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DU में एडमिशन लेने के नियम में बड़ा बदलाव, अब कटऑफ से नहीं होगा दाखिला
10 दिसंबर को दिल्ली यूनिवर्सिटी की एकेडमिक काउंसिल (एसी) ने कॉमन एंट्रेंस टेस्ट कराने की मंजूरी दी थी, लेकिन काउंसिल के कई सदस्यों ने इस विषय पर आपत्ति जताई थी.
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दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) में नियमित रूप से चलने वाली एग्जीक्यूटिव काउंसिल मीटिंग में CUET(Common University Entrance Test) द्वारा एडमिशन की प्रक्रिया को पास कर दिया गया है. सुबह से विभिन्न विषयों को लेकर चल रही मीटिंग में आखिर में यह निर्णय लिया गया, जिसका कुछ सदस्यों ने विरोध भी किया, लेकिन विरोध, असंतोष और विचार के बीच CUET को पास कर दिया गया है. इस साल NTA 45 केंद्रीय विश्वविद्यालयों के लिए CUCET 2022 आयोजित करेगा. हालांकि, इन विश्वविद्यालयों के पास किस तरह से प्रवेश की प्रक्रिया करनी है यह चुनने की आजादी होगी.
DU में अंडर ग्रैजुएट में दाखिला लेने के लिए अब तक कक्षा 12 के अंकों को आधार माना जाता रहा है और कटऑफ के ज़रिए दाखिले की प्रक्रिया पूरी की जाती है. छात्र केवल उन्हीं विषयों के लिए प्रवेश परीक्षा में शामिल हो सकेंगे, जिन्हें उन्होंने 12वीं कक्षा में पास किया है. CUCET को लागू करने का मकसद आसमान छूती कटऑफ को समाप्त करना है. बीते वर्ष कई विषयों जैसे बीकॉम ऑनर्स, इकोनॉमिक ऑनर्स में कट ऑफ 100% रही थी.
10 दिसंबर को दिल्ली यूनिवर्सिटी की एकेडमिक काउंसिल (एसी) ने कॉमन एंट्रेंस टेस्ट कराने की मंजूरी दी थी, लेकिन काउंसिल के कई सदस्यों ने इस विषय पर आपत्ति जताई थी. बैठक में मौजूद रहे एकेडमिक फॉर एक्शन एंड डेवलपमेंट ग्रुप (AAD) के अनुसार, "मौजूदा वक्त में DU में छात्राएं, छात्रों से ज्यादा हैं. DU के हर डिपार्टमेंट में ऐसा ही है. लेकिन हमें चिंता है एंट्रेंस एग्जाम के कारण लड़कियां लड़कों से पीछे छूट सकती हैं. NEET, CAT इत्यादि परीक्षाओं में ऐसा देखा गया है."
बैठक में मौजूद रहे सदस्य ने कहा, "अभी से कई सेंटरों में CUET की तैयारी शुरू कर दी गई है. आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों के लिए एंट्रेंस परीक्षा देना मुश्किल होगा, ये समझना जरूरी है. CUET का एक फायदा यह जरूर होगा कि पहले 2.5 अंक छात्र के तब काट लिए जाते थे, जब वो अपना स्ट्रीम बदलते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा.
17 मार्च को हुई एकेडमिक काउंसिल की बैठक में काउंसिल के एक पक्ष ने कहा कि DU में 2022 में प्रवेश पूरी तरह से CUET के अंकों के आधार पर आयोजित होना चाहिए. वहीं कुछ सदस्यों ने आपत्ति भी जताई. जिसके बाद आज (22 मार्च) को हुई बैठक में Common University Entrance Test (CUET) द्वारा दाखिले की प्रक्रिया को मंजूरी दे दी गई. डीयू की स्थायी समिति ( Academic Council) के अनुसार विदेशी छात्रों को छोड़कर सीयूसीईटी के माध्यम से सभी छात्रों का दाखिला किया जाना चाहिए.
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया है कि सेंट स्टीफंस और जीसस एंड मैरी जैसे अल्पसंख्यक कॉलेजों में भी प्रवेश सीयूईटी 2022 परीक्षा के ज़रिए लिया जाएगा. हालांकि सदस्यों ने निर्णय लिया है कि स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग (एसओएल) और नॉन-कॉलेजिएट महिला शिक्षा बोर्ड (एनसीडब्ल्यूईबी) में प्रवेश के पिछले कई वर्षों से चली आ रही प्रक्रिया के अनुसार ही होगा.
CUET लेने के लिए 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा में कम से कम पासिंग मार्क्स लाना जरूरी है.
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