से आम मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जिसकी वजह से मरीजों में भी गुस्सा बढ़ा है. बुधवार को बर्दवान मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में पथराव में चार जूनियर डॉक्टर घायल हो गए.

अस्पताल के उपाधीक्षक अमिताव साहा ने कहा, "चिकित्सक शांतिपूर्वक धरना दे रहे थे, जब कुछ गुंडों ने पूर्वान्ह 11 बजे पथराव किया. इसमें एक इंटर्न मयंक अग्रवाल (22) के माथे पर गंभीर चोट लगी, जबकि तीन अन्य को मामूली चोटें आईं हैं."
क्यों हड़ताल पर हैं डॉक्टर?
कोलकाता के सरकारी एनआरएस मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में सोमवार की रात एक मृत मरीज के परिवार के सदस्यों ने दो जूनियर चिकित्सकों पर हमला कर दिया था जिसके खिलाफ चिकित्सक प्रदर्शन कर रहे हैं और सुरक्षा की मांग कर रहे हैं. इसे लेकर राज्य भर के चिकित्सकों ने बुधवार से बाह्य रोगी विभागों (ओपीडी) में कार्य बंद कर दिया.
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