Nasha Jurm Aur Gangsters Review: इन दिनों कई छोटी फिल्में कमाल कर रही हैं, कई बड़े सितारों की फिल्में फ्लॉप हो रही हैं, मामला साफ है कंटेंट इज किंग. कई छोटे बजट की फिल्में आपका दिल जीत लेती हैं. कई दिल जीतने की कोशिश करती हैं, उन फिल्मों की नीयत अच्छी होती है लेकिन किसी ना किसी वजह से वो मात खा जाती हैं. कई बार कहानी में दम होता है, लेकिन बजट की कमी और ग्रैंड प्रोडक्शन स्केल ना होना उन फिल्मों की कमजोरी बन जाती है. राज कुमार पात्रा की ये फिल्म भी ऐसी ही है, नशे और गैंगस्टर्स की दुनिया को दिखाने की कोशिश अच्छी है लेकिन जाहिर है फिल्म का बजट इसे वो स्केल नहीं दे पाया जैसा आजकल गैंगस्टर फिल्मों का होना चाहिए लेकिन अच्छी कोशिश है तो फिल्म की बात होनी चाहिए.
कहानी
ये कहानी है गुनाह और गैंगस्टर्स की काली दुनिया की. जीत यानि रॉकी रूपकुमार पात्रा एक उभरता हुआ गैंगस्टर है जो अपने पार्टनर मुन्ना यानि फिरोज खान और अपने दोस्त बासु यानि युधिष्ठिर पात्रा के साथ मिलकर ड्रग्स सप्लाई का काम करता है और साथ ही एक नेता साहिल प्रधान यानि अभिजीत अचार्जी के लिए भी काम करता है. जीत की गर्लफ्रेंड निशा यानि मिठू दे चाहती है कि वो जुर्म का रास्ता छोड़ दे. इतने में कहानी में एंट्री होती है एक और गैंगस्टर जैकी सिंघानिया यानि राजकुमार पात्रा की. साथ ही शहर में एक नया आईपीएस भी आता है. कैसे पुलिस और गैंगस्टर्स के बीच ये टकराव होता है. इनकी निजी जिंदगी में क्या क्या होता है, यही फिल्म में दिखाया गया है.
कैसी है फिल्म
ये एक छोटे बजट की ठीक ठाक फिल्म है. फिल्म में कहानी को बुनने की अच्छी कोशिश की गई है. गैंगस्टर्स की दुनिया को दिखाने की कोशिश अच्छी है. आजकल फिल्मों में कहानी की ही कमी होती है और यहां कहानी तो है लेकिन बाकी चीजोें में ये फिल्म मात खा जाती है. ये फिल्म बंगाल में बनी है, बंगाल के दर्शकों को फिल्म पसंद आ सकती है लेकिन पैन इंडिया लेवल पर ये शायद वो कमाल नहीं दिखा पाएगी और वजह है इसका स्केल. आज गैंगस्टर फिल्मों का स्केल काफी बड़ा हो गया है और अगर इस फिल्म का प्रोडक्शन बड़े लेवल पर होता तो ये एक बेहतर फिल्म बनती लेकिन ये फिल्म एक प्रोमिस जरूर करती है कि अगर इसके मेकर्स को अच्छा बजट दिया जाए तो अच्छा सिनेमा बना सकते हैं.
एक्टिंग
राजकुमार पात्रा ने फिल्म में डायरेक्शन के साथ साथ एक्टिंग भी की है और उनका काम अच्छा है. वो गैंगस्टर के रोल में अच्छे लगते हैं. रॉकी रूपकुमार पात्रा ने भी गैंगस्टर के किरदार को अच्छे से निभाया है. मुन्नी पंकज का काम अच्छा है, युधिष्ठिर पात्रा और अग्नि दत्त ने भी अपने अपने किरदार ठीक से निभाए हैं.
डायरेक्शन
राजकुमार पात्रा का डायरेक्शन ठीक है लेकिन बजट में वो मार खा गए. अगर उन्हें और बजट दिया जाता तो वो इसे और अच्छे लेवल पर बना सकते थे. उनमें टैलेंट है और जरूरत है ऐसे टैलेंट को सही दिश दशा मिलने की और किसी बड़े बैनर का साथ मिलने की. अगर ऐसा होता है इनकी अगली फिल्म बेहतर होगी.
कुल मिलाकर ये एक अच्छी कोशिश है
रेटिंग- 2 स्टार्स