लड़कियों और लड़कों में कितने साल की उम्र में आती है मेच्योरिटी? जान लीजिए जवाब
एक्सपर्ट्स का कहना है कि किसी शख्स का 18 साल का होना और उसका मेच्योर होना दोनों अलग-अलग बातें हैं. उम्र से मैच्योरिटी का संबंध है लेकिन सिर्फ इसी को ही मैच्योरिटी नहीं माना जा रहा है.

Maturity Age : कानून मानता है कि 18 साल की उम्र में लड़के-लड़कियां बालिग हो जाते हैं. अब वे मैच्योर हैं और अपनी लाइफ के फैसले खुद ले सकते हैं. उसे वोट देने, प्रॉपर्टी खरीदने, ड्राइविंग लाइसेंस पाने जैसे अधिकार मिल जाते हैं. इस उम्र में गलती की सजा भी वयस्क जितनी ही मिलती है. लेकिन सवाल उठता है कि 17 साल 364 दिन के बाद 24 घंटे में शरीर में ऐसा कौन सा बदलाव हो जाता है, जो किसी इंसान को रातों-रात मेच्योर बना देता है.
एक्सपर्ट्स का कहना है कि किसी शख्स का 18 साल का होना और उसका मेच्योर होना दोनों अलग-अलग बातें हैं. उम्र से मैच्योरिटी का संबंध है लेकिन सिर्फ इसी को ही मैच्योरिटी नहीं माना जा रहा है. ऐसे में आइए जानते हैं लड़के और लड़कियों में कितने साल की उम्र में मेच्योरिटी आती है.
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किस उम्र में आती है मेच्योरिटी
एक्सपर्ट्स के अनुसार, महिलाओं में मेच्योरिटी पहले आती है, जबकि ल़ड़कों में बाद में. The New Vision की एक रिपोर्ट बताती है कि लड़कियां 32 साल की उम्र के आसपास भावात्मक परिपक्वता तक पहुंच जाती हैं. जबकि फिजिकली तौर पर उनमें 8 से 13 साल में ही परिपक्वता शुरू हो जाती है.
18 साल की उम्र में लड़कियां फिजिकली मेच्योर हो जाती हैं लेकिन 32 साल के बाद मेंटली मेच्योर हो पाती हैं. जबकि लड़के करीब 43 साल की उम्र में पूरी तरह मेच्योर होते हैं. हालांकि, इसे लेकर लोगों का अलग-अलग मानना है.
क्या 25 की उम्र में मेच्योरिटी आ जाती है
अमेरिकन राइटर रॉबर्ट निक्सन अपनी बुक 'The Art of Growing: A Guide to Psychological Maturity' में लिखते हैं कि जन्म के साथ ही बच्चे का दिमाग हर दिन विकसित होता रहता है. लेकिन मैच्योरिटी धीरे-धीरे ही आती है. इंसान के शरीर और मस्तिष्क का विकास पूरी उम्र चलता रहता है लेकिन आमतौर पर 25 साल की उम्र के आसपास लोग इतने मेच्योर हो जाते हैं कि उन्हें इमोशनली मेच्योर कहा जा सकता है. किस उम्र में कोई कितना मेच्योर होगा, यह उसकी अपब्रिंगिंग और पर्सनैलिटी पर निर्भर करता है.
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कैसे समझें कि आप मेच्योर हो गए हैं
1. इमोशन की बजाय तर्क से काम लेने लगते हैं.
2. कोई दूसरा आपकी खुशियों या दुख को प्रभावित नहीं कर पाता है.
3. दूसरों की तुलना में खुद से ज्यादा प्यार करने लग जाते हैं.
4. गुस्सा कंट्रोल कर पाते हैं.
5. खर्चे करने से पहले सोचते हैं.
6. हर समय जिम्मेदारियों का एहसास होता है.
7. सॉरी कहने में बुरा महसूस नहीं होता है.
8. बोलने से ज्यादा सुनना पसंद करते हैं.
9. पहली नजर में प्यार नहीं करते हैं.
10. इंपल्स आसानी से कंट्रोल कर लेते हैं.
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