Assam News: असम के मूल निवासी मुस्लिमों का होगा अलग वर्गीकरण, जानें- क्या है हिमंत सरमा सरकार का प्लान?
Muslims Classification: असम सरकार अब राज्य के मुस्लिम अल्पसंख्यकों के लिए अलग वर्गीकरण की तैयारी कर रही है. इसके लिए कैबिनेट 15 अगस्त तक फैसला ले लेगी.
Muslims Separate Classification: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने बुधवार को कहा कि राज्य मंत्रिमंडल 15 अगस्त तक मूल निवासी अल्पसंख्यकों के लिए अलग वर्गीकरण पर फैसला लेगा. इन अल्पसंख्यकों में वो मुस्लिम भी शामिल होंगे जो अन्य स्थानों से नहीं आए. सरमा ने हालांकि यह स्पष्ट नहीं किया कि इस नए वर्गीकरण के बाद गैर मूलनिवासी अल्पसंख्यकों को अल्पसंख्यक लाभ मिलते रहेंगे या नहीं.
उन्होंने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा 'असम अपनी यात्रा के दूसरे पड़ाव पर है. हम अल्पसंख्यक लोगों के एक और समूह की पहचान करने की प्रक्रिया में हैं, जो असम से बाहर के नहीं हैं. वह इस धरती के मूल निवासी हैं.'
Assam cabinet to decide on separate classification for indigenous Muslims of the state by Aug 15: Himanta Biswa Sarma
— Press Trust of India (@PTI_News) June 1, 2022
15 अगस्त तक फैसला लेगी कैबिनेट
मुख्यमंत्री ने कहा 'इस उद्देश्य के लिए गठित समिति ने पहले ही कुछ मानदंड तय किए हैं कि किसे मूल अल्पसंख्यक माना जाना चाहिए. मुझे लगता है कि कैबिनेट 15 अगस्त से पहले इस पर फैसला कर लेगा. बौद्ध, जैन, पारसी और अन्य समुदायों के साथ-साथ मुसलमानों को भी अल्पसंख्यक के रूप में मान्यता दी गई है, भले ही उनके प्रवास की स्थिति कुछ भी हो.
इस्लाम का पालन करने वाला अल्पसंख्यक
सरमा ने कहा कि जब तक सुप्रीम कोर्ट कोई अन्य टिप्पणी नहीं करता है, अल्पसंख्यक आयोग की परिभाषा के अनुसार इस्लाम का पालन करने वाला अल्पसंख्यक है. साथ ही सरमा ने कहा कि हम एक और विशेषण 'मूल अल्पसंख्यक' शामिल कर अल्पसंख्यकों को अर्ह बनाना चाहते हैं. इसमें सभी शामिल नहीं होंगे.
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