कौन हैं शक्तिकांत दास? जिन्हें प्रधानमंत्री मोदी का प्रधान सचिव -2 नियुक्त किया गया
Ex RBI Governor Shaktikanta Das: शक्तिकांत दास कौन हैं? RBI के गवर्नर रहते हुए उनकी उपलब्धियां, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव के तौर पर अब उनकी क्या जिम्मेदारियां होंगी? आइये जानते हैं.

Ex RBI Governor Shaktikanta Das: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पूर्व गवर्नर शक्तिकांत दास को शनिवार (22 फरवरी,2025 ) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रधान सचिव नियुक्त किया गया है. सरकार की ओर से जारी अधिसूचना में यह जानकारी दी गई. कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने उनके कार्यकाल को प्रधानमंत्री के कार्यकाल के साथ या अगले आदेश तक जारी रखने का निर्णय लिया है.
इसके साथ ही, सरकारी थिंक टैंक नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रह्मण्यम का कार्यकाल भी एक साल के लिए बढ़ाया गया है, जो 24 फरवरी 2025 से प्रभावी होगा.
कौन हैं शक्तिकांत दास?
शक्तिकांत दास एक अनुभवी प्रशासक और अर्थशास्त्री हैं, जिन्होंने 40 वर्षों से अधिक समय तक प्रशासनिक सेवाओं में कार्य किया है. उन्होंने वित्त, कराधान, उद्योग, बुनियादी ढांचे, बैंकिंग जैसे कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अपनी सेवाएं दी हैं. शक्तिकांत दास का जन्म 26 फरवरी 1957 को ओडिशा के भुवनेश्वर में हुआ था. उनकी पढ़ाई दिल्ली यूनिवर्सिटी और यूके की बर्मिंघम यूनिवर्सिटी से हुई है. बाद में दास ने सिविल सेवा परीक्षा पास की और 1980 में तमिलनाडु कैडर आईएएस बने. शक्तिकांत दास का प्रशासनिक करियर शानदार रहा है. उन्होंने तमिलनाडु सरकार और केंद्र सरकार दोनों में कई उच्च पदों पर काम किया है.
वित्त मंत्रालय में कार्यकाल – आठ केंद्रीय बजट तैयार करने में अहम भूमिका
आरबीआई गवर्नर – दिसंबर 2018 से दिसंबर 2023 तक
शक्तिकांत दास की उपलब्धियां
नोटबंदी और जीएसटी लागू करने में अहम भूमिका
शक्तिकांत दास 2016 में आर्थिक मामलों के सचिव थे, जब सरकार ने नोटबंदी लागू की थी. उन्होंने इस चुनौतीपूर्ण समय में वित्तीय नीतियों को लागू करने और कैश फ्लो को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. इसके अलावा, जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) को सफलतापूर्वक लागू करने में भी उन्होंने महत्वपूर्ण योगदान दिया. राज्यों के साथ समन्वय स्थापित कर GST प्रणाली को सुचारू रूप से लागू कराने में उनकी भूमिका अहम रही.
आरबीआई और सरकार के बीच संतुलन बनाए रखा
2018 में जब उन्होंने आरबीआई गवर्नर का पद संभाला, उस समय सरकार और आरबीआई के बीच अधिशेष हस्तांतरण को लेकर टकराव चल रहा था. उन्होंने इस विवाद को हल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और बाजार का भरोसा बहाल किया.
कोविड-19 संकट में भारत की अर्थव्यवस्था को स्थिर रखा
2020 में कोविड-19 महामारी के दौरान, जब भारतीय अर्थव्यवस्था भारी संकट में थी, तब दास ने नीतिगत रेपो दर को 4% के ऐतिहासिक निम्न स्तर तक ला दिया. इससे देश में कम ब्याज दर पर लोन उपलब्ध हुआ और लॉकडाउन के कारण प्रभावित व्यवसायों और उद्योगों को मदद मिली.
अब तक का सबसे अधिक लाभांश सरकार को दिया
2023 में, आरबीआई ने केंद्र सरकार को 2.11 लाख करोड़ रुपये का रिकॉर्ड लाभांश दिया. उनके नेतृत्व में आरबीआई की स्वायत्तता पर कोई विवाद नहीं हुआ, और उन्होंने सरकार व बाजार के बीच संतुलन बनाए रखा.
बता दें कि अब शक्तिकांत दास की नई भूमिका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रमुख सलाहकार और नीति निर्माता के रूप में होगी. सरकार की आर्थिक नीतियों को प्रभावी तरीके से लागू करने में उनकी विशेषज्ञता काम आएगी. वहीं, वित्तीय स्थिरता और राजकोषीय अनुशासन बनाए रखने के लिए उनके अनुभव का लाभ मिलेगा.
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Source: IOCL























