PM Modi Speech Highlights: आंदोलनजीवी से लेकर 'नए FDI' और किसान से कोरोना तक | पीएम मोदी के भाषण की बड़ी बातें
PM Modi Speech Highlights: पीएम मोदी ने राज्यसभा में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण पर जवाब देते हुए कोरोना वायरस, अर्थव्यवस्था, बॉर्डर सुरक्षा और किसान आंदोलन जैसे कई बड़े मुद्दों पर अपनी बात कही. पीएम मोदी ने कहा कि आंदोलन करना आपका हक है, लेकिन बुजुर्ग भी वहां बैठे हैं. उनको ले जाइए, आंदोलन खत्म करिए. पढ़ें पीएम मोदी की बड़ी बातें.

PM Modi Speech Highlights: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राज्यसभा में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण पर जवाब देते हुए कोरोना वायरस, अर्थव्यवस्था, बॉर्डर सुरक्षा और किसान आंदोलन जैसे कई बड़े मुद्दों पर अपनी बात कही. बड़ी बात यह है कि पीएम मोदी ने कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों से आंदोलन खत्म करने की अपील की. उन्होंने कहा कि सरकार जरूरत पड़ने पर कानून में सुधार को तैयार है. वहीं कोरोना को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि विश्व बहुत चिंतित था कि अगर कोरोना की इस महामारी में भारत अपने आप को नहीं संभाल पाया तो पूरी मानव जाति के लिए बड़ा संकट आ जाएगा. पढ़ें पीएम मोदी की बड़ी बातें.
कोरोना महामारी
मोदी ने कहा, ''पूरा विश्व अनेक चुनौतियों से जूझ रहा है. शायद ही किसी ने सोचा होगा कि मानव जाति को ऐसे कठिन दौर से गुजरना होगा, ऐसी चुनौतियों के बीच. कोरोना की लड़ाई जीतने का यश किसी सरकार को नहीं जाता है, किसी व्यक्ति को नहीं जाता है, लेकिन हिंदुस्तान को तो जाता है. गर्व करने में क्या जाता है? विश्व के सामने आत्मविश्वास से बोलने में क्या जाता है? भारत के लिए दुनिया ने बहुत आशंकाएं जतायी थीं. विश्व बहुत चिंतित था कि विश्व बहुत चिंतित था कि अगर कोरोना की इस महामारी में भारत अपने आप को नहीं संभाल पाया तो पूरी मानव जाति के लिए बड़ा संकट आ जाएगा. इस कोरोना काल में भारत ने वैश्विक संबंधों में एक विशिष्ट स्थान बनाया है, वैसे ही भारत ने हमारे फेडरल स्ट्रक्चर को इस कोरोना काल में, हमारी अंतर्भूत ताकत क्या है, संकट के समय हम कैसे मिलकर काम कर सकते हैं, ये केंद्र और रज्य सरकार ने मिलकर कर दिखाया है.''
राष्ट्रवाद
पीए मोदी ने कहा, ''भारत के राष्ट्रवाद पर चौतरफा हो रहे हमले से आगाह करना जरूरी है. भारत का राष्ट्रवाद न तो संकीर्ण है, न स्वार्थी है, न आक्रामक है. ये सत्यम, शिवम, सुंदरम मूलों से प्रेरित है. ये वक्तव्य आजाद हिंद फौज की प्रथम सरकार के प्रथम प्रधानमंत्री नेताजी का है. दुर्भाग्य है कि जाने-अनजाने में हमने नेताजी की भावना को, उनके आदर्शों को भुला दिया है. उसका परिणाम है कि आज हम ही, खुद को कोसने लगे हैं. हमने अपनी युवा पीढ़ी को सिखाया नहीं कि ये देश लोकतंत्र की जननी है. हमें ये बात नई पीढ़ी को सिखानी है.''
किसान
मोदी ने कहा, ‘‘हम आंदोलन से जुड़े लोगों से लगातार प्रार्थना करते हैं कि आंदोलन करना आपका हक है, लेकिन बुजुर्ग भी वहां बैठे हैं. उनको ले जाइए, आंदोलन खत्म करिए. यह खेती को खुशहाल बनाने के लिए फैसले लेने का समय है और इस समय को हमें नहीं गंवाना चाहिए. हमें आगे बढ़ना चाहिए, देश को पीछे नहीं ले जाना चाहिए. हमें एक बार देखना चाहिए कि कृषि सुधारों से बदलाव होता है कि नहीं. कोई कमी हो तो हम उसे ठीक करेंगे, कोई ढिलाई हो तो उसे कसेंगे.’’ मोदी ने किसानों को भरोसा दिलाया कि मंडियां और अधिक आधुनिक बनेंगी और इसके लिए इस बार के बजट में व्यवस्था भी की गई है.
पीएम किसान सम्मान निधि योजना
पीएम मोदी ने कहा, ‘’जब हम कर्जमाफी करते हैं तो छोटा किसान उससे वंचित रहता है, उसके नसीब में कुछ नहीं आता है. पहले की फसल बीमा योजना भी छोटे किसानों को नसीब ही नहीं होती थी. यूरिया के लिए भी छोटे किसानों को रात-रात भर लाइन में खड़े रहना पड़ता था, उस पर डंडे चलते थे.’’ उन्होंने कहा, ‘’पीएम किसान सम्मान निधि योजना से सीधे किसान के खाते में मदद पहुंच रही है. 10 करोड़ ऐसे किसान परिवार हैं जिनको इसका लाभ मिल गया. अब तक 1 लाख 15 हजार करोड़ रुपये उनके खाते में भेजे गये हैं. इसमें अधिकतर छोटे किसान हैं.’’
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Source: IOCL





















