Mining Lease: माइनिंग लीज मामले में हेमंत सोरेन को SC से फिलहाल राहत, झारखंड HC की सुनवाई पर रोक
Jharkhand Mining Lease: झारखंड सरकार ने माइनिंग लीज मामले में हाईकोर्ट (High Court) की तरफ से पीआईएल (PIL) स्वीकार किए जाने का विरोध किया है. राज्य सरकार PIL को राजनीति से प्रेरित बताया है.

Jharkhand Mining Lease Case: झारखंड में माइनिंग लीज (Mining Lease) मामले में प्रदेश के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) को सुप्रीम कोर्ट से फौरी राहत मिली है. माइनिंग लीज़ मामले में झारखंड हाईकोर्ट में हेमंत सोरेन के खिलाफ चल रही सुनवाई को चुनौती देने वाली राज्य सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने आदेश सुरक्षित रख लिया है. सुप्रीम कोर्ट ने फैसला आने तक झारखंड हाईकोर्ट की सुनवाई पर रोक लगा दी है.
झारखंड सरकार ने माइनिंग लीज मामले में हाईकोर्ट (High Court) की तरफ से पीआईएल (PIL) स्वीकार किए जाने का विरोध किया है. राज्य सरकार PIL को राजनीति से प्रेरित बताया है.
माइनिंग लीज मामले में हेमंत सोरेन को राहत
माइनिंग लीज़ मामले में झारखंड हाईकोर्ट में सीएम हेमंत सोरेन के खिलाफ चल रही सुनवाई को चुनौती देने वाली राज्य सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल आदेश सुरक्षित रख लिया है. बता दें कि इस मामले में सीएम सोरेन के खिलाफ झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत में याचिका दायर की गई थी. सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया.
माइनिंग लीज़ मामले में झारखंड HC में सीएम हेमंत सोरेन के खिलाफ चल रही सुनवाई को चुनौती देने वाली राज्य सरकार की याचिका पर SC ने आदेश सुरक्षित रखा। HC की सुनवाई पर रोक।
— Nipun Sehgal (@Sehgal_Nipun) August 17, 2022
राज्य सरकार ने मामले में HC की तरफ से PIL स्वीकार किए जाने का विरोध किया है। PIL को राजनीति से प्रेरित बताया है
खनन पट्टे में भ्रष्टाचार का आरोप
बीजेपी नेता और झारखंड के पूर्व सीएम रघुबर दास ने इसी साल फरवरी में दावा किया था कि हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने पद का दुरुपयोग किया और खुद को खनन पट्टा आवंटित किया. उन्होंने आरोप लगाया था कि ये एक ऐसा मसला है जिसमें हितों के टकराव के साथ भ्रष्टाचार (Corruption) की बात शामिल है. बीजेपी नेता जनप्रतिनिधित्व कानून के प्रावधानों के उल्लंघन करने का भी आरोप लगाया. चुनाव आयोग (Election Commission) ने इस मामले में मई महीने में एक नोटिस भेजकर खनन पट्टे को लेकर उनका पक्ष जानना चाहा था.
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Source: IOCL






















