MQ-9B Drone: भारत में बनेगा लड़ाकू जेट का इंजन, आएगा दुनिया का सबसे खतरनाक ड्रोन, मोदी-बाइडेन ने किया स्वागत
MQ-9B Reaper Drone: पीएम नरेंद्र मोदी इस समय अमेरिका की राजकीय यात्रा पर हैं. इस दौरान दोनों देशों ने रक्षा क्षेत्र में कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं.
MQ-9B Reaper Drone: राष्ट्रपति जो बाइडेन और प्रधान मंत्री मोदी ने एमक्यू-9बी रीपर ड्रोन खरीदने की भारत की योजना का स्वागत किया है. इस ड्रोन का निर्माण अमेरिकी कंपनी जनरल एटॉमिक्म ने किया है. दुनिया का सबसे ताकतवर ड्रोन कहा जाने वाला 9बी रीपर भारत में एसेंबल किया जाएगा. ये समझौता भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा और निगरानी क्षमताओं को मजबूत करेगा, जो हिंद महासागर और चीन के साथ सीमा पर निगरानी क्षमताओं में इजाफा करेगा.
भारत अपने दो प्रमुख पाकिस्तान और चीन भारत के लिए जिस तरह की सोच रखते हैं, भारत के लिए अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए उनकी गतिविधियों की निगरानी जरूरी हो जाती है. एमक्यू-9बी ड्रोन के आने से भारत को क्षेत्र में महत्वपूर्ण बढ़त हासिल होगी.
36 घंटे तक भर सकता है उड़ान
मक्यू-9बी रीपर जिसे प्रीडेटर्स भी कहा जाता है, एक बार में 36 घंटे तक उड़ सकता है. जल्द ही अमेरिका से खरीदे जाने वाले 31 प्रीडेटर ड्रोन को भारत की तीनों सेनाएं संयुक्त रूप से संचालित करेंगी. एएनआई ने सेना के एक अधिकारी के हवाले से बताया कि इन ड्रोन को ट्राई-सर्विस कमांड ऑपरेट करेगी, जिसमें तीनों सेनाओं के अधिकारी और जवान शामिल होंगे.
भारत में बनेगा लड़ाकू जेट का इंजन
भारत-अमेरिका के संयुक्त बयान में कहा गया है कि राष्ट्रपति बाइडेन और प्रधानमंत्री मोदी ने लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट एमके 2 के लिए भारत में जीई एफ-414 जेट इंजन के निर्माण के लिए जनरल इलेक्ट्रिक और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के बीच समझौते पर हस्ताक्षर की भी सराहना की. जनरल इलेक्ट्रॉनिक्स एयरोस्पेस ने गुरुवार को घोषणा की कि उसने भारतीय वायु सेना के लिए लड़ाकू जेट इंजन बनाने के लिए एचएएल के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं. अमेरिकी कंपनी ने समझौते को पीएम मोदी की अमेरिका की आधिकारिक यात्रा के बीच बड़ा मील का पत्थर बताया है.
दोनों नेताओं ने भारत सरकार के सहयोग से भारत में एक नई सेमीकंडक्टर असेंबली और परीक्षण सुविधा के निर्माण के लिए 825 मिलियन अमेरिकी डॉलर तक निवेश करने की माइक्रोन टेक्नोलॉजी की घोषणा का स्वागत किया. बयान में कहा गया है कि 2.75 अरब अमेरिकी डॉलर का संयुक्त निवेश अगले पांच वर्षों में 5,000 प्रत्यक्ष और 15,000 अप्रत्यक्ष नौकरियों के अवसर पैदा करेगा.
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