Shinde Vs Thackeray: 'अपने अहम को किनारे रखने की जरूरत', उद्धव पर CM एकनाथ शिंदे का तंज
Eknath Shinde Slams Uddhav Thackeray: एकनाथ शिंदे ने पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे का नाम लिए बगैर कहा कि एक मुख्यमंत्री को अपने अहम को किनारे रख देना चाहिए.
Eknath Shinde Remark Over Uddhav Thackeray: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने शनिवार (25 फरवरी) को अपने पूर्व नेता उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) पर तंज कसते हुए कहा कि राज्य के लिए अपने अहम को किनारे रखने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि विकास के लिए धन प्राप्त करने के लिए केंद्र से अच्छे संबंधों की जरूरत होती है और काम जमीन पर होता है न कि ऑनलाइन या घर से. उल्लेखनीय है कि उद्धव वर्ष 2019 से 2022 तक महा विकास आघाड़ी सरकार में मुख्यमंत्री थे और अकसर उनकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीत केंद्र सरकार से खींचतान होती थी.
एबीपी न्यूज के कार्यक्रम में शिंदे ने राज्य के विकास के लिए केंद्र के साथ अच्छे संबंध पर जोर देते हुए कहा, ‘‘विकास हासिल करने के लिए जमीन पर काम करने की जरूरत होती है. आप ऑनलाइन या फेसबुक के माध्यम से काम नहीं करा सकते हैं. राज्य के विकास के लिए धन हेतु केंद्र से बात करने के दौरान मुख्यमंत्री को अपने अहम को किनारे रख देना चाहिए.’’
'शिवसेना के अधिकतर विधायक, सांसद और (पूर्व) पार्षद मेरे साथ'
गौरतलब है कि बीजेपी नियमित रूप से आरोप लगाती थी कि ठाकरे मुंबई के उपगनर बांद्रा स्थित अपने निजी आवास ‘मातोश्री’ से सरकार चला रहे थे और मार्च 2020 से कोविड-19 से प्रभावित जिलों का दौरा नहीं किया. निर्वाचन आयोग की ओर से उनके गुट को वास्तविक शिवसेना मानने और धनुष बाण का चुनाव निशान आवंटित करने के सवाल पर शिंदे ने कहा, ‘‘शिवसेना का गठन बाला साहेब ठाकरे ने किया था. शिवसेना के अधिकतर विधायक, सांसद और (पूर्व) पार्षद मेरे साथ हैं.’’
'शिवसेना की विचारधारा से विश्वासघात हुआ'
उद्धव ठाकरे का नाम लिए बिना मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके पूर्ववर्ती ने सत्ता के लिए बाला साहेब की विचारधारा के साथ धोखा किया. बता दें कि वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद उद्धव् ठाकरे ने ढाई-ढाई साल मुख्यमंत्री पद के बंटवारे को लेकर बीजेपी से गठबंधन तोड़ दिया था और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) और कांग्रेस (Congress) के साथ मिलकर महा विकास आघाड़ी की सरकार बनाई थी. हालांकि, जून 2022 में शिंदे के नेतृत्व में बगावत करने के बाद ठाकरे नीत सरकार गिर गई.
शिंदे ने कहा, ‘‘शिवसेना की विचारधारा से विश्वासघात हुआ जब आपने (उद्धव ठाकरे) ने कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बनाई जिसके बारे में बाला साहेब ने कहा था कि उनसे एक हाथ की दूरी बनाए रखो.’’ शिंदे ने कहा कि वह शिवसेना (उनके गुट को चुनाव आयोग की ओर से मान्यता देने के बाद) की संपत्ति पर दावा नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि बालासाहेब की विचारधारा और विरासत ही उनके और उनके समर्थकों के लिए वास्तविक धन है.
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