तेलंगाना टनल में फंसे लोगों का रेस्क्यू नहीं आसान! बचावकर्मियों के सामने है इस चीज का खतरा, एक्सपर्ट्स ने बताई वजह
Telangana Tunnel Collapse: तेलंगाना टनल हादसे में 8 मजदूरों का रेस्क्यू मुश्किल होता जा रहा है. विशेषज्ञों का कहना है कि और खुदाई से श्रमिकों और उन्हें बचाने वालों की जान भी जोखिम में पड़ सकती है.

Telangana Tunnel Collapse: तेलंगाना के नगरकुर्नूल जिले में हुए टनल हादसे में आठ मजदूर तीन दिनों से फंसे हुए हैं. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें लगातार बचाव कार्य में जुटी हुई हैं. अब उत्तराखंड के सिलक्यारा सुरंग हादसे में शामिल बचाव दल के छह विशेषज्ञ भी इस ऑपरेशन में शामिल हो गए हैं.
बचाव अभियान अब और खतरनाक होता जा रहा है. कीचड़ की दीवार की ऊंचाई एक मीटर और बढ़ गई, जिससे मजदूरों की स्थिति और गंभीर हो गई है. सुरंग ढहने के 48 घंटे से अधिक समय बीत चुका है और अभी तक फंसे लोगों से संपर्क नहीं हो पाया है. विशेषज्ञों का कहना है कि अधिक खुदाई करने से न केवल फंसे हुए मजदूरों की जान खतरे में पड़ सकती है, बल्कि बचावकर्मी भी जोखिम में आ सकते हैं.
बचाव कार्य में नई चुनौतियां
अब तक पांच बचाव टीमें सुरंग में जा चुकी हैं. चौथी टीम से मिली रिपोर्ट ने चिंता बढ़ा दी है. हर मिनट 3,200 लीटर पानी सुरंग में भर रहा है, जिससे रेत, पत्थर और मलबे के कारण कीचड़ बढ़ता जा रहा है.
विशेषज्ञों को आशंका है कि एक और रिसाव हो सकता है, जिससे बचाव कार्य और मुश्किल हो जाएगा.
उत्तराखंड के रैट-होल माइनर्स बुलाए गए
तेलंगाना सरकार ने उत्तराखंड से रैट-होल माइनर्स को बुलाया है, क्योंकि वे संकरी जगहों में बचाव कार्य में विशेषज्ञता रखते हैं.सीएम रेवंत रेड्डी रेस्क्यू ऑपरेशन की निगरानी कर रहे हैं. तेलंगाना के मंत्री लगातार घटनास्थल पर मौजूद हैं और हालात का जायजा ले रहे हैं.
टनल हादसे के कारण हालात बिगड़े
प्राकृतिक पत्थर खिसकने से पानी और मिट्टी अचानक टनल में घुस गई. 12-13 फीट तक पानी भर गया, जिससे राहत कार्य प्रभावित हो रहा है. आने वाले घंटों में बड़ा फैसला संभव स्थिति को देखते हुए अधिकारियों और विशेषज्ञों की टीम जल्द ही आगे की रणनीति तय करेगी. सभी की सुरक्षा प्राथमिकता है, लेकिन बचाव में हो रही देरी चिंता का विषय बनी हुई है.
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Source: IOCL





















