चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग के साथ इतिहास रचेगा भारत, 18 घंटे पहले काउंटडाउन शुरू
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने ट्वीट कर कहा कि चंद्रयान 2 के लॉन्च के लिए आज (रविवार) छह बजकर 43 मिनट पर काउंटडाउन शुरू हुआ. 22 जुलाई को दो बजकर 43 मिनट पर चंद्रयान 2 को लॉन्च किया जाएगा.

चेन्नई: चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है. सोमवार को दोपहर दो बजकर 43 मिनट पर लॉन्च किया जाएगा. इससे 18 घंटे पहले आज (रविवार) शाम छह बजकर 43 मिनट पर काउंट डाउन शुरू हुआ. चेन्नई से लगभग 100 किलोमीटर दूर सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र में दूसरे लांच पैड से चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण किया जाएगा. इस मिशन की लागत 978 करोड़ रुपये है.
इससे पहले चंद्रयान-2 को लेकर जीएसएलवी-एमके-3 रॉकेट 15 जुलाई को तड़के दो बजकर 51 मिनट पर उड़ान भरने वाला था, मगर तकनीकी खराबी के कारण रॉकेट के प्रस्थान करने से एक घंटा पहले उड़ान स्थगित कर दी गई. बाद में इसरो ने अपने 44 मीटर लंबे जियोसिनक्रोनस सैटेलाइट लांच व्हीकल-मार्क-3 (जीएसएलवी-एमके-3) की गड़बड़ी दूर की.
???????? #ISROMissions ???????? The launch countdown of #GSLVMkIII-M1/#Chandrayaan2 commenced today at 1843 Hrs IST. The launch is scheduled at 1443 Hrs IST on July 22nd. More updates to follow... pic.twitter.com/WVghixIca6
— ISRO (@isro) July 21, 2019
इससे पहले इसे जनवरी के पहले सप्ताह में प्रक्षेपित करने का निर्णय भी लिया गया था, जिसे बाद में 15 जुलाई के लिए टाल दिया गया. इस 3,850 किलोग्राम वजनी अंतरिक्ष यान को अपने साथ एक ऑर्बिटर, एक लैंडर और एक रोवर लेकर जाना था. इसरो ने कहा है कि चंद्रयान-2 को चंद्रमा पर उतरने में 54 दिन लगेंगे.
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इसरो के अनुसार चंद्रयान-2 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में उतरेगा, जहां वह इसके अनछुए पहलुओं को जानने का प्रयास करेगा. इससे 11 साल पहले इसरो ने पहले सफल चंद्र मिशन चंद्रयान-1 का प्रक्षेपण किया था जिसने चंद्रमा के 3,400 से अधिक चक्कर लगाए और 29 अगस्त, 2009 तक 312 दिनों तक काम करता रहा.
इसरो ने इस मिशन के प्रक्षेपण की नई तिथि की घोषणा करते हुए 18 जुलाई को ट्वीट किया था, ‘‘ ‘बाहुबली’ कहा जाने वाला जीएसएलवी मार्क-... रॉकेट अब अरबों लोगों के सपने को ‘चंद्रयान-2’ के रूप में चंद्रमा पर ले जाने के लिए तैयार है.’’ इस मिशन के प्रक्षेपण की पूर्व संध्या पर इसरो के अध्यक्ष के. सिवन ने बताया कि सभी तैयारियां हो गई हैं और गड़बड़ी को ठीक कर लिया गया है.
उन्होंने कहा, ‘‘15 जुलाई को सामने आई तकनीकी खामी को दूर कर लिया गया है. प्रक्षेपण यान अच्छी स्थिति में है...(प्रक्षेपण से पहले) का अभ्यास सफलतापूर्वक ढंग से पूरा किया गया है.’’ इसरो प्रमुख ने कहा कि वैज्ञानिक चांद के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में चन्द्रयान-2 के लैंडर को उतारेंगे जहां अब तक कोई देश नहीं गया है.
Source: IOCL























