मॉर्डना की वैक्सीन को जल्द मिल सकती है मंजूरी, सिप्ला के साथ करेगी पार्टनरशिप
‘सिपला’ ने अमेरिकी दवा कम्पनी के ओर से टीके के आयात, विपणन संबंधी प्राधिकार के लिए आवेदन किया है. सूत्रों के अनुसार, सीडीएससीओ किसी भी वक्त इसका मंजूरी दे सकता है.

नई दिल्ली: भारत का औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) जल्द 18 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों के लिए ‘मॉर्डना’ के कोविड-19 रोधी टीके के आपात इस्तेमाल को मंजूरी दे सकता है. आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी.
‘मॉडर्ना’ ने यह भी सूचित किया है कि अमेरिकी सरकार ने भारत सरकार को उपयोग के लिए ‘कोवैक्स’ के माध्यम से ‘मॉडर्ना’ के कोविड-19 रोधी टीके की निश्चित संख्या में खुराक दान करने को सहमति व्यक्त की है और इन टीकों के लिए केन्द्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) से मंजूरी मांगी है.
मुंबई स्थिति दवा कम्पनी ‘सिपला’ ने अमेरिकी दवा कम्पनी के ओर से टीके के आयात, विपणन संबंधी प्राधिकार के लिए आवेदन किया है. सूत्रों के अनुसार, सीडीएससीओ किसी भी वक्त इसका मंजूरी दे सकता है.
सिपला ने सोमवार को एक आवेदन दायर कर ‘मॉडर्ना’ के कोविड-19 रोधी टीके के आयात के लिए अनुमति मांगी थी, जिसमें डीसीजीआई के 15 अप्रैल और एक जून के नोटिस का हवाला दिया गया था. उस नोटिस में कहा गया था कि यदि टीके को ईयूए के लिए यूएसएफडीए द्वारा अनुमति दी जाती है, तो टीके को बिना ‘ब्रिजिंग ट्रायल’ के विपणन प्राधिकरण दिया जा सकता है.
कुछ दिन पहले सिप्ला ने कहा है कि सरकार की ओर से इन बिंदुओं पर सहमति मिल जाने के साथ ही वह मॉडर्ना के साथ एक अरब डालर (7,250 करोड़ रुपये से अधिक) का अग्रिम देने का करार कर लेगी. फाइजर के प्रवक्ता ने कहा फाइजर भारत में टीकाकरण कार्यक्रम में उपयोग के लिए अपनी COVID-19 वैक्सीन उपलब्ध कराने की दिशा में भारत सरकार के साथ लगातार जुड़ा हुआ है.
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