ऐसे कैसे बचेगी बेटी? अलीगढ़ में बीजेपी विधायकों पर 'कोख के कातिलों' को बचाने का आरोप
अलीगढ़ के डीएम ने भी इस बात की पुष्टि की है कि जनप्रतिनिधियों के विरोध की वजह से आरोपियों को राजस्थान की पुलिस अपने साथ नहीं लेकर जा सकी. वहीं विधायक ने अपनी सफाई में कहा कि जो कुछ भी हुआ कानून के मुताूिक हुआ.

नई दिल्ली: मोदी सरकार देश में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ नारा बुलंद कर रही है. वहीं दूसरी ओर बीजेपी के ही दो विधायकों पर कोख के कातिलों को बचाने का आरोप लग रहा है. खबर उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ से है.
यहां के जीवन हॉस्पिटल पर राजस्थान के जयपुर से आई टीम ने छापा मारा था और भ्रूण परीक्षण के आरोप में हॉस्पिटल को सील कर दिया. इसके बाद पुलिस आरोपी डॉक्टरों को जयपुर ले जाने की तैयारी कर रही थी. लेकिन आरोप है कि आरोपी डॉक्टर के बचाव में बीजेपी के दो विधायक संजीव राजा और अनिल पाराशर थाने पहुंच गए और आरोपियों को जयपुर नहीं ले जाया जा सका.
अलीगढ़ के डीएम ने भी इस बात की पुष्टि की है कि जनप्रतिनिधियों के विरोध की वजह से आरोपियों को राजस्थान की पुलिस अपने साथ नहीं लेकर जा सकी. अलीगढ़ के डीएम ने कहा, ''राजस्थान से आई टीम आरोपी डॉक्टर को गिरफ्तार करके अपने साथ ले जाना चाहती थी लेकिन विधायकों के विरोध के कारण नहीं ले जा पायी. कल दोनों ही विधघायक थाने में उपस्थित थे.''
जयपुर से आई पुलिस टीम ने कहा, "हमें शिकायत मिली थी कि अलीगढ़ के जीवन हॉस्पिटल में गैर कानूनी तरीके से लिंग परीक्षण की जांच की जा रही है. इस पर हम पिछले दस दिन से काम कर रहे थे. यहां का एजेंट था जो राजस्थान से लोगों को लाकर ये काम करवाता था. हमने इसकी जांच की ओर जो भी मिला वो डीएम साहब के ऑफिस में रखवा दिया.''
अपने किए पर बिना किसी पछतावे के बीजेपी विधायक अनिल पाराशर सफाई भी दे रहे हैं. विधायक अनिल पाराशर ने कहा, ''जैसे ही जानकारी मिली हम सीधे थाने गए, वहां पूरे प्रकरण को समझा. इसके बाद कानून के हिसाब से अधिकारियों से बात हुई और भी सही था वहीं किया गया. कहीं भी अपराध होता है तो उसका पैमाना प्रशासन तय करता है. जांच के बाद जो भी परिणाम आएगा उसे हर पक्ष मानेगा.''
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