कोरोना संकट: होम आइसोलेशन में कैसे ठीक हो रहे हैं लोग?
जिन लोगों में कोरोना के लक्षण बहुत कम या बिल्कुल नहीं हैं और कोई अन्य गंभीर बीमारी नहीं है, उन्हें सरकार होम आइसोलेट होने की हिदायत दे रही है.
दिल्ली में कोरोना की चिंताजनक स्तिथि के बीच कुछ ऐसी कहानियां भी हैं जो ये यकीन दिलाती हैं कि अनुशासन और आत्मविश्वास से हम इस वायरस को हरा सकते हैं. ये कहानी है कोरोना से संक्रमित उन लोगों की जिन्होंने होम आइसोलेशन में रहकर न सिर्फ इस वायरस का सामना किया बल्कि उसे हराकर आज पूरी तरह से स्वस्थ हो चुके हैं.
दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, 15 जून तक 22298 लोग होम आइसोलेशन में है और इनमें से 2000 से ज्यादा लोग अब तक ठीक भी हो चुके हैं. ठीक होने वाले इन्हीं लोगों में से एक हैं दिल्ली के लक्ष्मी नगर इलाके के रहने वाले 34 साल के अमनदीप शर्मा. मई के महीने में अमनदीप की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. उनको बहुत माइल्ड सिम्पटम थे जिसके चलते उन्होंने खुद को होम आइसोलेट किया और आज कोरोना को मात देकर अपनी सामान्य जिंदगी में वापस लौट चुके हैं.
अमनदीप ने ऐसे दी कोरोना को मात कोरोना को मात देने के अपने अनुभव को साझा करते हुए अमनदीप ने बताया कि रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर घबराने की जरुरत नहीं बल्कि समझदारी की जरुरत है. जिनको बहुत कम या कोई भी लक्षण नहीं हैं वो होम आइसोलेशन के जरिए ठीक हो सकते हैं. बस जरूरत है समझदारी से इलाज के सही तरीके को अपनाने की और अपने आसपास के लोगों तक संक्रमण न पहुंचने देने की सावधानी बरतने की. अमनदीप के मुताबिक, होम आइसोलेशन के दौरान सरकार की ओर से नियुक्त प्रतिनिधि भी लगातार उनके सम्पर्क में बने रहे और उनकी सेहत और जरूरतों को मॉनिटर करते रहे.
अमनदीप का कहना है कि होम आइसोलेशन के दैरान उन्होंने योगा किया और अपनी इम्युनिटी बढ़ाने के कई घरेलू उपाय भी किए. जिसका बेहतरीन नतीजा रहा और आज वो पूरी तरह से ठीक हो गए हैं. आइसोलेशन में मिले समय के दौरान उन्होंने योगा करने के अलावा फिल्में देखीं, सोशल मीडिया पर वक्त बिताया और पुराने दोस्तों से बात की. कोरोना संक्रमित अन्य लोगों को अमनदीप की सलाह है कि घबराकर अस्पताल की ओर न भागें. अस्पताल गंभीर स्तिथि वाले मरीजों के लिए ज्यादा जरूरी हैं. अगर लक्षण नहीं हैं तो घर पर रहकर भी कोरोना का इलाज संभव है.
दरअसल जिन लोगों में कोरोना के लक्षण बहुत कम या बिल्कुल नहीं हैं और कोई अन्य गंभीर बीमारी नहीं है, उन्हें सरकार होम आइसोलेट होने की हिदायत दे रही है. लेकिन कई लोग टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आते ही बिना अपने लक्षणों को समझे घबराहट में अस्पताल की ओर भाग रहे हैं. ऐसे में अमनदीप जैसे लोग उदाहरण पेश करते हैं कि कैसे होम आइसोलेशन भी कोरोना के खिलाफ एक कारगर हथियार साबित हो रहा है.
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