मंत्रिपरिषद में दिया गया राफेल पर प्रेजेंटेशन, पीएम मोदी ने कहा-तथ्यों के साथ कांग्रेस को जवाब दें
प्रेजेंटेशन के अंत मे पीएम मोदी ने सभी प्रजेंटेशन को लेकर अपनी बात रखी और मंत्रिपरिषद के सदस्यों से कहा कि कांग्रेस को पूरे तथ्यों के साथ जवाब दें.

नई दिल्लीः राफेल सौदे पर चौतरफा घिरती जा रही सरकार ने अब इस पर कांग्रेस को जबाव देने की तैयारी की है. आज मंत्रिपरिषद की बैठक में राफेल पर एक प्रेजेंटेशन दिया गया. इस प्रेजेंटेशन में मंत्रियों को राफेल डील पर जबाव देने के लिए तर्क समझाए गए. सरकार ने मंत्रियों को राफेल डील पर तथ्यों के साथ जवाब देने के लिए कहा. राफेल पर प्रेजेंटेशन के दौरान बीच-बीच में एनएसए अजित डोवाल ने भी राफेल डील पर बात रखी. राफेल के अलावा महात्मा गांधी की 150 वी जयंती, आयुष्मान भारत और स्वच्छता मिशन पर भी प्रेजेंटेशन दिया गया. सभी मंत्रालयों के सचिवों ने प्रेजेंटेशन दिए.
राफेल डील को समझाने के लिए दिया गया कार का उदाहरण राफेल डील को समझाने के लिए एक कार का उदाहरण दिया गया. कार के बेसिक मॉडल और टॉप मॉडल के बीच जो अंतर है वही अंतर राफेल विमान के बेसिक मॉडल और टॉप मॉडल में अंतर है. जैसे एक कार या जीप के बेसिक मॉडल और टॉप मॉडल बाहर से एक से दिखते हैं लेकिन मॉडल में ज़मीन आसमान का अंतर होता है, टॉप मॉडल फुली लोडेड होता है लेकिन बाहर से बेसिक मॉडल जैसा ही दिखता है.
लेकिन जैसे ही टॉप मॉडल की कीमत आप बताते हैं सभी को ये पता चल जाता है कि ये टॉप मॉडल है और फुली लोडेड हैं. एनडीए सरकार ने जो राफेल डील की है वो फुली लोडेड राफेल की है और राफेल के बेसिक मॉडल की जो कीमत यूपीए सरकार के समय थी यानी 80 मिलियन यूरो उससे कम कीमत पर बेसिक राफेल डील एनडीए सरकार ने की है. प्रेजेन्टेशन में ये भी बताया गया कि राफेल की कीमत का खुलासा इसलिए नही किया जा रहा है क्योंकि इससे शत्रु देश को राफेल में लोडेड इक्विपमेंट का पता चल जाएगा ठीक वैसे ही जैसे टॉप मॉडल कर या जीप की कीमत बताते ही ये पता चल जाता है कि इस गाड़ी में म्यूजिक सिस्टम है, पावर विंडो है, पावर स्टेयरिंग है. और जब शत्रु देश को राफेल के इक्विपमेंट का अंदाज़ा लग जायेगा तो इससे देश की सुरक्षा के साथ समझौता होगा.
प्रेजेंटेशन में ये भी बताया गया कि डील दो तरह की होती है एक ओपन विडिंग और दूसरी गवर्नमेंट टू गवर्नमेंट. इससे पहले कभी भी गवर्नमेंट टू गवर्नमेंट डील नही हुई है इसलिए कांग्रेस भ्रम फैला रही है. गवर्नमेंट टू गवर्नमेंट डील में दो देश की सरकारें एक दूसरे को सस्ती दर पर सामान या रसद मुहैया करा कर बेहतर और लंबे समझौतों के रास्ते खोलती है. राफेल की इस डील में गवर्नमेंट टू गवर्नमेंट डील से प्रति राफेल विमान भारत सरकार ने करोड़ों रुपये बचाये हैं. ये बचत 34 रफेल विमानो पर 12500 करोड़ तक है.
प्रेजेंटेशन के अंत मे पीएम मोदी ने सभी प्रजेंटेशन को लेकर अपनी बात रखी और मंत्रिपरिषद के सदस्यों से कहा कि कांग्रेस को पूरे तथ्यों के साथ जवाब दें. अगर किसी भी मंत्री को किसी दूसरे विभाग के कामकाज पर अपनी बात रखनी हो और उसकी पूरी जानकारी न हो तो संबंधित विभाग के सचिव से बात कर पूरी जानकारी के साथ अपनी बात रखे.
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