स्कूल को नागवार गुजरा छात्र-छात्रा का गले मिलना, दोनों को किया सस्पेंड
कर्नाटक के तिरुअनंतपुरम के मुक्कोला का है जहां थोम्स सेंट्रल स्कूल में 12वीं के छात्र और 11वीं की छात्रा को एक-दूसरे के गले लगाने के बाद स्कूल से निकाल दिया.

नई दिल्ली: स्कूल में स्टूडेंट्स को जरा जरा सी बात पर सजा देना आम होता जा रहा है. लगातार ऐसी खबरें सामने आ रही है. इस बार मामला कर्नाटक के तिरुअनंतपुरम के मुक्कोला का है जहां थोमस सेंट्रल स्कूल में बारहवीं में पढ़ने वाले एक के छात्र ने ग्यारहवीं में पढ़ने वाली छात्रा को गले लगा लिया, महज इतनी सी बात पर दोनों को स्कूल प्रशासन ने बाहर निकाल दिया. यह घटना 21 अगस्त की है. स्कूल प्रशासन का कहना है कि इस हरकत से स्कूल की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा है.
दरअसल 11वीं की छात्रा ने स्कूल के एक आर्ट प्रतियोगिता में जीत हासिल की थी. इसी खुशी में 12वीं के एक छात्र ने छात्रा को गले लगाया. उसने यह तस्वीर अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर भी शेयर किया था. छात्र का कहना है कि वह अब हाई कोर्ट के डिवीजन बेंच को अपील करेगा. बता दें कि पिछले हफ्ते केरल हाईकोर्ट स्कूल के पक्ष में फैसला सुना चुका है.
वहीं इस पूरे मामले में लड़की के घऱवालों ने खुद को अलग रखा हुआ है. छात्रा को डर है कि कही इस मामले को लेकर उसी स्कूल के दूसरी कक्षा में पढ़ने वाली उसकी बहन को निशाना ना बनाया जाए. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक लड़की ने कहा, ''मैं तनाव में हूं...स्कूल की तरफ से दिए गए इस मेंटल ट्रोमा से मैं अब तक उबर नहीं पाई हूं.''
छात्रा ने कहा, "स्कूल के अधिकारियों ने मुझे अपमान किया...मैं किसी भी कीमत पर 11वीं परीक्षा में भाग लेना चाहती हूं...अगले साल मैं एक ऐसे स्कूल में पढ़ना चाहती हूं जहां मैं एक शांति के साथ जीवन जी सकूं.''
लड़के के पिता के मुताबिक, बधाई देने के लिए गले लगाने की घटना को लेकर स्कूल के अधिकारियों ने अनुचित कदम उठाया है जिससे उसके बेटे का मनोबल पूरी तरह से टूट गया है. उसके निलंबन के बाद लड़के के परिवारवालों ने इस फैसले को चुनौती देने के लिए केरल राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग का रुख किया था. आयोग की पैनल ने स्कूल प्रशासन को उसे कक्षा में आने की अनुमति देने का निर्देश दिया था.
चर्च की तरफ से संचालित स्कूल के प्रबंधक ने हालांकि इसका विरोध किया था और इस मामले को लेकर केरल हाईकोर्ट पहुंचा जिसने स्कूल के इस फैसले को सही ठहराया है. स्कूल के अधिकारियों ने कहा कि लड़के को अनुशासनात्मक कार्रवाई के तहत निलंबित किया गया है और यह मामला केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) तक पहुंच गया है, जिसने इस मामले की जानकारी ली है.
स्कूल के प्राचार्य सेबस्टियन जोसेफ ने कहा, ‘‘हमें कोई समस्या नहीं है यदि सीबीएसई उसे परीक्षा में बैठने की अनुमति देता है.’’ उन्होंने हालांकि कहा कि इसके लिए लड़के की अनिवार्य उपस्थिति पूरी नहीं है. प्राचार्य ने कहा, ‘‘हमारा इरादा बच्चे को सुधारना है उसे बिगाड़ना नहीं, बल्कि उसे बेहतर बनाना है.’’
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Source: IOCL





















