84 में हुए सिख दंगे, 7 साल बाद दर्ज हुई सज्जन कुमार पर FIR, 4 दशक बाद मिली उम्रकैद की सजा
Sikh Riots 1984: इन दंगों में 2,733 लोग मारे गए थे. कुल मिलाकर, लगभग 240 प्राथमिकियों को पुलिस ने कोई सुराग न मिलने का हवाला देते हुए बंद कर दिया और 250 मामलों में आरोपियों को बरी कर दिया गया.

Sikh Riots 1984: कांग्रेस के पूर्व सांसद सज्जन कुमार को 1984 के सिख विरोधी दंगों के दौरान दो व्यक्तियों की हत्या के मामले में मंगलवार (25 फरवरी, 2025) को राउज एवेन्यू कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई. सज्जन कुमार दिल्ली कैंट मामले में पहले से ही उम्रकैद की सजा काट रहे हैं.
आईये मामले से संबंधित घटनाओं का क्रमवार विवरण पर नजर डालते हैं.
- 1991: मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई.
- 8 जुलाई, 1994: दिल्ली की अदालत ने अभियोजन शुरू करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं पाए. मामले में सज्जन कुमार के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल नहीं किया गया.
- 12 फरवरी, 2015: सरकार ने विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया.
- 21 नवंबर, 2016: एसआईटी ने अदालत से कहा कि मामले में आगे जांच की जरूरत है.
- 6 अप्रैल, 2021: कुमार को गिरफ्तार किया गया.
- 5 मई, 2021: पुलिस ने आरोपपत्र दाखिल किया.
- 26 जुलाई, 2021: अदालत ने आरोपपत्र पर संज्ञान लिया.
- 1 अक्टूबर, 2021: अदालत ने आरोपों पर बहस शुरू की.
- 16 दिसंबर, 2021: अदालत ने हत्या, दंगा और अन्य अपराधों के आरोप तय किए.
- 31 जनवरी, 2024: अदालत ने अंतिम दलीलें सुनना शुरू किया.
- 8 नवंबर, 2024: अदालत ने फैसला सुरक्षित रखा.
- 12 फरवरी, 2025: अदालत ने कुमार को दोषी ठहराया.
- 25 फरवरी, 2025: कुमार को आजीवन कारावास की सजा दी गई.
दंगों में मारे गए 2733 लोग
हिंसा और उसके बाद की घटनाओं की जांच के लिए गठित नानावटी आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में दंगों के संबंध में 587 प्राथमिकी दर्ज की गई थीं. इन दंगों में 2,733 लोग मारे गए थे. कुल मिलाकर, लगभग 240 प्राथमिकियों को पुलिस ने कोई सुराग न मिलने का हवाला देते हुए बंद कर दिया और 250 मामलों में आरोपियों को बरी कर दिया गया.
एक और मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे थे सज्जन कुमार
केवल 28 मामलों में ही सजा हो सकी, जिनमें लगभग 400 लोगों को दोषी ठहराया गया. सज्जन कुमार सहित लगभग 50 लोगों को हत्या के लिए दोषी ठहराया गया. उस समय प्रभावशाली कांग्रेस नेता और सांसद रहे सज्जन कुमार 1984 में एक और दो नवंबर को दिल्ली की पालम कॉलोनी में पांच लोगों की हत्या के मामले में भी आरोपी थे. इस मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी और सजा को चुनौती देने वाली उनकी अपील सुप्रीम कोर्ट में लंबित है.
कुमार को निचली अदालत की ओर से बरी किये जाने के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में एक और अपील लंबित है, जबकि दिल्ली की एक अदालत वर्तमान में चौथे मामले में सुनवाई कर रही है.
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