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पुलिस का खुलासाः जैश-हिजबुल ने मिल कर बनिहाल में CRPF काफिले पर किया था धमाका, 6 लोग गिरफ्तार
आईजीपी मनीष किशोर सिन्हा ने कहा कि 30 मार्च को बनिहाल में कार में ब्लास्ट हुआ था. इसमें हिजबुल के दो मॉड्यूल काम कर रहे थे. जैश और हिजबुल ने मिल कर इस धमाके को अंजाम दिया था और जैशे मोहम्मद के आतंकी मुन्ना बिहारी ने यह बम प्लांट किया था.

नई दिल्लीः 30 मार्च को जम्मू-कश्मीर के बनिहाल में हाईवे पर सीआरपीएफ के काफिले में शामिल बस को कार ने टक्कर मारी थी जिसके बाद धमाका हुआ था. आज इसको लेकर जम्मू के आईजीपी मनीष किशोर सिन्हा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और जानकारी दी कि इस मामले में 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. बनिहाल हमले का मास्टरमाइंड पाकिस्तानी आतंकी और जैश कमांडर मुन्ना बिहारी था. आईजीपी मनीष किशोर सिन्हा ने कहा कि 30 मार्च को बनिहाल में कार में ब्लास्ट हुआ था. इस मामले में 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया और इस कार ब्लास्ट में हिजबुल के दो मॉड्यूल काम कर रहे थे. जैश और हिजबुल ने मिल कर इस धमाके को अंजाम दिया था और जैशे मोहम्मद के आतंकी मुन्ना बिहारी ने यह बम प्लांट किया था. भटिंडा से गिरफ्तार छात्र हिलाल अहमद मंटू जमात उल तुलबा का समर्थक है और इस आतंकी हमले में शामिल सभी आतंकियों का रिकॉर्ड साफ था. शोपियां में एक सेब के खेत मे यह आईईडी लगाई गई थी. जो 6 लोग अभी तक गिरफ्तार किए गए हैं उनसे जानकारी मिली है कि बनिहाल में हुई घटना में जैश का भी हाथ था और हिजबुल मुजाहिदीन के दो अलग अलग ग्रुप का हाथ था. इस घटना में मुन्ना बिहारी और शाहजहां नाम के पाकिस्तानी आतंकियों का हाथ था. आईजीपी मनीष किशोर सिन्हा ने जानकारी दी कि आतंकी ने हमले में खुद को भी सीआरपीएफ की बस के साथ उड़ाने की कोशिश की मगर असफल रहा और भाग निकला जिसे बाद में गिरफ्तार भी कर लिया गया. हिलाल को गिरफ्तार किया है जो जमात ए इस्लामिया के स्टूडेंट ग्रुप जमात ए तुलभा का सदस्य है. हिलाल पंजाब के बठिंडा में पीएचडी कर रहा था और 2015 से आतंकी था. हिलाल अहमद मंटू को पंजाब के बठिंडा से गिरफ्तार किया गया. इसके अलावा रईस खान जो बठिंडा की सेंट्रल यूनिवर्सिटी का छात्र था, उसका भी मुख्य हाथ था. साज़िश दक्षिण कश्मीर के शोपियां में रची गई थी और वहीं आईडी शोपियां के एक सेब बगीचे में तैयार की गई थी. वसीम और साहिल अब्दुल्लाह नाम के आतंकी भी इस साजिश में शामिल थे. आतंकी आकिब ने हमलावर को काजीकुंड तक छोड़ा था और 27 मार्च को भी हमले की कोशिश की गई, मगर सुरक्षा के कारण नही कर पाए थे. 29 मार्च को कोई काफिला नहीं गया था और फिर 30 मार्च को सीआरपीएफ के काफिले पर हमला किया गया जो असफल रहा.
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