फिर से CM बनने के बाद बोले नीतीश- ‘मैंने बिहार के हित में लिया फैसला’
‘‘हमने जो भी फैसला किया है वह बिहार और इसकी जनता के पक्ष में होगा. यह विकास और न्याय सुनिश्चित करेगा. यह प्रगति सुनिश्चित करेगा. यह सामूहिक निर्णय है. मैं यह सुनिश्चित करता हूं कि हमारी प्रतिबद्धता बिहार की जनता के प्रति है.’’
पटना: नीतीश कुमार ने बिहार के मुख्यमंत्री पद से कल इस्तीफा देने के 24 घंटे के भीतर आज इस पद की शपथ ली. राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी ने यहां बीजेपी नेता सुशील मोदी को भी उपमुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई. शपथ के बाद नीतीश ने कहा कि मैंने बिहार के हित में यह फैसला लिया है.’’
नीतीश ने बताया, ‘‘हमने जो भी फैसला किया है वह बिहार और इसकी जनता के पक्ष में होगा. यह विकास और न्याय सुनिश्चित करेगा. यह प्रगति सुनिश्चित करेगा. यह सामूहिक निर्णय है. मैं यह सुनिश्चित करता हूं कि हमारी प्रतिबद्धता बिहार की जनता के प्रति है.’’
नीतीश कुमार ने कल रात मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. उनके इस फैसले के पीछे की वजह राजद सुप्रीमो के बेटे तेजस्वी यादव के साथ उनकी तनातनी को माना जा रहा था. इस तनातनी की मुख्य वजह तत्कालीन उप मुख्यमंत्री तेजस्वी पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप थे.
साल 2014 के लोकसभा चुनाव के लिए जब नरेंद्र मोदी को बीजेपी की प्रचार समिति के प्रमुख के तौर पर नामित किया गया तो जेडीयू जुलाई 2013 में अपने 17 साल पुराने गठबंधन को तोड़कर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से अलग हो गई थी. साल 2015 में बिहार विधानसभा चुनाव में राजद, जदयू और कांग्रेस के महागठबंधन ने नीतीश के नेतृत्व में एनडीए को मात दी थी.
सुशील मोदी के शपथ लेने के साथ ही बीजेपी चार साल बाद राज्य की सत्ता में लौट आई है. नीतीश कुमार ने आज छठी बार बिहार के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली है. बिहार की 243 सदस्यीय विधानसभा में जेडीयू, बीजेपी और उनके सहयोगी दलों और निर्दलीय विधायकों के पास कुल 132 सीटें हैं. यह संख्या बहुमत के आंकड़े 122 से 10 ज्यादा हैं.
आरजेडी के पास 80 विधायक हैं. यदि 27 विधायकों वाली कांग्रेस और भाकपा-माले के तीन विधायक भी तेजस्वी को समर्थन देने का फैसला करते, तो भी उनका संख्या बल महज 110 ही रहता.
ट्रेडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
and tablets