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महाराष्ट्र: कैबिनेट विस्तार से पहले मंत्रालयों को लेकर खींचतान शुरू, शिवसेना के सामने है ये चुनौती
शिवसेना के सामने यह चुनौती है कि अगर एनसीपी को गृह मंत्रालय देते हैं तो उन्हें कांग्रेस को भी उपमुख्यमंत्री पद देना पड़ेगा ताकि एक समन्वय बना रहे. कांग्रेस के दो पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण और पृथ्वीराज चव्हाण को अभी तक कैबिनेट में जगह नहीं मिल पायी है.
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नई दिल्ली: महाराष्ट्र में विकास अघाड़ी में कैबिनेट विस्तार से पहले एक बार फिर पद और मंत्रालयों को लेकर खींचतान शुरू हो गयी है. सूत्रों के मुताबिक़, कांग्रेस के एक सीनियर नेता ने एनसीपी को बोला है कि कांग्रेस को उपमुख्यमंत्री पद मिलना चाहिए. वहीं एनसीपी पहले से ही गृह मंत्रालय का मांग कर रही थी. इसकी बड़ी वजह यह भी है कि अगर एनसीपी गृह मंत्रालय मांग रही है तो कांग्रेस क्यों पीछे रहे.
इसीलिए 30 दिसंबर तक महाराष्ट्र कैबिनेट के विस्तार को रोक दिया गया है. इससे पहले 23 दिसंबर सोमवार को महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री बाला साहेब थोराट को सोनिया गांधी से मुलाक़ात करनी थी और उन्हें यह बताया गया था कि बंद लिफ़ाफ़े में कैबिनेट में शामिल होने वालों लोगों के नाम दिये जाएंगे. लेकिन ऐसा हुआ नहीं और आज बाला साहेब थोराट कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाक़ात करके मुंबई निकल गए.
दरअसल, इसकी बड़ी वजह यह भी है कि कांग्रेस के दो पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण और पृथ्वीराज चव्हाण को अभी तक कैबिनेट में जगह नहीं मिल पायी है. दिल्ली आलाकमान चाहता है कि अशोक चव्हाण को कैबिनेट मंत्री बनाया जाए और पृथ्वीराज चव्हाण को दिल्ली में रखा जाए. वहीं दूसरी तरफ़ अगर अशोक चव्हाण को कैबिनेट में शामिल किया जाएगा तो दिल्ली आलाकमान बाला साहेब थोराट को उपमुख्यमंत्री बनाना चाहता है. अब शिवसेना के सामने यह चुनौती है कि अगर एनसीपी को गृह मंत्रालय देते हैं तो उन्हें कांग्रेस को भी उपमुख्यमंत्री पद देना पड़ेगा ताकि एक समन्वय बना रहे.
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