मसूद अजहर ग्लोबल आतंकी: अकबरुद्दीन बोले, मैं धोनी के दृष्टिकोण में यकीन करता हूं
इस बड़ी जीत का जिक्र करते हुए संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत और स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने भारतीय टीम के क्रिकेटर एम एस धोनी का जिक्र किया है. जानिए क्यों

नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने बुधवार को पाकिस्तान में सक्रिय आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मौलाना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित कर दिया. इसे भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत के तौर पर देखा जा रहा है. इस बड़ी जीत का जिक्र करते हुए संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत और स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने भारतीय टीम के क्रिकेटर एम एस धोनी का जिक्र किया है.
इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के मुताबिक अकबरुद्दीन ने कहा, ''21 फरवरी की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) का (पुलवामा हमले) निंदा बयान प्रमुख था. इसने दिखाया कि इस मुद्दे पर परिषद में आम सहमति संभव थी.''
अकबरुद्दीन ने कहा, ''मैं एमएस धोनी के दृष्टिकोण में यकीन करता हूं. ये सोचते हुए कि किसी लक्ष्य को पूरा करने की कोशिश के दौरान आप जितना सोचते हैं उससे कहीं ज्यादा वक्त होता है. कभी मत कहिए समय खत्म हो गया, कभी भी जल्द हार मत मानिए.''
कौन हैं मसूद अजहर जिसपर लगा बैन ? मोहम्मद मसूद अजहर अल्वी जिसे हम सब आतंकी मसूद अजहर के नाम से जानते हैं. इसका जन्म 10 जुलाई, 1968 को बहावलपुर में हुआ जो पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित है. इस आतंकी की राष्ट्रीयता पाकिस्तानी है. हालांकि इसके राष्ट्रीय पहचान पत्र संख्या के बारे में कोई जानकारी नहीं है. बता दें कि वह अपने माता-पिता का तीसरा बच्चा है. उसके 4 भाई और 6 बहनें हैं. अजहर के पिता अल्लाह बख्श शब्बीर एक सरकारी स्कूल में हेडमास्टर थे. अजहर की शिक्षा की बात करें तो 8वीं क्लास के बाद वह मुख्यधारा की शिक्षा से अलग हो गया और जामिया उलूम इस्लामिक स्कूल में शामिल हो गया, जहां से उसने 1989 में एक आलिम के रूप में स्नातक किया और जल्द ही एक शिक्षक के रूप में नियुक्त हो गया. बाद में वो हरकत-उल-अंसार का मुख्य सचिव बना और नई भर्तियां करने, चंदा इकट्ठा करने और इस्लाम का प्रचार-प्रसार करने के लिए देश-विदेश की यात्राएं करने लगा. 1994 में वह नकली पहचान से श्रीनगर में आया और वहीं उसे गिरफ्तार कर लिया गया.
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