DCGI ने कोरोना वायरस एलिसा जांच किट आयात का मुंबई की फर्म का लाइसेंस रद्द किया
मुंबई की फर्म को 20 जुलाई तक जवाब देना था, लेकिन उसने कुछ नहीं कहा. इसलिए ऐसा माना गया कि फर्म के पास कहने को कुछ नहीं है और उसका आयात लाइसेंस रद्द कर दिया गया.
नई दिल्ली: देश के औषधि नियंत्रक डीसीजीआई ने कोविड-19 आईजीजी एलिस जांच किट के मुंबई की फर्म ट्रांसासिआ बायो मेडिकल का इंपोर्ट लाइसेंस रद्द कर दिया है. डीसीजीआई ने कहा है कि अमेरिकी सरकार की समकक्ष संस्था एफडीए ने जांच किट बनाने वाली कंपनी को कोरोना वायरस सीरोलॉजी जांच किट सूची से हटा दिया है. मुंबई की कंपनी को 17 जुलाई को नोटिस भेजकर पूछा गया था कि क्योंकि एफडीए ने निर्माता कंपनी को अपनी सूची से हटा दिया है, ऐसे में उसका आयात लाइसेंस रद्द क्यों ना किया जाए.
मुंबई की फर्म को 20 जुलाई तक जवाब देना था, लेकिन उसने कुछ नहीं कहा. इसलिए ऐसा माना गया कि फर्म के पास कहने को कुछ नहीं है और उसका आयात लाइसेंस रद्द कर दिया गया.
पहले भी कर चुका है कार्रवाई इससे पहले कोरोना के इलाज में इस्तेमाल की जानेवाली रेमडेसिवीर दवा की काला बाजारी को लेकर डीसीजीआई ने राज्यों को चिट्ठी लिखी थी. इस दवा को लेकर काला बाजारी की शिकायत मिल रही थी. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को शिकयत मिलने के बाद मंत्रालय ने इसे सीडीएससीओ सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन को भेजा. जिसके बाद डीसीजीआई ने राज्यों को तुरंत स्थानीय स्तर पर विजिलेंस शुरू कर कालाबाजारी और कीमत पर नजर रखने को कहा था.
दरअसल, रेमडेसिवीर दवा भारत में नहीं बनाई जाती है लेकिन कोरोना के चलते हाल ही में डीसीजीआई ने सिपला, हेटेरो और मायलेन लैबोरेटरी कंपनी को इसके मैन्युफैक्चर और ड्रग मार्केटिंग की अनुमति दी है. डीसीजीआई ने दवा को सिर्फ कोरोना संक्रमित गंभीर मरीजों के इलाज में इस्तेमाल की इजाज़त दी है.
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