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Odisha: ओडिशा में शमशान घाट पर लिखा 'सिर्फ ब्राम्हणों के लिए', दलितों ने दिया अल्टीमेटम, कहा- हटा लो नहीं तो...
Crematorium Sparks Row: इस मामले को विरोध कर रहे दलित समूहों और राजनीतिक पार्टियों का कहना है कि केवल ब्राह्मणों का श्मशान घाट संविधान के तहत प्रदत्त मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है.
![Odisha: ओडिशा में शमशान घाट पर लिखा 'सिर्फ ब्राम्हणों के लिए', दलितों ने दिया अल्टीमेटम, कहा- हटा लो नहीं तो... Odisha crematorium sparks row after brahmin only remark Dalit groups Kendrapara opposed Odisha: ओडिशा में शमशान घाट पर लिखा 'सिर्फ ब्राम्हणों के लिए', दलितों ने दिया अल्टीमेटम, कहा- हटा लो नहीं तो...](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/11/21/6b0f2c07b0405800fc6abe0f1ebebfc11700553781025315_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Odisha Crematorium Sparks Row: ओडिशा में केवल ब्राम्हणों के लिए बने एक शमशान घाट को लेकर विवाद हो गया. दलितों ने इस शमशान घाट पर ऐतराज जताया है. उन्होंने इसका देखभाल करने वाले निकाय को अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि अगर इस घाट का संचालन सभी के लिए नहीं खोला गया तो वो आंदोलन करेंगे.
दरअसल 155 साल पुरानी केंद्रपाड़ा नगर पालिका ने शहर के हजारीबागीचा इलाके में श्मशान घाट के प्रवेश द्वार पर ब्राह्मण श्मशान घाट का बोर्ड भी लगा दिया है. स्थानीय सूत्रों ने बताया कि श्मशान घाट का उपयोग लंबे समय से ब्राह्मणों के अंतिम संस्कार के लिए किया जा रहा है, और अब सरकारी अनुदान के साथ सुविधा के नवीनीकरण के बाद हाल ही में आधिकारिक बोर्ड भी लगा दिया गया है.
नगर पालिका के अधिकारी बोले- हम उचित कदम उठाएंगे
उन्होंने बताया कि अन्य जातियों के लोग अंतिम संस्कार के लिए पास के एक अन्य श्मशान घाट जाते है. इसका भी हाल ही में नवीनीकरण किया गया है. केंद्रपाड़ा नगर पालिका के कार्यकारी अधिकारी प्रफुल्ल चंद्र बिस्वाल ने कहा, ‘हां, मामला हमारे संज्ञान में आया है और हम इस पर गौर कर रहे हैं. कथित जातिगत भेदभाव को दूर करने के लिए कदम उठाए जाएंगे.’
इस मामले को लेकर दलित अधिकार कार्यकर्ताओं और नेताओं ने प्रशासन की आलोचना की है. ओडिशा दलित समाज की जिला इकाई के अध्यक्ष नागेंद्र जेना ने कहा, ‘मुझे यह जानकर आश्चर्य हुआ कि नगर पालिका लंबे समय से केवल ब्राह्मणों के लिए श्मशान घाट का रखरखाव कर रही है. ऐसा करके, सरकारी संस्था कानून तोड़ रही है और जातिगत भेदभाव को बढ़ावा दे रही है. इस प्रथा को जल्द से जल्द खत्म किया जाना चाहिए.’
मौलिक अधिकारों का उल्लंघन हैं ऐसे घाट
माकपा की जिला इकाई के सचिव गयाधर धाल ने बताया कि किसी नगर निकाय द्वारा केवल ब्राह्मणों के लिए श्मशान घाट का संचालन करना सही नहीं है. उन्होंने कहा, ‘अन्य जाति के लोगों को भी अपने प्रियजनों का अंतिम संस्कार श्मशान घाट पर करने का अधिकार होना चाहिए.’
धाल ने कहा कि ‘केवल ब्राह्मणों’ का श्मशान घाट सभी जातियों के लोगों को संविधान के तहत प्रदत्त मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है. उन्होंने कहा कि ब्राह्मणों के लिए अलग श्मशान भूमि आवंटित करना जातिगत असमानता को बढ़ावा देना है.
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