Maharashtra News: नारायण राणे के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले कार्यकर्ताओं से मिले सीएम उद्धव ठाकरे, बेटे आदित्य ठाकरे भी रहे मौजूद
Maharashtra News: दरअसल, शिवसेना में ये परंपरा रही है कि हर बड़े आंदोलन के कामयाब होने के बाद शिवसेना या युवासेना के नेताओं से पार्टी के मुखिया मुलाकात करते हैं.
Maharashtra News: केंद्रीय मंत्री नारायण राणे (Narayan Rane) के मुंबई में जुहू स्थित घर के बाहर हंगामा करने वाले युवा सेना के सदस्यों और युवती सेना के कार्यकर्ताओं की पार्टी द्वारा हौसला अफजाई की गई. बीती रात युवसेना के कार्यकर्ताओं से मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) और मंत्री आदित्य ठाकरे ने मुख्यमंत्री आवास पर मुलाकात की. इस मुलाकात के दौरान वरुण सरदेसाई, अमेय घोले और पूर्व मंत्री रामदास कदम के विधायक बेटे योगेश कदम भी मौजूद थे.
आदित्य ठाकरे के मौसेरे भाई वरुण सरदेसाई के नेतृत्व में जुहू में आंदोलन हुआ था. आदित्य ठाकरे के सबसे करीबी अमेय घोले ने ‘नारायण राणे मुर्गी चोर’ के पोस्टर्स लगाए थे. शिवसेना में यह परंपरा रही है कि हर बड़े आंदोलन के कामयाब होने के बाद सड़क पर उतरकर आक्रमकता से आंदोलन करने वाले शिवसेना/युवासेना के नेताओं से पार्टी के प्रमुख मिलते हैं.
जुहू स्थित नारायण राणे के घर के बाहर शिवसेना कार्यकर्ताओं और नारायण राणे के समर्थकों के बीच हुई झड़प के दौरान मोहसिन शेख नाम के शिवसेना कार्यकर्ता ने राणे के एक समर्थक को बुरी तरह पीटा जिसके बाद पुलिस ने मोहसिन शेख की जमकर पिटाई की. इस वीडियो को युवासेना कोर कमेटी के सदस्य राहुल कनाल ने ट्वीट करते हुए लिखा, “सीएम उद्धव ठाकरे के लिए युवसेना के लड़ाके अपने जान की बाजी भी लगा देंगे.”
गौरतलब है कि उद्धव ठाकरे पर नारायण राणे द्वारा दी गई एक आपत्तिजनक टिप्पणी की थी जिसके बाद से महाराष्ट्र में बवाल मचा गया. नारायण राणे के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई. इसके तुरंत बाद उन्हें मंगलवार दिन में गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तारी के कुछ घंटों बाद ही नारायण राणे को मजिस्ट्रेट कोर्ट से जमानत मिल गई. इस पूरे मामले को लेकर बीजेपी और शिव सेना आमने सामने है.
इस बीच महाराष्ट्र सरकार ने बुधवार को बंबई उच्च न्यायालय को बताया कि वह मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ टिप्पणी को लेकर नासिक में दर्ज प्राथमिकी के सिलसिले में केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करेगी. न्यायमूर्ति एस एस शिन्दे और न्यायमूर्ति एन जे जामदार की खंडपीठ को महाराष्ट्र सरकार ने राणे की याचिका पर सुनवाई के दौरान यह आश्वासन दिया. राणे ने इस याचिका में नासिक में दर्ज प्राथमिकी और भविष्य में दर्ज किए जा सकने वाले अन्य सभी मामलों को निरस्त करने का आग्रह किया गया है.