एक्सप्लोरर

क्या सरकार बचाने के लिए 27% OBC आरक्षण लाए वीपी सिंह?

7 अगस्त, 1990 को पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह ने संसद को बताया कि वह अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 27 फीसदी आरक्षण लागू कर रहे हैं. इसके 6 दिन बाद 13 अगस्त, 1990 को इसकी अधिसूचना भी जारी हो गई.

इस देश में जब भी आरक्षण का जिक्र होता है, तो दो नामों के बिना ये शब्द मुकम्मल हो ही नहीं सकता है. पहला नाम है बाबा साहेब डॉक्टर भीम राव अंबेडकर का, जिन्होंने संविधान में आरक्षण का प्रावधान किया और दूसरा नाम है विश्वनाथ प्रताप सिंह का, जिन्होंने प्रधानमंत्री बनने के बाद अन्य पिछड़ा वर्ग यानी कि ओबीसी के लिए 27 फीसदी का आरक्षण लागू किया. संविधान में आरक्षण की कहानी तो बेहद पुरानी है, लेकिन क्या आपको पता है कि वीपी सिंह को प्रधानमंत्री बनने के बाद 27 फीसदी का ओबीसी आरक्षण क्यों लागू करना पड़ा. आखिर वो कौन सी परिस्थितियां थीं, जिनमें दशकों से दफ्तरों में धूल खा रही मंडल कमीशन की सिफारिशों की फाइल को झाड़-पोंछकर बाहर निकालना पड़ा और फिर आखिर ऐसा क्या हुआ कि एक झटके में वीपी सिंह ने मंडल कमीशन की सिफारिशों को लागू कर ओबीसी के लिए 27 फीसदी आरक्षण का प्रावधान कर दिया.

2 दिसंबर, 1989. इतिहास की वो तारीख जब विश्वनाथ प्रताप सिंह ने देश के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली. चंद्रशेखर और ताऊ देवीलाल की दावेदारी के बीच जब वीपी सिंह प्रधानमंत्री बन गए तो कुछ राजनीतिक विरोधियों ने वीपी सिंह पर तंज कसा और बोले कि वीपी सिंह धोखे से प्रधानमंत्री बने हैं. तब एक इंटरव्यू के दौरान वीपी सिंह ने कहा, 'धोखे से बने हों, चाहे धक्के से बने हों, चाहे अपने से बने हों, या पब्लिक से बने हों, ये तो आप लोगों को एनलाइज करना है.' 

वीपी सिंह जिन परिस्थितियों में अपने ही लोगों के विरोध के बावजूद प्रधानमंत्री बने तभी तय हो गया कि सरकार तो पांच साल नहीं ही टिकेगी. वीपी सिंह के प्रधानमंत्री बनने के बाद चौधरी देवीलाल देश के उपप्रधानमंत्री बने थे, जिन्हें उनके चाहने वाले ताऊ के नाम से संबोधित करते थे. ये वही चौधरी देवीलाल थे, जिन्होंने प्रधानमंत्री बनने के लिए वीपी सिंह के नाम का प्रस्ताव रखा था, लेकिन ये वही चौधरी देवीलाल थे, जिनकी बगावत ने 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण की नींव भी रखी.

जब चौधरी देवी लाल और वीपी सिंह में आई दरार
जब देवी लाल उप प्रधानमंत्री बने, तो उन्होंने हरियाणा की कुर्सी अपने बेटे ओम प्रकाश चौटाला को सौंप दी. जिस दिन चौधरी देवी लाल केंद्र में उप प्रधानमंत्री पद की शपथ ले रहे थे, उनके बेटे ओम प्रकाश चौटाला हरियाणा में मुख्यमंत्री पद की शपथ ले रहे थे. लेकिन ओम प्रकाश चौटाला विधायक नहीं थे. कुर्सी पर बने रहने के लिए उन्हें विधानसभा का चुनाव जीतना था. इसके लिए उन्होंने अपने पिता की सीट चुनी मेहम, जहां से चौधरी देवी लाल लगातार तीन बार से जीत रहे थे, लेकिन वोटिंग के दिन 27 फरवरी 1990 को मेहम में इतनी हिंसा हुई कि चुनाव  रद्द हो गया. नए सिरे से चुनावी तारीख तय की गई 21 मई, लेकिन 16 मई को एक निर्दलीय उम्मीदवार अमीर सिंह की हत्या हो गई, तो उपचुनाव फिर रद्द हो गए.

अब बात वीपी सिंह तक पहुंच गई क्योंकि कटघरे में उनकी सरकार थी. उन्होंने चौधरी देवीलाल से कहा कि वो ओम प्रकाश चौटाला को इस्तीफा देने के लिए राजी करें. केंद्र सरकार को समर्थन दे रही बीजेपी भी चाहती थी कि ओम प्रकाश चौटाला इस्तीफा दें. चौधरी देवी लाल राजी नहीं थे, पर वीपी अड़े थे. आखिर में ओम प्रकाश चौटाला ने इस्तीफा दे दिया, लेकिन चौधरी देवी लाल और वीपी सिंह के बीच अब एक दरार पड़ गई थी क्योंकि हरियाणा के नए मुख्यमंत्री बन गए थे बनारसी दास गुप्ता.

वीपी सिंह ने की थी इस्तीफे की पेशकश
एक और सीट दरबार कलां से उपचुनाव में ओम प्रकाश चौटाला जीत गए. 52 दिनों में ही चौधरी देवी लाल ने फिर से बेटे ओम प्रकाश चौटाला को हरियाणा का मुख्यमंत्री बना दिया, लेकिन इसकी वजह से वीपी सिंह चौधरी देवी लाल से और ज्यादा नाराज हो गए. वो अकेले कुछ नहीं कर सकते थे, लेकिन चौधरी देवी लाल के फैसले से और भी कुछ लोग नाराज थे. वीपी सिंह की कैबिनेट में शामिल अरुण नेहरू, आरिफ मोहम्मद खान और सत्यपाल मलिक ने इस्तीफा दे दिया, ताकि दबाव बनाया जा सके. दूसरी ओर वीपी सिंह सरकार को समर्थन दे रही बीजेपी और लेफ्ट पार्टियों ने भी चौधरी देवी लाल पर दबाव बनाना शुरु कर दिया, लेकिन देवी लाल अड़े रहे. अंत में वीपी सिंह ने खुद के इस्तीफे की पेशकश कर दी और फिर पूरी तस्वीर बदल गई.

उप प्रधानमंत्री के पद से हटा दिए गए चौधरी देवी लाल
वीपी सिंह का इस्तीफा तो मंजूर नहीं हुआ, लेकिन ओम प्रकाश चौटाला को इस्तीफा देना पड़ा. अब एक्शन लेने की बारी चौधरी देवीलाल की थी. चौधरी देवीलाल ने प्रधानमंत्री वीपी सिंह को एक चिट्ठी भेजी. चिट्ठी का आशय ये था कि उनकी कैबिनेट में शामिल अरुण नेहरू का नाम भी बोफोर्स घोटाले में शामिल था इसलिए प्रधानमंत्री अरुण नेहरू पर एक्शन लें. वीपी सिंह जब तक एक्शन लेते, पता चला कि वो चिट्ठी नकली थी. 29 जुलाई, 1990 को कैबिनेट की मीटिंग हुई. इसमें चौधरी देवीलाल से चिट्ठी के बारे में सवाल हुआ और चौधरी देवी लाल के पास इस नकली चिट्ठी का कोई जवाब नहीं था. करीब 3 घंटे तक चली इस मीटिंग के बाद ये फैसला हुआ कि अब चौधरी देवी लाल को उप प्रधानमंत्री पद पर बने रहने का हक नहीं है. वहीं, इस मुद्दे पर देवी लाल का कहना था, 'पार्टी किसी के बाप की नहीं है. इसे मैंने अपने खून-पसीने से खड़ा किया है.'

वीपी सिंह ने की थी मंडल कमीशन लागू करने की सिफारिश
इस बयान के बाद अपनी सियासी जमीन बचाने के लिए चौधरी देवी लाल अब अपनी नई रणनीति बना रहे थे और इसके तहत उन्होंने 9 अगस्त को एक रैली रखी दिल्ली के बोट क्लब में. इस रैली में चौधरी देवी लाल के साथ ही कांशीराम को भी आना था. वीपी सिंह को भी इस बात की जानकारी थी. उन्होंने 6 अगस्त, 1990 को कैबिनेट की एक मीटिंग बुलाई. बिना किसी प्रस्तावना के वीपी सिंह ने कहा कि वो मंडल कमीशन की रिपोर्ट लागू करना चाहते हैं. वो रिपोर्ट, जिसका आदेश मोरारजी देसाई की जनता पार्टी ने किया था और जो करीब पिछले एक दशक से धूल फांक रही थी. इसके तहत आरक्षण की सीमा को 49.5 फीसदी तक बढ़ाया जाना था और इसमें अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 फीसदी का आरक्षण दिया जाना था. पूरी कैबिनेट चौंक गई.

मधु दंडवते से लेकर शरद यादव और राम विलास पासवान सबने इसका समर्थन किया. वीपी सिंह ने इस बारे में एक इंटरव्यू में कहा था, 'सरकार बनने के बाद से ही कांग्रेस सवाल पूछती थी कि आप मंडल कब लागू करेंगे और हमने कांग्रेस से कहा था कि साल भर के अंदर लागू करेंगे. ये सच है कि जनता दल के कई सांसदों ने मंडल लागू करने की बात मुझसे कही थी, लेकिन वो हमारा अपना फैसला था.'

जब वीपी सिंह ने रच दिया इतिहास
7 अगस्त, 1990 को प्रधानमंत्री वीपी सिंह ने संसद को बता दिया कि वो अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 27 फीसदी आरक्षण लागू कर रहे हैं. 13 अगस्त, 1990 को इसकी अधिसूचना भी जारी हो गई. दो दिन बाद देश अपना स्वतंत्रता दिवस मनाने वाला था. 15 अगस्त को परंपरा के मुताबिक प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह लाल किले पर पहुंचे और भाषण दिया. इस भाषण के केंद्र में था मंडल आयोग और उसकी सिफारिशें. यहां वीपी सिंह ने एक इतिहास रच दिया. वही इतिहास, जिसके बाद आरक्षण विरोध में खूब हिंसा हुई. मंडल का जवाब कमंडल से दिया गया और अब एक बार फिर से जाति जनगणना और आबादी के हिसाब से हिस्सेदारी देने की जो बात चल पड़ी है, उसने मंडल कमीशन की याद दिला दी है और यही वजह है कि जब भी नए सिरे से आरक्षण के प्रावधान की बात आती है, उसे मंडल 2. 0 का नाम दिया जाता है.

यह भी पढ़ें:-
कौन हैं पाकिस्तान के मौलाना खादिम हुसैन रिजवी, जिनका नाम लेकर लारेब हाशमी ने बस कंडक्टर पर किया जानलेवा हमला

और पढ़ें
Sponsored Links by Taboola
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

पाकिस्तान ने ही कराया था पहलगाम में आतंकी हमला! UN की रिपोर्ट ने खोल दिए सभी राज; क्या-क्या जानकारी आई सामने?
पाकिस्तान ने ही कराया था पहलगाम में आतंकी हमला! UN की रिपोर्ट ने खोल दिए सभी राज; क्या-क्या जानकारी आई सामने?
PM मोदी के भाषण की जमीयत हिमायत-उल-इस्लाम के अध्यक्ष इसरार गोरा ने की तारीफ, विपक्ष पर भड़के
PM मोदी के भाषण की जमीयत हिमायत-उल-इस्लाम के अध्यक्ष इसरार गोरा ने की तारीफ, विपक्ष पर भड़के
6 साल बाद फिर से अध्यक्ष बनेंगे Sourav Ganguly, दादा के फैंस को खुश कर देगी यह रिपोर्ट
6 साल बाद फिर से अध्यक्ष बनेंगे सौरव गांगुली, दादा के फैंस को खुश कर देगी यह रिपोर्ट
'चीफ जस्टिस का ऑफिस डाकघर नहीं है जो...', पूर्व CJI की कार्रवाई पर सवाल उठा रहे जस्टिस यशवंत वर्मा को सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार
'चीफ जस्टिस का ऑफिस डाकघर नहीं है जो...', पूर्व CJI की कार्रवाई पर सवाल उठा रहे जस्टिस यशवंत वर्मा को सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार
Advertisement

वीडियोज

Operation Sindoor: JP Nadda का विपक्ष पर वार, Pakistan के 11 Airbase ध्वस्त! Parliament News
Natural Disaster: Smart Cities में मौत का 'करंट', कुदरत का कहर! Russia Earthquake
Premanand Maharaj की एक बात पर क्यों बंट गया समाज? Mahadangal में हुई जबरदस्त बहस | Chitra Tripathi
Smart City Failure: Delhi, Patna, Jaipur में मौत का 'करंट', सिस्टम पर सवाल! Weather Update
Premanand Maharaj Controversy: 'चरित्र' पर बयान, करोड़ों फॉलोवर्स में आक्रोश!
Advertisement
corona
corona in india
470
Active
29033
Recovered
165
Deaths
Last Updated: Sat 19 July, 2025 at 10:52 am | Data Source: MoHFW/ABP Live Desk
Advertisement

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
पाकिस्तान ने ही कराया था पहलगाम में आतंकी हमला! UN की रिपोर्ट ने खोल दिए सभी राज; क्या-क्या जानकारी आई सामने?
पाकिस्तान ने ही कराया था पहलगाम में आतंकी हमला! UN की रिपोर्ट ने खोल दिए सभी राज; क्या-क्या जानकारी आई सामने?
PM मोदी के भाषण की जमीयत हिमायत-उल-इस्लाम के अध्यक्ष इसरार गोरा ने की तारीफ, विपक्ष पर भड़के
PM मोदी के भाषण की जमीयत हिमायत-उल-इस्लाम के अध्यक्ष इसरार गोरा ने की तारीफ, विपक्ष पर भड़के
6 साल बाद फिर से अध्यक्ष बनेंगे Sourav Ganguly, दादा के फैंस को खुश कर देगी यह रिपोर्ट
6 साल बाद फिर से अध्यक्ष बनेंगे सौरव गांगुली, दादा के फैंस को खुश कर देगी यह रिपोर्ट
'चीफ जस्टिस का ऑफिस डाकघर नहीं है जो...', पूर्व CJI की कार्रवाई पर सवाल उठा रहे जस्टिस यशवंत वर्मा को सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार
'चीफ जस्टिस का ऑफिस डाकघर नहीं है जो...', पूर्व CJI की कार्रवाई पर सवाल उठा रहे जस्टिस यशवंत वर्मा को सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार
Saiyaara Box Office Collection Day 13: भारत की 21वीं बड़ी फिल्म बनी 'सैयारा', RRR और 'धूम 3' का रिकॉर्ड तोड़ा
'सैयारा' बनी भारत की 21वीं बड़ी फिल्म, RRR और 'धूम 3' का रिकॉर्ड तोड़ा
श्रीहरिकोटा से लॉन्च हुआ NISAR, अब भूकंप-सुनामी का पहले ही मिल जाएगा अलर्ट
श्रीहरिकोटा से लॉन्च हुआ NISAR, अब भूकंप-सुनामी का पहले ही मिल जाएगा अलर्ट
'भारत पर 25 फीसदी टैरिफ लगाएगा अमेरिका', डोनाल्ड ट्रंप ने कर दिया ऐलान; जानें कब से होगा लागू?
'भारत पर 25 फीसदी टैरिफ लगाएगा अमेरिका', डोनाल्ड ट्रंप ने कर दिया ऐलान; जानें कब से होगा लागू?
पेट में बार-बार होता है दर्द, कहीं यह बीमारी तो नहीं बना रही घर?
पेट में बार-बार होता है दर्द, कहीं यह बीमारी तो नहीं बना रही घर?
Embed widget