RBI फंड: वित्त मंत्री बोलीं- अभी नहीं बता सकते कहां इस्तेमाल करेंगे, राहुल गांधी के आरोपों पर भी किया पलटवार
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) से मिले फंड को लेकर सवालों पर जवाब देने से भले ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बच रही हों. लेकिन, सूत्रों के मुताबिक इस रकम से केंद्र सरकार जल शक्ति, पीएम आवास योजना,पीएम ग्राम सड़क योजना, राष्ट्रीय राजमार्ग और रेल प्रोजेक्ट में लगाएगी जिससे बाजार में पैसे का प्रवाह बढ़ेगा.

नई दिल्ली: भारतीय अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए आरबीआई ने डिविडेंड और सरप्लस कोष की मद से 1.76 लाख करोड़ रुपये सरकार को ट्रांसफर करने का फैसला लिया है. इसको लेकर कुछ अर्थशास्त्री और विपक्षी पार्टियां सवाल उठा रही है. सवाल पूछा जा रहा है कि सरकार इस पैसे का इस्तेमाल किस फंड में करेगी? आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी इसपर साफ-साफ कुछ नहीं कहा.
सीतारमण से जब पूछा गया कि सरकार इन पैसों का किस मद में इस्तेमाल करेगी? तो उन्होंने कहा, ''इसका इस्तेमाल कैसे करेंगे मैं अभी इसपर नहीं बोलूंगी. फैसला लेने पर बताया जाएगा.'' वित्त मंत्री ने कहा, ''यह समिति (बिमल जालान समिति) आरबीआई द्वारा बनाई गई थी, उन्होंने एक फार्मूला दिया था जिसके आधार पर राशि दी गई है, अब आरबीआई की विश्वसनीयता पर सवाल मेरी समझ से बाहर है.''
उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के ट्वीट पर कहा कि उन्हें चोर-चोर कहने की आदत है. राहुल गांधी ने कहा है, ''प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री इसको लेकर बेखबर हैं कि उनके खुद के द्वारा पैदा की गई आर्थिक त्रासदी को कैसे दूर किया जाए. आरबीआई से चुराने से काम नहीं चलने वाला है. यह किसी दवाखाने से बैंड-एड चुराकर, गोली लगने से हुए घाव पर लगाने जैसा है.''
कांग्रेस नेता के वार पर सीतारमण ने पलटवार किया. उन्होंने कहा, ''जब भी राहुल गांधी 'चोर, चोरी,' जैसी चीजें उठाते हैं, तो मेरे दिमाग में एक बात आती है, उन्होंने 'चोर, चोर, चोरी' को लेकर पूरी कोशिश की, लेकिन जनता ने उन्हें जवाब दे दिया. फिर से उन्हीं शब्दों के इस्तेमाल का क्या मतलब है?'' ध्यान रहे कि लोकसभा चुनाव से पहले राहुल गांधी ने राफेल डील में घोटाले का आरोप लगाते हुए 'चौकीदार चोर है' का नारा दिया था.
Finance Minister on RBI to transfer Rs 1.76 cr to govt: This committee (Bimal Jalan Committee) is appointed by RBI, had experts, they gave a formula based on which the amount was arrived at, now any suggestions about credibility of RBI, therefore, for me seems a bit outlandish. https://t.co/fpMHG48m3i
— ANI (@ANI) August 27, 2019
आनंद शर्मा ने भी उठाए सवाल कांग्रेस ने कहा कि मोदी सरकार एक सप्ताह के भीतर अर्थव्यवस्था की स्थिति पर श्वेतपत्र लाए. पार्टी के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने कहा कि आरबीआई से जुड़ा निर्णय इस बात का प्रमाण है कि भारत की अर्थव्यवस्था गहरे संकट में है, लेकिन सरकार लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है.
उन्होंने कहा, ''भारत एक गहरे आर्थिक संकट में है. देश की अर्थव्यवस्था चरमरा गई है. जीडीपी निरन्तर गिर रही है. अर्थव्यवस्था के सभी सूचकांक नीचे हैं. रुपये का लगातार अवमूल्यन हो रहा है. ' शर्मा ने कहा, 'वास्तव में भारत बेरोजगारी 20 फीसदी से ऊपर है. हर जानकार अर्थशास्त्री इससे सहमत होगा. लोगों को कर्ज भी नहीं मिल रहा है. देश का निर्यात जहां पांच साल पहले था वहीं अटका हुआ है. इसमें बढ़ोतरी नहीं हुई है.''
उन्होंने आरोप लगाया, ''आरबीआई से पैसा लेने का निर्णय खतरनाक है. दुनिया में कहीं भी केंद्रीय बैंक अपने फंड का पैसा सरकार को नहीं देता. इससे भारत की अर्थव्यवस्था के गहरे संकट में होने की पुष्टि है.'' शर्मा ने कहा, ''आरबीआई के सभी पुराने गवर्नर ने इसका विरोध किया था. रघुराम राजन ने इसका विरोध किया और उर्जित पटेल ने इस्तीफा दे दिया. ये हालात इस सरकार की नीतियों और बदइंतजामी से पैदा हुए हैं. सरकार कुछ नहीं कर रही है.''
उन्होंने दावा किया, ''सरकार घाटे में है, बजट गलत बना दिया. सब्सिडी बन्द कर दी. इन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा. देश को आर्थिक आपातकाल और दिवालियेपन की तरफ धकेल दिया.''
RBI का क्या है फैसला? भारतीय रिजर्व बैंक ने सोमवार को केंद्र सरकार को लाभांश और अधिशेष कोष के मद से 1.76 लाख करोड़ रुपये हस्तांतरित करने का निर्णय किया. रिजर्व बैंक के निदेशक मंडल के बिमल जालान की अध्यक्षता वाली समिति की सिफारिशों को स्वीकार करने के बाद यह कदम उठाया गया है.
Source: IOCL






















