हौसले की उड़ान: बिना कोचिंग बस कंडक्टर ने पास की UPSC परीक्षा, रोजाना आठ घंटे की मेहनत
कर्नाटक में एक शख्स कंडक्टर होते हुए भी यूपीएससी की परीक्षा पास की है.रोजाना आठ घंटे काम कर तैयारी पर पांच घंटे बीतानेवाले शख्स की कहानी काफी चुनौतियों भरी रही है.

कर्नाटक: किस्मत का रोना रोनेवालों के लिए कर्नाटक के मांड्या जिले के रहने वाले बस कंडक्टर मधु एनसी एक शानदार मिसाल हैं. उन्होंने साबित कर दिया कि आदमी चाह ले तो अपने भाग्य को बदल सकता है. मधु ने यूपीएसपी मुख्य परीक्षा में सफलता पायी है. मधु की सफलता बताती है कि आप अपनी मेहनत के बल पर दूसरों के रोल मॉडल बन सकते हैं.
बता दें कि मधु एनसी बेंगलुरू मेट्रोपोलिटन ट्रांसपोर्सट कॉर्पोरेशन (बीएमटीसी) में कंडक्टर के पद पर तैनात हैं. उन्होंने नौकरी की शुरुआत 19 साल की उम्र में ही कर दी थी. परिवार की सहायता के लिए कम उम्र में ही काम शुरू करनेवाले मधु ने अपना लक्ष्य नहीं छोड़ा.
मधु बताते हैं, "आम तौर पर लोग असफलता के बाद हिम्मत हार जाते हैं. लेकिन 2014 में कर्नाटक प्रशासनिक सेवा की परीक्षा में नाकाम होने के बावजूद मैंने तैयारी जारी रखी. 2018 में यूपीएससी की परीक्षा में भी सफलता नहीं मिली. अगली बार फिर मैंने फिर यूपीएससी की परीक्षा दी. आखिरकार दूसरी बार में मुझे कामयाबी मिली. मैं जिंदगी में कुछ बड़ा हासिल करना चाहता था.”
काम करते हुए परीक्षा की तैयारी करना कितना कठिन होता है. ये मधु से बेहतर कौन जान सकता है. काम पर जाने से पहले मधु चार बजे सुबह उठ जाते थे. फिर रोजाना पांच घंटे पढ़ाई में बिताते. 2019 में की प्रारंभिक परीक्षा पास करने के बाद उन्होंने मुख्य परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी. ऑपशनल विषय में उन्होंने पॉलिटिकल साइंस और इंटरनेशनल रिलेशन चुना. प्रारंभिक परीक्षा कन्नड़ भाषा में दी जबकि मुख्य परीक्षा में उन्होंने अंग्रेजी को चुना.
काम करते हुए भी जारी रखी तैयारी
मधु कहते हैं, “कोचिंग, ट्यूशन या क्लास लेने के बजाय मैंने खुद से पढ़ाई की. मैंने तैयारी में अपने बीएमटीसी के कुछ वरिष्ठों की भी मदद ली.” मधु अपनी कामयाबी का क्रेडिट अपनी बॉस शिखा को देते हैं. उनकी तैयारी में बीएमटीसी की प्रबंधन निदेशक शिखा का भी योगदान है. 29 वर्षीय कंडक्टर अब इंटरव्यू की तैयारी करने में जुटे हैं.
Source: IOCL





















