दिल्ली ब्लास्ट के पीछे खालिस्तान का 'स्लीपर सेल'? जानें क्यों चर्चा में आई ये थ्योरी और इसका PAK कनेक्शन
Delhi Rohini Blast News: दिल्ली के प्रशांत विहार इलाके स्थित सीआरपीएफ स्कूल के पास हुए धमाके के बाद से लोगों में दहशत का माहौल है. इस ब्लास्ट को लेकर दिल्ली जांच कर रही है.
Delhi Rohini Blast News: राजधानी दिल्ली के रोहिणी इलाके में सीआरपीएफ स्कूल के पास रविवार (20 अक्टूबर) को एक ब्लास्ट हुआ था. इस ब्लास्ट में खिड़कियों के शीशे टूट गए और आसपास की गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गई थी. दिल्ली पुलिस लगातार इस मामले की जांच कर रही है. सीआरपीएफ स्कूल के पास हुए बम धमाके को लेकर दिल्ली पुलिस ने एक्सप्लोसिव एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज किया है.
बम धमाके की जांच को जल्द ही आधिकारिक तौर पर स्पेशल सेल को ट्रांसफर किया जाएगा. इसी बीच इस ब्लास्ट को लेकर एक बड़ा अपडेट सामने आया है.
किया जा रहा है ये बड़ा दावा
दिल्ली के रोहिणी में हुए बम ब्लास्ट की जांच एजेंसियां तेजी से कर रही है. दूसरी तरफ पाकिस्तान से चलने वाले कुछ टेलीग्राम चैनल पर दिल्ली में हुए ब्लास्ट के पीछे खालिस्तान ऑपरेटिव्स का हाथ होने का दावा किया गया है.सबसे पहले यह दावा टेलीग्राम चैनल Justice League India पर CCTV डालकर बम धमाके का दावा किया गया. उसके बाद इस मैसेज को पाकिस्तान से चैनल वाले कई टेलीग्राम चैनल पर सर्कुलेट किया गया. ये वो तमाम टेलीग्राम चैनल हैं, जिसमें ज्यादातर कश्मीर में होने वाले आतंकी गतिविधियों की TRF की अपडेट्स शेयर की जाती है.
'खालिस्तान उग्रवाद को हवा देने की कोशिश'
ISI द्वारा संचालित कश्मीर जिहाद से जुड़े टेलिग्राम चैनलों पर दिल्ली बम ब्लास्ट में खालिस्तान समर्थकों का हाथ होने का इशारा किया गया है. हालांकि एक्सपर्ट्स का मानना है कि इसके पीछे पाकिस्तानी इंटेलिजेंस ISI का ही रोल है और इस बम ब्लास्ट से खालिस्तान का एंगल जोड़कर खालिस्तान उग्रवाद को हवा देने की कोशिश की जा रही है.
फिलहाल इन्हें प्रोपोगेंडा की तरह देखा जा रहा है. धमाके की जांच की जा रही है. अभी तक इसमें कोई गिरफ्तार नहीं हुआ है और न ही किसी संगठन का नाम सामने आया है. जांच एजेंसियां इन सभी मैसेज की बारीकी से जांच कर रही हैं.
जानें कौन होते हैं स्लीपर सेल
कुछ टेलीग्राम चैनल पर दिल्ली में हुए ब्लास्ट के पीछे खालिस्तान ऑपरेटिव्स का हाथ होने का दावा किया जा रहा है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये आतंकी ऑपरेटिव्स (स्लीपर सेल) क्या होते हैं? दरअसल, स्लीपर सेल यानी आतंकियों का वो दस्ता जो आम लोगों के बीच रहता है और आतंकियों के शीर्ष नेतृत्व से आदेश आने के बाद हरकत में आ जाते हैं. इन्हें पकड़ना बहुत मुश्किल होता है क्योंकि ये आम लोगों के बीच आम आदमी बनकर रहते हैं.