![metaverse](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-top.png)
पश्चिम बंगाल: दिल्ली वापस लौटी केंद्रीय टीम ने कहा- ममता सरकार ने नहीं किया सहयोग, स्थिति चिंताजनक
टीम ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव को लिखे पत्र में कहा है कि टीम के भरसक प्रयासों के बावजूद राज्य सरकार ने टीम के साथ कोई सहयोग नहीं किया.
![पश्चिम बंगाल: दिल्ली वापस लौटी केंद्रीय टीम ने कहा- ममता सरकार ने नहीं किया सहयोग, स्थिति चिंताजनक Central government team returned from West Bengal in Corona case accuses Mamata government ann पश्चिम बंगाल: दिल्ली वापस लौटी केंद्रीय टीम ने कहा- ममता सरकार ने नहीं किया सहयोग, स्थिति चिंताजनक](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2020/05/05002952/Mamata-Banerjee.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
नई दिल्ली: कोरोना मामले में पश्चिम बंगाल गई केंद्र सरकार की टीम वापस लौट आई है. इस टीम ने वहां 2 सप्ताह का दौरा किया था. टीम ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव को लिखे पत्र में कहा है कि टीम के भरसक प्रयासों के बावजूद राज्य सरकार ने टीम के साथ कोई सहयोग नहीं किया. कमेटी का मानना है कि पश्चिम बंगाल में करोना मृत्यु दर के आंकड़ों में वहां की मृत्यु दर देश में सबसे ज्यादा है.
करोना मामले में केंद्र सरकार की तरफ से गए भारत सरकार के विशेष सचिव अपूर्व चंद्रा की टीम वापस दिल्ली लौट आई है. दिल्ली लौटने के बाद विशेष सचिव अपूर्व चंद्रा ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर केंद्रीय टीम द्वारा जांच के दौरान सामने आए निष्कर्षों के बारे में जानकारी दी है. इस पत्र में साफ तौर पर कहा गया है कि जब यह टीम अपने 2 सप्ताह के प्रवास के दौरान पश्चिम बंगाल में थी तब उसने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव से लेकर विभिन्न विभागों को कुल 11 पत्र लिखे थे और तमाम जानकारियां मांगी थी लेकिन पश्चिम बंगाल सरकार ने इन जानकारियों को साझा करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई.
पत्र में यह भी कहा गया है कि यह टीम स्थानीय प्रशासन के अनेक वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात कर हालातों की जानकारी और समीक्षा करना चाहती थी लेकिन पश्चिम बंगाल सरकार के एक अधिकारी को छोड़कर किसी अन्य अधिकारी ने इस टीम से मुलाकात नहीं की यहां तक कि इस बाबत अनेक बार कहे जाने पर भी कोई अधिकारी बातचीत के लिए नहीं आया.
पत्र में यह आरोप भी लगाया गया है कि पश्चिम बंगाल सरकार कोरना पीड़ितों और करोना से मरने वाले लोगों का आंकड़ा जारी करने में पारदर्शिता नहीं अपना रही है, जिसके चलते पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा अनेक जगहों पर गलत तथ्य कमेटी के अलावा केंद्र सरकार को भी दिए गए हैं. कमेटी का मानना है कि पश्चिम बंगाल में कोरोना वायरस प्रभावित इलाकों में टेस्ट कम हो रहे हैं और हॉटस्पॉट पर भी सर्विलांस बहुत कम किया जा रहा है. कमेटी का मानना है कि कोरोना मृत्यु दर के आंकड़ों में पश्चिम बंगाल की मृत्यु दर देश में सबसे ज्यादा है.
इस केंद्रीय कमेटी ने अपने पत्र में अनेक तारीखों का भी हवाला दिया है जिसमें स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि राज्य सरकार ने इन तारीखों पर जो जानकारी केंद्रीय कमेटी के साथ साझा की उसके आंकड़े गलत थे. बाद में आंकड़े कुछ और ही पाए गए यह कमेटी जल्दी अपनी रिपोर्ट केंद्रीय गृह मंत्रालय को सौंपेगी.
ध्यान रहे कि इस केंद्रीय कमेटी की काम करने को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार को खासा एतराज था और पश्चिम बंगाल सरकार ने खुलकर यह भी कहा था कि बिना उनकी जानकारी के केंद्रीय कमेटी क्यों भेजी गई. इसे लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय और पश्चिम बंगाल सरकार आमने-सामने भी आ गए थे और दोनों के बीच में आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला था. अब देखना तो यह है कि केंद्रीय कमेटी की रिपोर्ट के बाद केंद्र सरकार क्या कदम उठाती है यह अपने आप में महत्वपूर्ण होगा.
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![metaverse](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![डॉ. सब्य साचिन, वाइस प्रिंसिपल, जीएसबीवी स्कूल](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/045c7972b440a03d7c79d2ddf1e63ba1.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)