इंजीनियर की हत्या मामले में सुप्रीम कोर्ट ने रेलवे से मांगा जवाब
राहुल सिंह की पत्नी ज्योति सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर CBI जांच की मांग की है.

नई दिल्ली: यात्रियों से अवैध वसूली और इसका वीडियो बनाने वाले शख्स की चलती ट्रेन से फेंक कर हत्या. सुप्रीम कोर्ट में दायर एक याचिका के मुताबिक ऐसा करने वाले कोई अपराधी नहीं थे, बल्कि आरपीएफ के वो जवान थे, जिन पर यात्रियों की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी होती है. कोर्ट ने इस मामले में रेलवे, यूपी सरकार, आरपीएफ और सीबीआई को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.
याचिका के मुताबिक घटना 24 अगस्त को दिल्ली से बनारस जा रही चंबल एक्सप्रेस की है. S-2 बॉगी में टीटीई के साथ आरपीएफ के 3 पुरुष और 5 महिला सिपाही यात्रियों से अवैध वसूली कर रहे थे. कोच में यात्रा कर रहे इंजीनियर राहुल सिंह ने अपने मोबाइल में इसका वीडियो बनाना शुरू कर दिया.
इस पर नज़र पड़ते ही आरपीएफ के लोगों ने उनका मोबाइल छीन लिया और बुरी तरह पीटना शुरू कर दिया. उन्होंने उसे अपने साथ चल रही आरपीएफ की महिला सिपाही से छेड़छाड़ के झूठे आरोप में फंसाने की भी धमकी दी. बुरी तरह घबराए राहुल ने वीडियो बनाने के लिए माफी भी मांगी और कहा कि वो इसके बारे में किसी से नहीं कहेंगे. लेकिन आरपीएफ के कुछ सिपाहियों ने झांसी के करीब उन्हें चलती ट्रेन से बाहर फेंक दिया.
घटना में दखल देने की कोशिश कर रहे कुछ लोगों को भी धमकाया गया. उनमें से एक वकील कुलदीप शर्मा ने महोबा के जीआरपी थाने में ने एफआईआर दर्ज कराने की कोशिश की. लेकिन, वहां मौजूद पुलिसवालों ने एफआईआर दर्ज नहीं की. बाद में रेल मंत्री को टैग कर ट्वीट करने पर इलाहाबाद जीआरपी ने एफआईआर दर्ज की.
इसके बावजूद इस मामले में अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है. अब राहुल सिंह की पत्नी ज्योति सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर सीबीआई जांच की मांग की है. उन्होंने कहा है कि आरपीएफ के लोग उनके परिवार को मामले में बयान बदलने के लिए धमकी दे रहे हैं.
याचिका में ट्रेनों में यात्री सुरक्षा के लिए ज़रूरी कदम उठाए जाने की भी मांग की गई है. कहा गया है कि लंबे अरसे से सरकार रेलवे कोच में सीसीटीवी कैमरे लगाने की बात कर रही है. लेकिन अब तक इस दिशा में ज़्यादा काम नहीं हुआ है.
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