बिहार के औरंगाबाद में आज फिर हिंसा, दर्जन भर दुकानें फूंकी, गोली चलने से दो घायल
शहर की एक दर्जन दुकानों में उपद्रवियों ने आग लगा दी और सड़क के किनारे लगाए गए ठेले और गुमटियों को भी आग के हवाले कर दिया.
औरंगाबाद: बिहार के औरंगाबाद में रामनवमी के दूसरे दिन फिर से हिंसा भड़क उठी जिसकी वजह से शहर का माहौल तनावपूर्ण हो गया. शहर के अलग-अलग जगहों पर तकरीबन 10 दुकानें हिंसा की भेंट चढ़ गईं. हिंसा को देखते हुए जिलाधिकारी राहुल रंजन महिवाल ने आज पूरे शहर में कर्फ्यू लगा दिया है, लेकिन थोड़ी देर के बाद हटा लिया. स्थिति सामान्य है और अब धारा 144 की अवधि बढ़ा दी गई है.
इस दौरान पुलिस बल ने उपद्रवियों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा जिसके बाद शहर उपद्रवियों के चंगुल से मुक्त हुआ. शहर की सड़कों पर अतिरिक्त सुरक्षा बलों और पुलिस की गश्ती बढ़ा दी गई है. हिंसा के दौरान कई शोरूम और दुकानों को निशाना बनाया गया. शहर की एक दर्जन दुकानों में उपद्रवियों ने आग लगा दी और सड़क के किनारे लगाए गए ठेले और गुमटियों को भी आग के हवाले कर दिया. वहीं नावाडीह और श्री कृष्ण नगर मोहल्ले में गोलीबारी हुई. गोलीबारी में दो युवक गंभीर रूप से घायल हो गए हैं. गंभीर रुप से जख्मी एक युवक को बेहतर इलाज के लिए गया मेडिकल कॉलेज गया रेफर कर दिया गया है.
गौरतलब हो कि रविवार को उपद्रवियों ने शहर में बाइक रैली पर पत्थरबाजी की थी और कई दुकानों को आग के हवाले कर दिया था. इससे शहर का माहौल पूरी तरह से बिगड़ गया था. औरंगाबाद के डीएम ने एबीपी न्यूज़ से कहा शहर में धारा 144 लगाया गया है. स्थित तनावपूर्ण है पर नियंत्रण में है.
उधर बिहार विधानसभा के अंदर औरंगाबाद की घटना को लेकर सीएम नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव में हल्की नोंक-झोंक हुई. सीएम नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव के टोकने पर कहा- सुन लो बाबू...सिद्दीकी जी ज़रा समझाइए, अगर विवाद को सदन के अंदर तूल देकर इसे राज्यस्तर तक बढ़ाएंगे तो इसका मतलब आपकी मंशा भी दंगा भड़काने की है. पहली बार सदन की गरिमा का पालन नहीं किया जा रहा है. लोगों को समझाने की पहल होनी चाहिए. गया के कमिश्नर और यहां से एडीजी को भी भेजा जा रहा है. सदन के अंदर से अफवाहों को मत बढ़ाएं. भड़काने वाला काम नहीं करें.