एक्सप्लोरर

कोरोना से हुई मौतों पर मुआवजे की मांग, SC ने सुरक्षित रखा फैसला, केंद्र ने कहा- कोरोना से निपटने पर जोर

मामले में कोर्ट की तरफ से जारी नोटिस का जवाब देते हुए केंद्र सरकार ने यह बताया था कि राज्यों को जो आपदा राहत कोष दिया गया है, उसका अधिकांश हिस्सा कोरोना से निपटने के उपाय करने में जा रहा है. राज्यों को हॉस्पिटल, ऑक्सीजन, दवा, क्वारंटीन सेंटर आदि बातों के लिए बहुत अधिक खर्च करना पड़ा है.

नई दिल्ली: कोरोना से होने वाली मौत के लिए 4 लाख रुपए का मुआवजा देने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने आज आदेश सुरक्षित रख लिया. सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने मुआवजा देने को आर्थिक रूप से अव्यवहारिक बताया. सरकार ने दलील दी कि आर्थिक मुआवजा देने से ज्यादा उसका ज़ोर कोरोना से निपटने के लिए किए जा रहे हैं बंदोबस्त और गरीबों के कल्याण पर है.

पिछले साल अप्रैल तक लागू थी मुआवजे की योजना- याचिकाकर्ता

वकील गौरव बंसल और रीपक कंसल की तरफ से दाखिल याचिकाओं यह कहा गया है कि डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट 2005 की धारा 12 के तहत आपदा से मरने वाले लोगों के परिवार को 4 लाख रुपए मुआवजा देने का प्रावधान है. पिछले साल अप्रैल तक यह योजना लागू थी. लेकिन अब उसे हटा लिया गया है. इसके चलते मरने वाले लोगों के परिवार को मुआवजा नहीं मिल पा रहा है. कोर्ट राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अथॉरिटी से कहे कि वह राज्य आपदा प्रबंधन अथॉरिटी को मुआवजा देने का निर्देश दे.

मामले में कोर्ट की तरफ से जारी नोटिस का जवाब देते हुए केंद्र सरकार ने यह बताया था कि राज्यों को जो आपदा राहत कोष दिया गया है, उसका अधिकांश हिस्सा कोरोना से निपटने के उपाय करने में जा रहा है. राज्यों को हॉस्पिटल, ऑक्सीजन, दवा, क्वारंटीन सेंटर आदि बातों के लिए बहुत अधिक खर्च करना पड़ा है. इसी कोष से उन्हें बाढ़ या चक्रवात जैसी आपदा आने पर भी राहत के इंतजाम करने होंगे. अगर उन्हें कोरोना से होने वाली मृत्यु का मुआवजा देने के लिए बाध्य किया गया, तो बाकी काम रुक जाएंगे. केंद्र सरकार ने अपने बारे में भी यह बताया था कि उसने कोरोना से पैदा हुए हालात के मद्देनजर 1.75 लाख करोड रुपए का प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज घोषित किया है. इसके तहत गरीबों को राशन देने, असमर्थ लोगों को नगद पैसे देने, 22 लाख हेल्थ वर्कर के लिए 50-50 लाख रुपए के बीमा की व्यवस्था की गई है. केंद्र ने हलफनामे में यह कहा था कि पिछले 1 साल में केंद्र और राज्यों को कम राजस्व प्राप्त हुआ है. उन पर मुआवजे का बोझ नहीं डाला जाना चाहिए. इस मसले को संबंधित अथॉरिटी पर ही छोड़ देना चाहिए.

आर्थिक दिक्कत का हवाला देकर सरकार जिम्मेदारी से मुंह नहीं फेर सकती- याचिकाकर्ता

आज याचिकाकर्ता पक्ष के लिए पेश वरिष्ठ वकील एस बी उपाध्याय ने केंद्र के हलफनामे का विरोध कीट. उन्होंने कहा कि आर्थिक दिक्कत का हवाला देकर सरकार अपनी वैधानिक जिम्मेदारी से मुंह नहीं फेर सकती. कानून में मुआवजे का प्रावधान है. यह लोगों को मिलना चाहिए. इस पर जस्टिस अशोक भूषण और एम आर शाह की बेंच ने कहा, "कई बार आपदा छोटी होती है, मरने वालों वालों की संख्या कम होती है. लेकिन जब आपदा बड़ी हो, मरने वालों की संख्या बहुत अधिक हो, तब भी क्या छोटी आपदा में दिया गया मुआवजा हर व्यक्ति को दे पाना संभव है?" इस पर वकील ने जवाब दिया, "हम 4 लाख रुपया ही दिए जाने पर नहीं अड़े हैं. सवाल यह है कि क्या NDMA कोई निर्देश जारी नहीं करेगा ? उसे पूरी स्थिति की समीक्षा कर अपनी तरफ से एक स्कीम राज्यों को भेजनी चाहिए."

याचिकाकर्ता की बातों का जवाब देते हुए सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि पहले आपदा राहत का अर्थ प्राकृतिक आपदा आने के बाद पहुंचाए जाने वाली राहत था. लेकिन अब उसकी परिभाषा बदल गई है. अब आपदा से निपटने के लिए किए जा रहे हैं उपाय पर भी भारी खर्च किया जाता है. सॉलिसिटर जनरल ने आगे कहा, "प्रवासी मजदूरों को विशेष ट्रेन से मुफ्त उनके राज्य भेजना, ट्रेन में उनके खाने का बंदोबस्त करना, गरीबों को मुफ्त राशन देना, ऑक्सीजन का उत्पादन बढ़ाना, ऑक्सीजन को अस्पतालों तक लाने के लिए विशेष ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था करना, यह सब बातें आपदा प्रबंधन का ही हिस्सा हैं. जिसमें बड़ा खर्च किया जा रहा है." उन्होंने आगे कहा, "सरकार यह नहीं कह रही है कि उसके पास मुआवजा देने के लिए पैसे नहीं हैं. यह कह रही है कि वह मुआवजा देने से ज्यादा आपदा से निपटने पर ज्यादा ध्यान केंद्रित करना चाहती है."

राज्य की तरफ से कोरोना मृत्यु के लिए मुआवजा देने का भी उठा मुद्दा

कोर्ट में यह मुद्दा भी उठा कि कुछ राज्य कोरोना मृत्यु के लिए मुआवजा दे रहे हैं. ऐसे में जजों का यह कहना था कि अगर यह मसला राज्यों के ऊपर छोड़ दिया गया तो देश के अलग-अलग लोगों को अलग-अलग मुआवजा मिलेगा. कुछ लोगों को मुआवजा मिल ही नहीं सकेगा. इसका जवाब देते हुए तुषार मेहता ने कहा, "अपनी तरफ मुआवजा दे रहे राज्य ऐसा आपदा राहत कोष से नहीं कर रहे हैं. इसके लिए राज्य की आकस्मिक निधि या मुख्यमंत्री राहत कोष का इस्तेमाल किया जा रहा है. आपदा राहत कोष से कोई राहत देने के लिए उचित कानूनी व्यवस्था करनी होती है."

सुनवाई के अंत में कोरोना से हो रही रही मौत का प्रमाण पत्र हासिल करने में लोगों को आ रही दिक्कत का मसला उठा. जजों ने कहा कि सरकार मृत्यु प्रमाण पत्र प्राप्त करने की प्रक्रिया को सरल बनाए. यह भी देखा जाए कि जिन लोगों की मृत्यु होने के चलते हुई, लेकिन प्रमाण पत्र में कारण दर्ज नहीं हुआ, उनके मृत्यु प्रमाण पत्र में सुधार का बंदोबस्त ही सके. फैसला सुरक्षित रखते हुए सभी पक्षों से 3 दिन में लिखित दलीलें जमा करवाने को कहा.

यह भी पढ़ें-

अयोध्या में विकास कार्यों को लेकर 25 जून को बैठक करेंगे पीएम मोदी, नए मास्टर प्लान पर होगी चर्चा

Free COVID-19 Vaccination: आज से देशभर में 18 साल से ऊपर के सभी लोगों को मिलेगी मुफ्त वैक्सीन

और पढ़ें
Sponsored Links by Taboola

टॉप हेडलाइंस

अजित पवार के बेटे जय पवार की बहरीन में शादी, दुल्हन संग ऐसे किया खुशी का इजहार, देखें तस्वीरें
अजित पवार के बेटे जय पवार की बहरीन में शादी, दुल्हन संग ऐसे किया खुशी का इजहार, देखें तस्वीरें
पुतिन के भारत दौरे से अमेरिका में खलबली! ट्रंप ने दिल्ली के पक्ष में ले लिया बड़ा फैसला; बताया कैसे देगा साथ
पुतिन के भारत दौरे से US में खलबली! ट्रंप ने दिल्ली के पक्ष में लिया बड़ा फैसला; बताया कैसे देगा साथ
गौतम गंभीर पर भड़के रविचंद्रन अश्विन, ये ऑलराउंडर है वजह; कहा- वो खुद की पहचान...
गौतम गंभीर पर भड़के रविचंद्रन अश्विन, ये ऑलराउंडर है वजह; कहा- वो खुद की पहचान...
न्यू डैड विक्की कौशल ने खरीदी करोड़ों की लग्जरी कार, कीमत जान रह जाएंगे हक्के-बक्के
न्यू डैड विक्की कौशल ने खरीदी करोड़ों की लग्जरी कार, कीमत जान रह जाएंगे हक्के-बक्के

वीडियोज

Road Test Review Of Volkswagen Golf GTI India  | Auto Live
दोस्ती इम्तिहान लेती है...दोस्तों की जान लेती है। | Sansani | Crime News
Putin India Visit: रूस के लिए रवाना हुए व्लादिमीर पुतिन | Trump | India Russia Ties | ABP News
Indigo Flight: आसमान में 'आपातकाल', यात्री बेहाल...सुलगते सवाल | Janhit | Chitra Tripathi | Delhi
Sandeep Chaudhary: IndiGo को लेकर बढ़ी हलचल....पूरा देश परेशान!| Seedha Sawal | Indigo News

फोटो गैलरी

Petrol Price Today
₹ 94.72 / litre
New Delhi
Diesel Price Today
₹ 87.62 / litre
New Delhi

Source: IOCL

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
अजित पवार के बेटे जय पवार की बहरीन में शादी, दुल्हन संग ऐसे किया खुशी का इजहार, देखें तस्वीरें
अजित पवार के बेटे जय पवार की बहरीन में शादी, दुल्हन संग ऐसे किया खुशी का इजहार, देखें तस्वीरें
पुतिन के भारत दौरे से अमेरिका में खलबली! ट्रंप ने दिल्ली के पक्ष में ले लिया बड़ा फैसला; बताया कैसे देगा साथ
पुतिन के भारत दौरे से US में खलबली! ट्रंप ने दिल्ली के पक्ष में लिया बड़ा फैसला; बताया कैसे देगा साथ
गौतम गंभीर पर भड़के रविचंद्रन अश्विन, ये ऑलराउंडर है वजह; कहा- वो खुद की पहचान...
गौतम गंभीर पर भड़के रविचंद्रन अश्विन, ये ऑलराउंडर है वजह; कहा- वो खुद की पहचान...
न्यू डैड विक्की कौशल ने खरीदी करोड़ों की लग्जरी कार, कीमत जान रह जाएंगे हक्के-बक्के
न्यू डैड विक्की कौशल ने खरीदी करोड़ों की लग्जरी कार, कीमत जान रह जाएंगे हक्के-बक्के
UP AQI: नोएडा-गाजियाबाद नहीं थम रहा जहरीली हवा का कहर, घुट रहा दम, आज भी हालत 'बेहद खराब'
नोएडा-गाजियाबाद नहीं थम रहा जहरीली हवा का कहर, घुट रहा दम, आज भी हालत 'बेहद खराब'
कहीं आपका गैस सिलेंडर एक्सपायर तो नहीं हो गया, घर पर ही ऐसे कर सकते हैं चेक
कहीं आपका गैस सिलेंडर एक्सपायर तो नहीं हो गया, घर पर ही ऐसे कर सकते हैं चेक
CBSE में 124 नॉन-टीचिंग पदों पर भर्ती, जानें किस उम्र सीमा तक के उम्मीदवार कर सकते हैं अप्लाई?
CBSE में 124 नॉन-टीचिंग पदों पर भर्ती, जानें किस उम्र सीमा तक के उम्मीदवार कर सकते हैं अप्लाई?
स्टील के बर्तन में कभी न रखें ये फूड आइटम्स, हो सकता है फूड पॉइजनिंग का खतरा
स्टील के बर्तन में कभी न रखें ये फूड आइटम्स, हो सकता है फूड पॉइजनिंग का खतरा
Embed widget