Exclusive: टीएमसी सांसद नुसरत जहां ने एबीपी न्यूज़ से कहा- बंगाल की हर सीट पर उम्मीदवार सिर्फ 'दीदी' हैं
एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत में नुसरत जहां ने कहा कि बंगाल की जनता के लिए ममता बनर्जी ने जितना किया है उतना किसी ने नहीं किया है. इस बार चुनाव कैंपने से नहीं बल्कि इमोशन से होगा.
कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस की सांसद नुसरत जहां ने एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत की. उन्होंने कहा कि बंगाल की हर सीट पर उम्मीदवार सिर्फ 'दीदी' हैं, चेहरा किसी का भी हो. बंगाल की जनता 'दीदी' से बहुत ज्यादा प्यार करती है. हम वक्त के साथ मुंहतोड़ जवाब देंगे.
नुसरत जहां ने कहा कि इस बार बात बंगाल के लोगों के इमोशन की है. बंगाल के लोगों के लिए 'दीदी' ने जितना किया है उतना किसी ने नहीं किया है. इस बार चुनाव कैंपेन से नहीं इमोशन से होगा. 65 साल की उम्र में भी वो लोगों के लिए लड़ रही हैं.
विपक्ष ने राजनीति को बिजनेस की नजर से देख रहे हैं
विपक्ष पर निशाना साधते हुए नुसरत जहां ने कहा कि विपक्षी दल राजनीति को बिजनेस की तरह देख रहे हैं. उनके पास बहुत पैसे हैं. ममता बनर्जी के पास सिर्फ उनका काम और इमोशन है. उनके पास बंगाल की जनता और यहां के कल्चर के लिए बेशुमार प्यार है. इसी को बेस बनाकर लोगों के पास पहुंचना है. लोगों को यही बताना है कि वो सही सुनें और सही चुनें.
ट्रोलर्स के बारे में क्या बोलीं नुसरत जहां?
सोशल मीडिया पर ट्रोलर्स के बारे में टीएमसी सांसद ने कहा कि जो बहुत सारी बातें करते हैं उनकी कोई शक्ल नहीं होती. वे बिना चेहरे वाले होते हैं. उन्होंने कहा, "कोई भी किसी भी कोने से बैठकर मुझे जज कर लेगा, मेरी जिंदगी पर इतना अधिकार तो किसी का नहीं है. अगर एक जनप्रतिनिधि होने के नाते मेरा काम गलत हो रहा है तब लोग मुझे जज कर सकते हैं. मेरे पेशे में मेरा काम गलत हो रहा है तब मुझे लोग जज कर सकते हैं. रेगुलर लाइफ में मैं कैसे लीड करती हूं इसको लेकर मुझे कोई जज नहीं कर सकता."
असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी के बारे में क्या कहा?
राजनीतिक गलियारों में कयास लगाए जा रहे हैं कि असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी का बंगाल के समीकरण को प्रभावित कर सकते हैं, मुस्लिम वोट खींच सकते हैं. इसपर नुसरत जहां ने कहा, "ओवैसी तब कहां थे जब पूरे देश में अलग-अलग जगहों पर मुसलमानों पर अत्याचार हो रहा था. दंगे हो या मॉब लिचिंग हो, उस वक्त तो उन्होंने आवाज नहीं उठाई. आज बीजेपी के साथ मिलकर अगर वो हमारे यहां के मुसलमानों को भड़काने की भी कोशिश करते हैं तो मुसलमान बेवकूफ नहीं है. आप धर्म को आधार बनाकर राजनीति नहीं कर सकते हैं. आप धर्म को आधार बनाकर लोगों को भड़का नहीं सकते हैं. "
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